सिकटी (अररिया) : दलील उत्थान के यूं तो बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं परंतु सिकटी प्रखंड क्षेत्र के महादलितों की स्थिति बदतर बनी हुई है। भूख, वस्त्र, आवास, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। महादलित परिवार के अधिकांश बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।
क्षेत्र के सैदाबाद, सालगुडी, रानीकट्टा, ढंगरी, नेमुआ, ठेंगापुर, तीरा, रामनगर, लटहा, घूमगड़ आदि दर्जनों गांवों में महादलित बस्तियों की स्थिति नारकीय बनी हुइ्र है। सड़क किनारे की झुग्गी झोपड़ियां व अर्धनिर्मित इंदिरा आवास में जानवरों सी हालत में रहते हैं वे लोग। बावजूद उनमें से कईयों के नाम बीपीएल सूची तक में दर्ज नहीं हैं। जिस कारण उन्हें इंदिरा आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में महादलित परिवारों में टीबी, दमा, एनीमिया व चर्म रोग फैल रहे हैं। बगुला डागी, घपनीया, आमबाड़ी के सैकड़ों महादलित परिवारों को बुनियादी सुविधा भी मयस्सर नही हैं।
क्षेत्र के महादलित हरि ऋषिदेव, डोमन सदा, मो. कामती फागू सदा आदि ने बताया कि उनके बीच बहुत ऐसे परिवार हैं जिन्हें अपनी जमीन नहीं है। हर ऐसे एक सौ परिवार पर एक विकास मित्र की नियुक्ति का सरकारी प्रावधान है तथा प्रत्येक घर में सरकारी की ओर से ट्रांजिस्टर भी दिया जाना है। साथ ही महादलित टोले में आंगनबाड़ी सेविकाओं की नियुक्ति, समुदायिक भवन एवं उनमें टीवी लगाये जाने की योजना है, लेकिन क्षेत्र के अधिकांश महादलित परिवारों को अभी तक ये सारी सुविधाएं मुहैया नहीं करायी जा सकी है।
0 comments:
Post a Comment