Tuesday, February 14, 2012

मनायी गयी स्वामी दयानंद व रविदास की जयंती


फारबिसगंज (अररिया) : स्थानीय द्विजदेनी विद्यालय परिसर में रविवार को इंद्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में दो महान संत स्वामी दयानंद सरस्वती एवं संत रविदास की जयंती समारोहपूर्वक मनायी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता व कर्नल अजित दत्त ने की। इस मौके पर स्थानीय कवि कृत्यानंद राम को संस्था की ओर से द्विजदेनी स्मृति साहित्य सम्मान 2012 से नवाजा गया।
जयंती समारोह का शुभारंभ पूज्य संत द्वय के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पण के साथ हुआ। फिर सभाध्यक्ष कर्नल दत्त, उमाकांत दास, डा. एनएल दास, डा. एमएल शर्मा, हेमंत यादव शशि, जगत नारायण दास आदि ने स्वामी दयानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन लोगों ने बताया कि देश में व्याप्त तत्कालीन घृणा और द्वेष के स्थान पर सत्य एवं प्रेम का मनोहारी वतावरण बनाने के उद्देश्य से उन्होंने सन 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की थी। स्वामी जी ने अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आजीवन देश भ्रमण किया। उन्होंने बाल विवाह, बहु विवाह एवं छुआछुत का भी विरोध किया।
वहीं मांगन मिश्र मातेण्ड, विनोद कुमार तिवारी, श्री कृष्ण सिंह, डा. मोतीलाल शर्मा, डा. अनुज प्रभात आदि ने संत रविदास पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि उनका जन्म बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी काशी में हुआ था। वे कबीर दास जी के समकालीन थे। वे कबीर और रामानंद दोनों को समान भाव से अपना गुरु मानकर उनके प्रति आदर तथा भक्ति रखते थे। बताया कि संत रविदास यह संदेश देने में सफल रहे कि उच्च कुल में जन्म लेने से ही कोई महान या पूज्य नहीं होता।
जयंती समारोह के अवसर पर ही नरपतगंज, सोनापुर निवासी किसान एवं कवि कृत्यानंद राम को परिषद की ओर से द्विजदेनी स्मृति साहित्य सम्मान 2012 से सम्मानित करते हुए कर्नल दत्त एवं अन्य प्रबुद्धजनों के हाथों शाल ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र आदि से नवाजा गया। कार्यक्रम में संयोजक मनोज तिवारी, मृत्युंजय तिवारी एवं विनोद दास मौजूद थे।

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