Saturday, November 12, 2011

गड़बड़ी के पुराने मामले अब बन रहे गले की फांस


फारबिसगंज(अररिया) । प्रखंड में बिचौलियों और पदाधिकारियों की मिली भगत से योजनाओं में की गई गड़बड़ी से जुड़े पुराने मामले पदाधिकारियों के लिए अब गले की फांस बन रहे हैं। वर्ष 2010 में इंदिरा आवास में मिलीभगत से की गई अनियमितता के एक मामले में फारबिसगंज बीडीओ किशोर कुमार दास की गिरफ्तारी ने बहुत कुछ साफ कर दिया है। इंदिरा आवास लाभुकों की शिकायतों पर पटना के उप सचिव स्तरीय पदाधिकारी के दल द्वारा मामलों की जांच वर्ष 2010 में ही की गयी थी। जिसमें शिकायतों की सत्यता पायी गयी थी। इसके बाद सरकार के आदेश पर फारबिसगंज के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी कुंदन कुमार के द्वारा फारबिसगंज थाना में प्रखंड के पदाधिकारी, कर्मचारी सहित आठ लोगों के खिलाफ धारा 406, 407, 420 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज कराया गया था। जिसमें फारबिसगंज के तत्कालीन बीडीओ अजय कुमार ठाकुर, अभियंता वीर बहादुर सिंह, हरिपुर पंचायत के रोजगार सेवक संजीव कुमार, किरकिचिया के पंचायत सचिव सरवर आलम, हरिपुर के तत्कालीन मुखिया नूर मोहम्मद, तत्कालीन प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अवधेश कुमार मंडल, अम्हारा मुखिया प्रकाश चौधरी, बिचौलिया विजय कुमार ठाकुर शामिल थे।
अनुसंधान के क्रम में तत्कालीन प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी किशोर कुमार दास तथा अम्हारा के पंचायत सचिव बिन्देश्वरी यादव की संलिप्तता भी पायी गयी थी। इन दोनों को मामले में अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था। इंदिरा आवास के इस मामले में गलत लोगों को लाभ देने, इंदिरा आवास के निर्माण की जांच तथा पर्यवेक्षण में अनियमितता बरतते हुए गड़बड़ी करने की बात सामने आयी थी। इसके अलावा गलत तरीके से लाभुकों को इंदिरा आवास की राशि बंदरबाट करने का मामला सामने आया था। जिससे बिचौलियों की बड़ी भूमिका मानी गयी थी।

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