नरपतगंज (अररिया) : प्रदेश सरकार के हवाले से कही गई कि महिला जनप्रतिनिधियों के पति अगर बैठकों में भाग लिया या अनधिकृत प्रवेश किया तो उनपर सख्त कार्रवाई की जायेगी। लेकिन तू डाल-डाल तो मैं पात-पात की तर्ज पर मुखिया पति व सरपंच एवं पंचायत समिति सदस्य के पति ने अब एक नायाब तरीका अपनाया है। एक मुखिया पति ने नाम न छापने के शर्त पर बताया इसमें क्या जाता है, बैठक में न सही साहब के कार्यालय-दफ्तर, आवास में जाकर 'घी' तो निकाला ही जा सकता है। सरकार ने महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए पंचायत चुनाव में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। महिला घूंघट हटाकर सामाजिक सरोकार से जुड़ी भी लेकिन आज भी महिला जनप्रतिनिधियों को उनके 'वेंटीलेटर' पर रखे हुए हैं। क्या इस स्थिति में सशक्तीकरण संभव है? हालात यह है कि आज पंचायत के बहुत से लोग मुखिया का नाम नही जानते हा उनके पति साहब का नाम जरूर याद है। आंकड़े भी बताते है पंचायत समिति की बैठक में महिला जनप्रतिनिधि की उपस्थिति कम ही होती है यहां तक पंचायत सचिव भी पतियों से मिलकर हीं योजना का मजा चखते है। इस संबंध में बीडीओ जागोदास ने कहा सरकारी आदेश का पालन किया जायेगा।
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