अररिया : विकास योजनाओं की गुणवत्ता, स्थल चयन एवं समयावधि के भीतर कार्य पूरा करने को लेकर डीएम एम. सरवणन द्वारा पिछले एक डेढ़ माह से चलाया जा रहा आपरेशन जांच अभियान धीरे-धीरे शिथिल पड़ता दिख रहा है। मंगलवार के बाद पुन: गुरुवार को आत्मन कक्ष में सुबह 8 बजे आयोजित बैठक में अधिकांश अभियंता व अधिकारी नदारद रहे। बैठक में डीएम की गैरमौजूदगी का फायदा उठाते हुए एक सहायक अभियंता ने साफ कह दिया कि गड़ा हुआ मुर्दा उखाड़ने से क्या फायदा मिल रहा है? उनका कहने का तात्पर्य यह था कि पांच-छह वर्ष पूर्व की योजना क्यों चेक करवाया जा रहा है। गुरुवार को तो हद तक हो गयी जब भरगामा के लिए प्रतिनियुक्त एक सहायक अभियंता ने जांच के लिए दिया जा रहा संचिका लेने से इंकार करते हुए चलते बने।
गुरुवार को डीएम की अनुपस्थिति में जिला विकास शाखा के प्रभारी संजय कुमार ने प्रतिनियुक्त अधिकारी व अभियंता को कागजात देकर खरना किया। आज के जांच में प्रखंड के लिए प्रतिनियुक्त वरीय उप समाहर्ता को ही भेजा गया है। साथ ही जांच में योजनाओं के साथ-साथ स्कूलों में बने शौचालय को भी देखना है। बैठक में प्रभारी डीडीसी जफर रकीब, डीईओ राजीव रंजन प्रसाद, आरईओ के कार्यपालक अभियंता क्रमश: यूके मिश्र व मनोज कुमार, डीसीएलआर तौकीर अकरम, डीपीआरओ विधान चन्द्र यादव, रंजन चौहान, एई अनिल कुमार चन्द्र यादव, रंजन चौहान, एई अनिल कुमार समेत सभी बीईओ मौजूद थे।
0 comments:
Post a Comment