Tuesday, November 8, 2011

एक दर्जन गांवों को मिलेगी लोहंदरा की बाढ़ से निजात


अररिया : हिमालय से निकल कर आने वाली लोहंदरा नदी की बाढ़ से तबाह जिले के एक दर्जन गांवों को अब इससे निजात मिलने वाली है। राज्य सरकार ने इस नदी को महानंदा बेसिन बाढ़ नियंत्रण परियोजना में शामिल कर लिया है। अगले वित्तीय वर्ष से इस नदी के दोनों किनारों पर तटबंध निर्माण करवाया जायेगा। यह जानकारी सरकार के संयुक्त सचिव जयकिशोर द्वारा लिखे गये पत्र में दी गयी है।
लोहंदरा की बाढ़ से इलाके को त्राण दिलाने का प्रयास कर रहे रहटमीना निवासी वीरेंद्र नाथ मिश्रा को लिखे गये पत्र में संयुक्त सचिव ने कहा है कि महानंदा बाढ़ प्रबंधन योजना के अंतर्गत फेज चार में लोहंदरा के दोनों किनारों पर तटबंध बनाया जायेगा। इससे खासकर रहटमीना व सझिया को हरसाल आने वाली भीषण बाढ़ व जल जमाव की त्रासदी से छुटकारा मिल जायेगा।
ज्ञात हो कि लोहंदरा नदी अपर महानंदा बेसिन के अंतर्गत आती है तथा नेपाल की पहाड़ी से निकलने के बाद सोनामनी गोदाम के निकट अररिया जिले में प्रवेश करती है। फिर पलासबनी, परवत्ता, रहटमीना, सझिया, वीरवन, पगडेरा, सोता सौरगांव, झमटा, मेटन आदि गांवों में बाढ़ का तांडव मचाते हुए दोमोहना के पास भलुवा से मिलकर चरारनी के निकट परमान से मिल जाती है। इस नदी से कुर्साकाटा व अररिया प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांवों में हर साल भारी तबाही मचती है। करोड़ों की फसल बरबाद होती है और सैकड़ों परिवार गृहविहीन हो जाते हैं।
गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने भी इस नदी की विभीषिका से त्रस्त गांवों के बारे में लगातार खबरें प्रकाशित की हैं। अब सरकार द्वारा बाढ़ प्रबंधन योजना के तहत लोहंदरा के चयन से लोगों में हर्ष व्याप्त है।

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