Monday, November 7, 2011

जयंती पर याद किये गये कालीदास व भवभूति


फारबिसगंज(अररिया) : स्थानीय द्विजदेनी उच्च विद्यालय परिसर में रविवार को इंद्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में संस्कृत के दो प्रकांड विद्वान महाकवि एवं नाटककार कालीदास और भवभूति की जयंती कर्नल अजीत दत्त की अध्यक्षता में समारोहपूर्वक आयोजित की गयी।
इन महान विभूति के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के उपरांत मांगन मिश्र मार्तण्ड और डा. मोती लाल शर्मा ने कालीदास की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनकी रचनाएं विश्व प्रमुख भाषाओं में अनुवादित हो चुकी है। कुमार संभवम, रघुवंशम, मेघदूतम तथा अभिज्ञान शंकुतलम कालीदास की विश्वस्तरीय रचनाएं हैं। कहा कि संस्कृत के इस महाकवि को सेक्स पियर से भी अधिक ख्याति और सम्मान मिला है। वहीं महेन्द्र नारायण झा, प्रणय प्रसुन और कार्यक्रम के संचालक विनोद कुमार तिवारी ने भवभूति के बारे में कहा कि वे कवि ही नहीं बल्कि एक महान नाटककार भी थे। बताया कि महाराष्ट्र के विदर्भ निवासी भवभूति ब्राह्मण थे तथा कन्नौज के राजा यशोवर्मन के दरबार के महत्वपूर्ण अंग थे। उनके तीन नाटक महावीर चरित, मालती माधव एवं उत्तर राम चरित काफी प्रसिद्धी प्राप्त की। वे अपनी रचनाओं में रहस्य एवं सजीव चित्रण के लिए विख्यात है।
समारोह में डा. एनएल दास, भुवनेश्वर लाल दास, राजनारायण प्रसाद, मनोज कुमार तिवारी, बिहारी झा, दीप नारायण नायक, बोध नारायण भगत, विनोद दास आदि उपस्थित थे।

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