फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज में जिस हिसाब से वाहनों की संख्या बढ़ रही है उस हिसाब से यातायात प्रबंधन पर ध्यान हीं नही दिया गया। खासकर छोटे शहरों, कसबों में भीषण सड़क जाम की समस्या से सभी वर्ग के लोग परेशान है। फारबिसगंज शहर में कोई ऐसा चौक-चौराहा, सड़क-गलि नही है जहां प्रतिदिन घंटों सड़क जाम नही लगता हो। जोगबनी जैसे छोटे शहर में वाहनों का जितना आवागमन है उसके लिये स्थायी और समुचित यातायात व्यवस्था आज तक नही किया जा सका।
स्थानीय प्रशासन के पास जाम से निजात दिलाने के लिये जितने संसाधन और विकल्प है उसका सही तरीके से कभी इस्तेमाल ही नही किया। जिस कारण जाम की समस्या विकराल होती चली गई।
उपलब्ध संसाधन तथा विकल्प
- शहरों में भारी वाहनों के प्रवेश पर दिन के समय रोक लगायी गयी है। लेकिन नियमों की अनदेखी कर सामान लदे ट्रकों को शहर में दिन भी ले जाया जाता है।
- मुख्य सड़क सहित छोटी सड़कों को अतिक्रमण से नियमित रूप से मुक्त कराने से सड़क जाम से कुछ राहत मिल सकती है।
- शहर के प्रवेश द्वार सुभाष चौक से होकर मार्केटिंग यार्ड जाने वाली छोटी सी पीसीसी सड़क पर एफसीआई, एसएफसी, बिहार राच्य भडार निगम तथा बाजार समिति के व्यापारियों का सैकड़ों ट्रक, ट्रैक्टर प्रतिदिन गुजरता है। जो यहां जाम की मुख्य वजह है। इन सड़कों वाहनों को सुभाष चौक की बजाय करीब 400 मीटर पूर्व अशोक पेट्रोल पंप के बगल से बनी सड़क से मार्केटिंग यार्ड भेजा जा सकता है। इससे चौक पर जाम से निजात मिलेगी और बाजार क्षेत्र का विकास भी होगा।
- अस्पताल रोड रेफरल मोड़ पर लगने वाले अवैध टेंपू स्टैंड को इसके निर्धारित स्टैंड पर भेजकर जाम को कम किया जा सकता है।
- ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था करना।
शहर के मुख्य जाम स्थल
- सुभाष चौक, अस्पताल रोड, छुआपट्टी, स्टेशन चौक, मार्केटिंग यार्ड गेट, दरअसल स्थानीय प्रशासन सड़क जाम को लेकर कभी गंभीर नही दिखा। उपर का आदेश मिलने पर अतिक्रमण हटाने की महज खानापूर्ति की जाती रही है।
आबादी एवं वाहनों की संख्या बढ़ने से जाम बड़ी समस्या बन चुकी है। नगर परिषद, व्यापारी वर्ग, गणमान्य लोगों तथा पुलिस प्रशासन की एक बैठक बुला कर किसी भी निर्णय पर आम सहमति बनाकर कार्रवाई की जायेगी। अवैध टेंपू स्टैंड को हटाने के लिये दंडाधिकारी नियुक्त किये जा रहे है। जाम की समस्या को लेकर प्रशासन कई विकल्पों पर विचार कर रहा है। यह बातें फारबिसगंज एसडीओ गिरिवर दयाल सिंह ने कही।
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