Monday, December 27, 2010

किरदार से होती है इंसान की पहचान

अररिया : इंसान अपने एखलाक और किरदार के चलते पहचाना जाता है। बेहतर इंसान वहीं है जिनके एखलाक और किरदार दोनों बुलंद है। यह बातें असलाहे मआसरा तंजीम के मौलाना हदीशुल्लाह नसर भागलपुरी ने कही। शनिवार की देर रात जोकीहाट प्रखंड के अरतिया गांव में एक जलसे को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज बुराईयां सरेआम है। लोग पानी की तरह शराब पीते है तथा नशीली चीजों का सेवन एक फैशन का रूप ले चुका है। जबकि शराब हराम है क्योंकि ये तमाम बुराईयों की मां है। इससे बचने की जरूरत है। जलसे की शदारत मौलाना आबिद अनवर ने की। जबकि इस मौके पर मुफ्ती इसलामुद्दीन, मौलाना अमीन खान चतुर्वेदी, मौलाना नबी हसन, मौलाना सलमान ने भी अपनी तकरीरें पेश की। जबकि मास्टर अबु बसर, गुलाम रब्बानी और मो. कमरूज्जमा ने नात पाक पेश किया। जलसे को सफल बनाने में प्रबंधन समिति अरतिया के युवाओं ने प्रमुख भूमिका निभायी।

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