Wednesday, December 29, 2010

कौन ठग रहा किसानों को?

अररिया : राज्य सरकार जिले के किसानों की बेहतरी के लिये सुविधाओं का पिटारा खोल रही है,पर शत प्रतिशत लाभ उन तक नहीं पहुंच रहा है। वहीं सुविधाओं के नाम पर अवैध उगाही की शिकायत भी आम हैं।
सबसे पहले बात नेता जी सुभाष स्टेडियम में विगत दिनों आयोजित कृषि मेला की। इस मेले के माध्यम से किसानों को कृषि यांत्रीकरण के बारे में जानकारी व खेती के लिये अनुदानित दर पर जरूरी यंत्रों की सप्लाई करवानी थी। लेकिन किसानों ने अररिया के एसडीओ डा. विनोद कुमार व जिला कृषि पदाधिकारी वैद्यनाथ यादव के सामने ही मशीन आपूर्ति करने के लिये डीलरों द्वारा आर्थिक शोषण व मनमानी की शिकायत कर डाली।
जानकारी के मुताबिक तीन दिन पहले आयोजित कृषि मेले में कृषि विभाग ने जिन किसानों को सिंचाई मशीन प्राप्ति का टोकन दिया था, उन्हें अब तक मशीन नहीं मिल पायी है। किसानों ने बताया कि मेले में उन्हें महतो ट्रेडिंग कंपनी के नाम से मशीन प्राप्ति का टोकन दिया गया था। इस कंपनी ने अब तक उन्हें मशीन नहीं दी है। जीरो माइल पर जहां कंपनी का कार्यालय होने की बात कही गयी थी, वहां कुछ नहीं है।
किसानों की मानें तो मशीन के नाम पर उनसे अनुदान की आधी राशि कमीशन स्वरूप मांगी जा रही है। भईया, जानबे करते हैं, आज कल के जमाना में बिना खर्चा..। आखिर यह कमीशनखोरी कौन कर रहा है?
इतना ही नहीं, जिस किर्लोस्कर ब्रांड मशीन की कीमत खुले बाजार में 17 हजार है, कृषि मेले में उसी को साढ़े बाईस हजार में बेचा जा रहा है। इसी तरह बाजार में तेरह हजार पांच सौ में मिलने वाली उषा ब्रांड की मशीन के लिये कृषि मेला में 21 हजार लिये जा रहे हैं। मूल्यों में यह अंतर क्यों है? किसानों ने मेला में इन गड़बड़ियों के बारे में खुला आरोप लगाया था।
इस संबंध में जब जिला कृषि पदाधिकारी वैद्यनाथ यादव को बताया गया तो उन्होंने पूरे मामले की जांच की बात कही। लेकिन सवाल यह कि किसानों को मशीन क्या पटवन सीजन बीत जाने के बाद मिलेगी?

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