जोगबनी (Jogbani Araria) : कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर पंजाब के एक युवक का अपहरण करने के मामले का पर्दाफाश अररिया पुलिस ने शुक्रवार को किया। पंजाब के पटियाला निवासी 25 वर्षीय मनप्रीत सिंह अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचकर भारत-नेपाल बार्डर पर पहुंच गए और जोगबनी थाने की पुलिस ने उन्हें कब्जे में ले लिया।
जानकारी के अनुसार मनप्रीत सिंह को विगत एक सप्ताह से नेपाल में किसी अज्ञात स्थान पर एक कमरे में बंद कर रखा गया था। इस दौरान उन्हें मारपीट व डराया-धमकाया जा रहा था। मनप्रीत का अपहरण किस उद्देश्य से किया गया, इसका खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।
अररिया पुलिस अधीक्षक शिवदीप लांडे ने बताया कि बरामद युवक के परिजनों को सूचना दे दी गई है। परिजनों के आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मनप्रीत ने बताया कि उनके पिता परमजीत सिंह पटियाला पुलिस में एसआई हैं। उन्हें कनाडा में नौकरी दिलाने के लिए पिता से कुणाल नामक एजेंट ने संपर्क किया था। पिता ने अच्छी नौकरी मिलने की आस पर उन्हें कुणाल के साथ कनाडा भेजने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद कुणाल उन्हें एक सप्ताह पूर्व पहले कोलकाता ले जाने के लिए निकला। लेकिन कुणाल उन्हें लेकर बागडोगरा पहुंच गया, जहां उसने अपने एक साथी राणा से उनका परिचय करवाया। इसके बाद उसे एक होटल में ले जाया गया। होटल में उसे पीने के लिए पानी दिया गया। इसके बाद उसने अपना होश खो दिया। जब उसे होश आया तो उसने अपने को एक बड़े कमरे में पाया, जहां हाथ में पिस्टल लिए 5-6 की संख्या में युवक उनकी निगरानी कर रहे थे। कमरे में और तीन लोगों को बांध कर रखा गया था। वे लोग उनके साथ बुरी तरह मारपीट करते व डराते-धमकाते थे। विगत एक सप्ताह तक वे लोग उन्हें मारते रहे। इस दौरान वे लोग कहते थे कि जो कहेंगे वो करोगे या नहीं? लेकिन वे क्या चाहते थे इसका खुलासा नहीं करते थे।
मनप्रीत ने बताया कि उसे वे लोग कहीं और ले जाना चाहते थे, जिसके लिए उसे डरा-धमका कर शुक्रवार को कमरे से निकाला गया। लेकिन किसी तरह वह चकमा देकर एक अन्य यात्री बस में चढ़ गए, जो विराटनगर (नेपाल) में आकर रूकी, जहां से वे जोगबनी पहुंचे। वे लोग उनका पीछा करते हुए बार्डर तक आ गए थे, लेकिन तब तक शायद अररिया पुलिस अधीक्षक को इसकी सूचना मिल गई और जोगबनी पुलिस ने सुरक्षा के साथ थाने ले आया। मनप्रीत ने बताया कि उसके अलावे वहां जिन तीन लोगों को रखा गया था उसे छोड़ दिया गया या मार दिया गया इसकी जानकारी उन्हें नहीं है, हां गोली की आवाज उसने जरूर सुनी थी। एसपी ने बताया कि अपहरण के पीछे बदमाशों की क्या मंशा थी, इसका खुलासा छानबीन के बाद ही हो पाएगा। क्योंकि अपहत्र्ता द्वारा फिरौती अथवा किसी प्रकार की मांग उनके पिता से नही की गई है।