अररिया (Araria Nagar Parishad) : अररिया नगर परिषद द्वारा ठोस कचरा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए दो वर्ष पूर्व क्रय किये गये 1 एकड़ 91 डिस्मील का निबंधन रद्द होने तथा जमीन मालिक द्वारा 63 लाख 23 हजार रुपया जमा कर देने के बाद भी यह मामला उलझता जा रहा है। नगर परिषद अररिया द्वारा केवाला नं. 1190 में खेसरा 1796 अंतर्गत एक एकड़ 37 डी. तथा केवाला नं. 1191 में खेसरा 776 अंतर्गत 0.54 डी. जमीन क्रय किया था। यह जमीन राजकुमारी देवी व ओमप्रकाश भगत की थी।
अब जिला पदाधिकारी एम. सरवणन के आदेश पर अंचल पदाधिकारी द्वारा उक्त प्लाट की नापी कराई गई तो इस मामले में नया मोड़ आ गया है। डीएम श्री सरवणन ने अररिया सीओ को पत्रांक 297 21 फरवरी के द्वारा डीएम को सौंपे गये रिपोर्ट में उक्त स्थल पर कागज के अनुसार 35 डी. जमीन गायब मिली है तथा 17 डि. जमीन सरकारी दर्शाई गई है, जिसे जमीन मालिक ने नगर परिषद को निबंधित किया था। सीओ की रिपोर्ट के बाद नगर परिषद के अमीन पर कार्रवाई की तलवार लटकनी तय है। क्योंकि नगर परिषद के अमीन ने अपने रिपोर्ट में ऐसा कुछ नही दर्शाया था। इधर डीएम श्री सरवणन ने एडीपीआरओ योगेन्द्र कुमार लाल के माध्यम से बताया कि नापी रिपोर्ट आने के बाद नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है। श्री लाल के अनुसार नापी रिपोर्ट में 35 डी. जमीन कम है तथा 17 डी. सरकारी जमीन है। डीएम के अनुसार उनके द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमिटी के रिपोर्ट तथा स्पष्टीकरण का जवाब आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी।
इधर जानकारों की माने तो वर्णित स्थल के बीचोबीच करीब 85 फीट चौड़ा नहर तथा 22 फीट चौड़ा छहर की भी जमीन है, जो क्रय किये गये एक एकड़ 91 डी. जमीन को तीन भाग में विभक्त करता है। इसके बावजूद उस जमीन को सशक्त स्थाई समिति तथा नप प्रशासन ने कैसे चयनित कर क्रय किया?
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