अररिया (Araria Bihar) : घनी आबादी, उंचे-उंचे मकान के नीचे जल जमाव की समस्या। यही है वार्ड संख्या 16 की पहचान। वार्ड के चारों ओर रिहायसी माहौल लेकिन दो वार्डो को जोड़ने वाली सड़क विकास के लिये तरह रहा है। वार्ड के हर एक गली में पीसीसी ढलाई वाली सड़ है लेकिन जल निकासी का कोई साधन ही नही। हो भी कैसे। इस वार्ड को छूने वाली किसी भी सीमा में मुख्य नाला है ही नही। वार्ड पश्चिमी हिस्से में जोगबनी तक जाने वाली उच्च मार्ग, दक्षिण में बस स्टैंड से एडीबी चौक तक आने वाली सड़ तथा उत्तर में महादेव चौक से गुड्डू जेनरल स्टोर वाली सड़क से घिरे इस वार्ड में जल निकासी के लिये कोई साधन भी नही है। शायद वार्ड प्रतिनिधि भी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुये एक भी नाला का निर्माण नही कराया। बरसात का मौसम छोड़ भी दें तो अन्य समय में शहर के अधिकांश सड़कों पर जल जमाव आसानी से दिख जायेंगे। ऐसी समस्या कहीं-कही जरूर है लेकिन अधिकांश हिस्सों में सड़क उंचा रहने के कारण वार्ड वासी के घर आंगन में यह समस्या जटिल है।
पांच हजार आबादी वाले इस वार्ड में मतदाताओं की संख्या 1300 है। इन मतदाताओं में कुल 534 कार्ड धारक है, जिनमें 125 बीपीएल तथा 30 लोगों को अन्त्योदय योजना का लाभ भी मिल रहा है। वार्ड में दो आंगनबाड़ी केन्द्र कार्यरत है। लेकिन सरकारी विद्यालय का आभाव। इस वार्ड में एक भी सरकारी विद्यालय नही रहने के बावजूद साक्षरता दर औसतन ज्यादा है।
क्या कहते हैं वार्ड वासी:-
अधिवक्ता श्याम लाल यादव ने बताया कि उनके वार्ड में सड़क का अभाव नही है लेकिन नाला के आभाव में जल जमाव की समस्या बरकरार है। उनका कहना है कि वार्ड वासियों के अनुरूप पार्षद खरा उतर नही रहे हैं।
वहीं साकेत कुमार ने बताया कि सब सुविधा से पूर्ण रहने के बाद भी वे लोग जल जमाव की समस्या से जूझ रहे है। यही समस्या द्विजेन्द्र नाथ दास एवं शशांक कुमार ने भी वार्ड के लिये गंभीर बताया। विजय कुमार झा का कहना है कि वार्ड में सफाई अभियान तथा जल जमाव की समस्या दूर करने के लिये पार्षद को सार्थक पहल करना चाहिये।
क्या कहते हैं वार्ड पार्षद:-
वार्ड पार्षद संजय अकेला का कहना है कि वार्ड वासियों के अपेक्षा के अनुरूप हमेशा से खरा उतरने का प्रयास किया है। उनका कहना है कि उनके वार्ड में मुख्य नाला नही रहने के कारण छोटे-छोटे नाला का निर्माण नही कराया जा सका है। लेकिन उन्होंने भी इस समस्या को जटिल बताया।
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