फारबिसगंज(अररिया) : सिमराहा मध्य विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सिमराहा थाना का घेराव कर प्रदर्शन किए जाने की घटना ने स्कूल की व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं विद्यार्थियों के इस प्रदर्शन से विद्यालय का शैक्षणिक माहौल तो बिगड़ा ही है, गुरु शिष्य की परंपरा को भी आघात लगा है। विद्यार्थियों का आरोप है कि उन्हें पिछले दो वर्षो से पोशाक राशि नहीं मिली है। अन्य कई सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि विद्यालय के प्रधानाध्यापक नुनू लाल पासवान का कहना है कि बच्चों की सूची तो भेजी गयी लेकिन राशि अब तक नहीं मिली है। हैरत की बात कि सूची भेजे जाने के बाद भी दो वर्षो से पोशाक राशि विद्यालय को उपलब्ध नहीं कराया गया। पोशाक की राशि आवंटन में आखिर विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है। जबकि सरकारी स्तर पर नियमित रूप से योजनाओं की राशि उपलब्ध कराये जाने और राशि की कमी नहीं रहने की बातें दोहरायी जाती रही है। शैक्षणिक परिभ्रमण के लिए पिछले माह ही सभी विद्यालयों को राशि उपलब्ध करायी गयी थी। जबकि बच्चों का आरोप है कि उन्हें परिभ्रमण पर नहीं ले जाया गया। बच्चों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल से नाम काटे जाने के बाद नाम जोड़वाने के लिए एक सौ रूपया मांगा जाता है। भोजन की गुणवत्ता भी सही नहीं रहता है। बच्चों ने अपने अधिकार के लिए आवाज बुलंद की और सिमराहा थाना का घेराव कर डाला तब जाकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद टूटी। सवाल उठता है कि पिछले दो वर्षो से विद्यालय में यदि गड़बड़ियां थी तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने समय पर समुचित कार्रवाई क्यों नहीं की। डीपीओ प्रदीप कुमार ने विद्यालय की जांच भी की। उन्होंने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है। फिलहाल जांच के बाद ही अनियमितताओं की शिकायतों की असलियत सामने आ सकेगी।
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