अररिया : जोकीहाट प्रखंड अंतर्गत प्रसादपुर डुमरिया पंचायत में बीआरजीएफ योजना से मुखिया व मुखिया पुत्र समेत छह लोगों द्वारा जालसाजी कर 24 लाख गबन करने के मामले में कहीं न कहीं बैंक कर्मी भी संलिप्त है। इस बात की पुष्टि प्राथमिकी दर्ज करने वाले पंचायत सचिव सुरेन्द्र नाथ झा ने भी की है। प्राथमिकी में श्री झा ने आरोप लगाया है कि बिना बैंक कर्मी के सहयोग से इतनी बड़ी रकम जालसाजी कर भुगतान नही कराया जा सकता है। पंचायत सचिव श्री झा ने बताया है कि बीआरजीफ की खाता संख्या 30348582641 एवं बारहवीं वित्त मद की खाता संख्या 30349411864 से कुल 24 लाख 41 हजार की राशि फर्जी हस्ताक्षर कर एसबीआई शाखा कृषि बाजार प्रांगण से भुगतान किया गया। इस भुगतान के लिए कुल 18 चेक क्रमांक संख्या 041651, 653, 655, 656, 659, 660, 661, 663 तथा बारहवीं वित्त योजना की चेक संख्या 041630, 633, 634, 635,638, 639, 640, 827 एवं 826 काटा गया। इसमे सबसे अधिक राशि का चेक मुखिया पुत्र आफताब आलम के नाम साढे़ पांच लाख काटा गया, जबकि दूसरे नंबर पर मो. एखलाक एवं तीसरे नंबर पर रागिब है।
अब सवाल उठता है कि छोटे मोटे रकम के के लिये बैंक कर्मी हस्ताक्षर का मिलान करते है, तो फिर इतनी बड़ी रकम की उगाही के लिये पंचायत सचिव का हस्ताक्षर क्यों नहीं मिलान किया गया। कहा जाता है कि नेचर और सिगनेचर कभी भी नही बदलता है,और फर्जी सिगनेचर करने वाले कितना भी एक्सपर्ट क्यों न हो कुछ न कुछ अंतर आता हीं है। तो फिर बैंक कर्मी इस अंतर को क्यों नही पकड़ पाये?
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