Friday, July 1, 2011

राहुल के दौरे का निहितार्थ ढूंढ़ने में जुटे राजनीतिज्ञ


अररिया : शुक्रवार को कांग्रेस के युवा सांसद राहुल गांधी के फारबिसगंज पहुंचने के साथ ही यहां राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है। राजनेता राहुल के दौरे का निहितार्थ ढूंढने में लगे हैं। जानकार राहुल के दौरे को महज राजनीतिक करार दे रहे हैं। कारण बताया जा रहा है कि जब कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिजनों को पहले ही मुआवजा दे चुकी है तो फिर राहुल के दौरे का क्या मतलब? इसी वजह से उनका राजनीतिक विरोध भी शुरू हो गया है। ज्ञात हो कि शुक्रवार को राहुल गांधी फारबिसगंज के भजनपुर गांव निर्माणाधीन स्टार्च फैक्ट्री में गत तीन जून को हुए गोलीकांड में मारे गये लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की तथा उन्हें सांत्वना दी। जबकि उन्होंने पीड़ित परिजनों के लिए कुछ भी घोषणा नहीं की। वहीं राजनीतिक हल्कों में यह चर्चा है कि इससे पूर्व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष महबूब अली कैसर भजनपुर गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की थी तथा उनकी व्यथा से पार्टी के आलाकमान को अवगत कराया था। इसके बाद ही कांग्रेस पार्टी की ओर से निर्णय लिये गये थे तथा प्रत्येक मृतक के परिजनों को एक-एक लाख की सहायता राशि दी गयी थी एवं घायलों को 10-10 हजार दिये गये थे। पार्टी की ओर से पीड़ितों को मदद दिये जाने के बाद राहुल गांधी का पहुंचना राजनीतिक हल्के में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं चर्चा यह भी है कि राहुल पीड़ित परिवार से मिले जबकि फैक्ट्री के कर्मचारी हाथ में तख्तियां लिए उनसे मिलने की गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी नहीं सुनी गयी। न ही उन्होंने घटना के दूसरे पक्षों के संबंध में कोई जानकारी ली। इन्हीं वजहों से राजनीतिक हल्कों में उनके दौरे को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं। यही कारण है कि उनके जाने के साथ ही विपक्षी पार्टियों ने उनका विरोध भी शुरू कर दिया है। जद यू कार्यकर्ताओं ने तो उन पर लाश की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पुतला तक फूंक डाला। जो भी हो, इतना तो तय है कि राहुल के इस दौरे ने राजनीतिक तापमान तो बढ़ा ही दिया है।

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