फारबिसगंज (अररिया) : जन वितरण प्रणाली में कुछ सही नहीं चल रहा है। गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों के लिये सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे अनाज में लूट-खसोट जारी है। फारबिसगंज अनुमंडल के नरपतगंज प्रखंड अंतर्गत गटगामा गांव में बीते दिनों पकड़े गये 100 बोरा गेहूं के मामले से लूट-खसोट का मामले की पुष्टि हुई है। इससे पूर्व फारबिसगंज शहर के जुम्मन चौक के समीप कालाबाजारी के लिये गोदाम में रखे सैकड़ों बोरा चावल पकड़ा गया था। जबकि भरगामा प्रखंड में भी कई बार सरकारी अनाज ग्रामीणों द्वारा पकड़ा जा चुका है।
इतना कुछ के बाद भी सरकारी अनाज का लूट-खसोट अनवरत जारी है। डीलरों की मनमानी, अधिकारियों की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से गरीबों की हकमारी हो रही है।
चार दिन पूर्व नरपतगंज के गोरराहा पंचायत के गरगामा गांव में चौकीदार तथा ग्रामीणों द्वारा सड़क पर पकड़े गये गेहूं के मामले में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सी. झा के द्वारा डीलर योगेन्द्र प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराया गया है। रात को करीब एक सौ बोरा गेहूं को डीलर के यहां से ट्रैक्टर पर लाद कर कालाबाजारी के लिये भेजा जा रहा था। लेकिन डीलर योगेन्द्र प्रसाद के घर से महज कुछ दूरी पर हीं रात में ड्यूटी पर मौजूद चौकीदार गौरी ऋषिदेव तथा ग्रामीणों द्वारा टै्रक्टर को रोककर जांच करने पर मामला उजागर हुआ। हालांकि गेहूं का बोरा उतारकर ट्रैक्टर को फरार होने का मौका दे दिया गया। बाद में एमओ श्री झा द्वारा डीलर योगेन्द्र के यहां गोदाम में स्टाक की जांच करने पर नये तथ्यों का भी खुलासा हुआ। जांच में डीलर के यहां नौ क्विंटल गेहूं के अलावा 21 क्विंटल चावल भी कम पाया गया। हैरत की बात है कि कूपन सिस्टम लागू होने के बावजूद लूट-खसोट पकड़ में नहीं आती है तो क्या यह मिलीभगत का परिणाम है? नरपतगंज प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी चन्द्रशेखर झा ने कहा कि बिचौलियों पर नजर रखी जा रही है। इधर जानकार बताते है कि सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में जविप्त की हालत बेहद खराब है। डीलरों के पास पूर्व से सैकड़ों लाभुकों का कूपन जमा रहता है। अगर गहण छानबीन की जाय तो कुछ अधिकारियों की गर्दन भी फंस सकती है।
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