Tuesday, June 28, 2011

कब पूरा होगा ग्रीन रिसार्ट का सपना?


अररिया : अररिया जिले के रानीगंज में बिहार का सर्वोत्तम ग्रीन रिसार्ट बनने की पूरी संभावना मौजूद है। लेकिन इसके लिये जैसी त्वरित पहल होनी चाहिये वह नहीं हो रही। इस साल फंड के अभाव में काम पूरी तरह बंद है।
वेट लैंड्स इंटरनेशनल व इंडियन ब‌र्ड्स कंजर्वेशन नेटवर्क (आइबीसीएन) के बिहार कोआर्डिनेटर अरविंद मिश्रा के मुताबिक जिले के रानीगंज स्थित कजरा धार सहित कई अन्य जलाशयों में बर्ड लाइफ अब भी समृद्ध है तथा इसके संरक्षण के लिये सरकार द्वारा शीघ्र पहल होनी चाहिये।
उन्होंने बताया कि वे पक्षी विशेषज्ञों की अपनी टीम के साथ रानीगंज में निर्माणाधीन वृक्ष वाटिका व कजरा वाटर एरिया का सघन सर्वे कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि वहां उन्होंने दुर्लभ पाइड हैरियर,मीडस व लेसर एडजूटेट के अलावा प्रवासी पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजाति देखी। इनमें कूट, ग्रे नैक्ड लैपविंग,वाटर पिफिट, लिटिल रिंग्ड पुलोवर, कामन सैंडपाइपर, लिटिल स्टिंक्ट, पेंटेड व कामन स्नाइप आदि प्रमुख है। उन्होंने बताया कि रानीगंज में बन रही वृक्ष वाटिका के निकट होने के कारण इस स्थान को प्रदेश के सर्वोत्तम ग्रीन रिसार्ट में विकसित किया जा सकता है। लेकिन काम में गति लाना आवश्यक है।
श्री मिश्रा के अनुसार कजरा धार का नब्बे फीसदी हिस्सा आइकोर्निया नामक जल वनस्पति से भरा हुआ है। यह किसी भी जल क्षेत्र के लिये घातक होता है। क्योंकि इससे पैदा होने वाली सड़न सतह को उथला बना देती है। इसके डिस्पोजल के लिये सरकार व आम जनों को शीघ्र आगे आना चाहिये। अन्यथा अगले कुछ समय में पूरा वाटर एरिया समाप्त हो जायेगा।
विदित हो कि तीन चार वर्ष पहले सिानीय विधायक सह वन मंत्री रामजी ऋषिदेव की पहल पर रानीगंज बाजार से उत्तर कजरा धार तट पर एक विशाल भूभाग में करोड़ों की लागत से वृक्ष वाटिका का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था, लेकिन विभागीय शिथिलता की वजह से काम फिलहाल बंद है। इस संबंध में पूछे जाने पर रेंज आफिसर जेके सिंह ने बताया कि इस साल अब तक कोई फंड नहीं प्राप्त हुआ है। जिससे मेन काम रुका हुआ है, हालांकि पौधा रोपण व संरक्षण जैसे काम चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक प्राप्त हुई राशि से बाउंड्री वाल व गेट आदि बन चुके हैं। इस साल के लिए इस्टीमेट बना कर भेजा जा चुका है। राशि आने के बाद काम प्रारंभ होगा।

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