अररिया, विसं: ब्रिटिशकालीन अररिया जेल की दीवाल पिछले चक्रवाती तूफान में ढह गयी। जिस कारण यहां के कैदियों को कटिहार जेल में रखना तो पड़ रहा है। परंतु इस दीवाल का पुर्ननिर्माण नहीं होने से जहां विभागीय कार्य शिथिलता सामने आ रही है तो लंबित मामले के निष्पादन में बाधा उत्पन्न हो रहा है।
विदित हो कि पिछले दिनों चक्रवाती तूफान के आने से जिले के जन मानस जहां इस प्राकृतिक कोप का शिकार हुए तो अररिया का जेल की दीवाल भी गिर गया। जिस कारण सुरक्षा की दृष्टिकोण से अदालत द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में जेल में रखे कैदियों को कटिहार जेल स्थानांतरण कर दिया गया। उसी वक्त से इन कैदियों की अदालत में निर्धारित समय में पेशी के लिए कटिहार से ले आने-जाने की कार्य जारी है।
जिस कारण कई बार यह स्थिति सामने आया की कतिपय कारणों से कैदियों की पेशी अदालत में नहीं हो पाता है। इस परिस्थिति में न्यायार्थियों को कई दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। वहीं लंबित वादों के निष्पादन में विलंब होता है।
जबकि इस संबंध मं अधिवक्ता संघों द्वारा संबंधित विभाग से कई बार ध्यान आकृष्ट किया गया तथा माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूर्णिया की अध्यक्षता में अररिया कोर्ट में संपन्न हुए मोनेट्रिंग सेल की बैठक में इस बात की चर्चा छायी रही। साथ ही इस संबंध में कारा अधीक्षक एवं सहायक अभियंता ने गिरे दीवाल को शीघ्र पुर्ननिर्माण के लिए आश्वासन भी दिया था। बावजूद इस संवेदनशील मुद्दा ठंडे ही बस्ते में पड़ा
इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन अररिया के अध्यक्ष लक्ष्मी ना. यादव ने कहा कि जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है तथा जिले में कैदियों को कटिहार से शीघ्र अररिया जेल वापस बुलाने के लिए पत्राचार भी किया गया है। कारण कैदियों को कटिहार जेल में रहने से पेशी में बाधा हो रही है। वहीं संबंधित कारा अधीक्षक एवं सहायक अभियंता को भी जिला न्यायाधीश के समक्ष दिये आश्वासन का अब तक अमलीजामा नहीं दिया है। जो संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा हैI
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