Friday, December 3, 2010

मंडल कारा: अब तक वापस नहीं आये विस्थापित कैदी

अररिया, निसं: बिना बारात के विवाह आयोजन जैसा हाल है मंडल कारा का। चक्रवाती तूफान में आठ माह पूर्व क्षतिग्रस्त होने के बाद मरम्मत हो कर तैयार तो है मंडल कारा लेकिन अब तक यहां से विस्थापित कैदियों को वापस नहीं लाया जा सका है।
विदित हो कि आठ माह पूर्व के भीषण चक्रवाती तूफान में अररिया मंडल कारा की पश्चिम दीवार टूट कर गिर गयी थी। इसके बाद कैदियों को कटिहार कारागार में विस्थापित कर दिया गया था। इस बीच यहां का कारागार मरम्मत के बाद सजधज कर तैयार है, लेकिन कटिहार कारा से कैदियों को अररिया स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है।
कैदियों का स्थानांतरण नहीं होने से जहां कारा कर्मियों के समक्ष समस्याएं बरकरार है वहीं मुलाकातियों व कैदियों दोनों को अनावश्यक परेशानी उठाना पड़ रही है।
कारा में कैदियों के स्थानांतरण के संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय जेल प्रशासन चुप्पी साधे है, लेकिन सूत्रों की मानें तो कैदी स्थानांतरण की प्रक्रिया जेल आइजी की स्वीकृति की प्रतीक्षा में है।
वहीं स्थानीय एक जेल कर्मी ने नाम नहीं छापने के श‌र्त्त पर बताया कि कैदियों के स्थानांतरण नहीं होने से कारा कर्मियों को भी अनावश्यक परेशानी झेलना पड़ा है। क्योंकि न्यायालय ले आने आला जमानत अर्जी के अलावे कैदियों को सुरक्षित कटिहार कारा तक पहुंचाना पड़ता ही है साथ ही न्यायालय में कैदियों को उपस्थित करवाने में भी काफी मशक्कत झेलनी पड़ती है। वहीं कई मुलाकातियों का कहना है कि उन्हें अपने परिजनों से मिलने के लिए कम से कम दो दिनों का समय अनावश्यक रूप से व्यतीत करना पड़ता है। इन परिजनों का यह भी कहना है कि न्यायालय से जमानत मिलने के बाद भी कैदियों को जेल से छुड़ाने में दो दिनों का समय लगता है। क्योंकि जमानत अर्जी पहले मंडल कारा अररिया पहुंचता है फिर उनका कर्मी डाक को लेकर दूसरे दिन कटिहार पहुंचाता है। ऐसी परिस्थिति में समय के साथ-साथ अनावश्यक खर्च का भी वहन करना पड़ता है।
इधर, कई सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन एवं जेल प्रशासन से कैदियों के अररिया कारा में स्थानांतरण की मांग की है।

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