Friday, December 3, 2010

राशि आवंटन के बाद भी नहीं बन पाया आंगनबाड़ी केन्द्र का भवन

अररिया, संवाद सहयोगी: जिले के अररिया प्रखंड अंतर्गत विभिन्न पंचायतों में आंगनबाड़ी केन्द्र भवन के लिए एक वर्ष पूर्व राशि उपलब्ध करा दिये जाने के बावजूद एक भी भवन नहीं बन पाया है। केन्द्र सरकार द्वारा मुस्लिम बाहुल्य जिलो में मल्टी सेकटोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसी योजना के तहत अररिया प्रखंड के 170 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 5 करोड़ 10 लाख रूपये की स्वीकृत जिला प्रशासन से प्राप्त है। अग्रिम स्वरूप प्रखंड विकास पदाधिकरी अररिया को दो करोड़ 55 लाख रूपये एक वर्ष पूर्व ही उपलब्ध करा दिया गया है। प्रति आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए 3 लाख रूपये का प्रावधान हैं। लेकिन विभागीय उदासीनता व लापरवाही के कारण अब तक इस योजना का क्रियान्वयन अररिया प्रखंड में नहीं हो पाया है। जबकि निर्देशानुसार इसे जुलाई 2010 में ही बन जाना था। जिला प्रशासन ने एक ओर जहां एमएसडीपी के तहत राशि तो उपलब्ध करा दी है परंतु भूमि नहीं रहने के कारण भवन बनाने में कठिनाई हो रही है। गांव के कोई भी व्यक्ति भवन निर्माण के लिए जमीन देने को तैयार नहीं है। क्योंकि जमीन बिहार सरकार को रजिस्ट्ररी कर देना है। अगर कोई देना भी चाहता है तो लंबी प्रक्रिया और रजिस्ट्ररी खर्च के कारण नहीं दे पाता है। इस भवन को लेकर आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, सहायिका, पर्यवेक्षक व सीडीपीओ में भी बहुत ज्यादे रूचि नहीं है। यही कारण है कि इतने समय बीत जाने के बाद भी कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। जिस कारण केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण की विशेष योजना एमएसडीपी से जिले में अब तक अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है। अररिया प्रखंड के पंचायत समिति सदस्य अंजूमन आरा, अतिकुर्रहमान, मो. इजराइल, मो. तैयब अंसारी, गुलशन जहां, अंजू, अतीक आदि ने जिला प्रशासन से मांग की है कि भवन निर्माण हेतु राशि के साथ-साथ भूमि का आवंटन भी करना चाहिए। क्योंकि हर पंचायत में बिहार सरकार की जमीन उपलब्ध है। बहरहाल सरकारी प्रक्रिया जो भी हो फिलहाल आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए एमएसडीपी के तहत आवंटित राशि बेमतलब साबित हो रहा है और एमएसडीपी योजना टांय-टांय फिस्स होती नजर आ रही है।

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