Saturday, October 30, 2010

चार हजार से अधिक गुरुजी को देनी होगी दक्षता परीक्षा

अररिया। प्रथम चरण शिक्षक नियोजन में नियोजित हुए प्रारंभिक शिक्षक जिनकी तीन वर्ष की सेवा पूरी हो गयी है उन्हें मूल्यांकन परीक्षा अर्थात दक्षता से गुजरना होगा। ऐसे गुरुजी की संख्या जिले में चार हजार से अधिक बतायी जा रही है। हालांकि दक्षता जांच परीक्षा की तिथि निर्धारित नहीं हुई है, परन्तु तैयारी शुरू कर दी गयी है।
इस संबंध में राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक हसन वारिस ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक से शिक्षकों की संख्या के साथ-साथ बनाए जाने वाले परीक्षा केन्द्रों की सूची की मांग की है। निदेशक ने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि परीक्षा केन्द्र की सूची भेजते समय यह अवश्य ध्यान में रखें कि परीक्षा केन्द्र चारदीवारी से घिरा हो, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था हो, पर्याप्त संख्या में उपस्कर होने के साथ-साथ मानिटरिंग के लिए आवागमन की सुविधा सुलभ हो। वहीं डीईओ दिलीप कुमार ने जिले से आठ परीक्षा केन्द्रों को बनाने की अनुशंसा की है। जिसमें अररिया अनुमंडल मुख्यालय का हाई स्कूल, ग‌र्ल्स हाई स्कूल, आजाद एकेडमी, आदर्श मवि बाजार, पीपुल्स कालेज, मिल्लिया कालेज व फारबिसगंज से प्लस टूट ली एकेडमी तथा भगवती देवी गोयल बालिका उवि का नाम शामिल है।
इस संबंध में डीएसई अहसन ने बताया कि आगामीद दक्षता परीक्षा में जिले के कुल 4283 शिक्षक परीक्षा देंगे। उन्होंने बताया कि अररिया प्रखंड से 693, रानीगंज से 559, कुर्साकांटा से 306, जोकीहाट 580, पलासी 453, सिकटी 377, फारबिसगंज 420, नरपतगंज 567 एवं भरगामा प्रखंड से 328 शिक्षक दक्षता परीक्षा में बैठेंगे।
::::
क्त्रद्गश्चश्रह्मह्लद्गह्म ष्ठद्गह्लड्डद्बद्यह्य :
9999चार हजार से अधिक गुरुजी को देनी होगी दक्षता परीक्षा
निदेशक के निर्देश पर डीईओ ने भेजी परीक्षा केन्द्रों की सूची
अररिया, संवाद सूत्र: प्रथम चरण शिक्षक नियोजन में नियोजित हुए प्रारंभिक शिक्षक जिनकी तीन वर्ष की सेवा पूरी हो गयी है उन्हें मूल्यांकन परीक्षा अर्थात दक्षता से गुजरना होगा। ऐसे गुरूजी की संख्या जिले में चार हजार से अधिक बतायी जा रही है। हालांकि दक्षता जांच परीक्षा की तिथि निर्धारित नहीं हुई है, परन्तु तैयारी शुरू कर दी गयी है।
इस संबंध में राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक हसन वारिस ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक से शिक्षकों की संख्या के साथ-साथ बनाए जाने वाले परीक्षा केन्द्रों की सूची की मांग की है। निदेशक ने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि परीक्षा केन्द्र की सूची भेजते समय यह अवश्य ध्यान में रखें कि परीक्षा केन्द्र चारदीवारी से घिरा हो, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था हो, पर्याप्त संख्या में उपस्कर होने के साथ-साथ मानिटरिंग के लिए आवागमन की सुविधा सुलभ हो। वहीं डीईओ दिलीप कुमार ने जिले से आठ परीक्षा केन्द्रों को बनाने की अनुशंसा की है। जिसमें अररिया अनुमंडल मुख्यालय का हाई स्कूल, ग‌र्ल्स हाई स्कूल, आजाद एकेडमी, आदर्श मवि बाजार, पीपुल्स कालेज, मिल्लिया कालेज व फारबिसगंज से प्लस टूट ली एकेडमी तथा भगवती देवी गोयल बालिका उवि का नाम शामिल है।
इस संबंध में डीएसई अहसन ने बताया कि आगामीद दक्षता परीक्षा में जिले के कुल 4283 शिक्षक परीक्षा देंगे। उन्होंने बताया कि अररिया प्रखंड से 693, रानीगंज से 559, कुर्साकांटा से 306, जोकीहाट 580, पलासी 453, सिकटी 377, फारबिसगंज 420, नरपतगंज 567 एवं भरगामा प्रखंड से 328 शिक्षक दक्षता परीक्षा में बैठेंगे।

अलग-अलग हुई सड़क दुर्घटना में एक दर्जन जख्मी

अररिया। पिछले चौबीस घंटे के दौरान अलग-अलग हुई सड़क दुर्घटना में तीन महिला समेत लगभग एक दर्जन लोग बुरी तरह जख्मी हो गए, जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल अररिया में भर्ती कराया गया है, जहां से चिकित्सकों ने दो को बेहतर इलाज के लिए पूर्णिया रेफर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर संध्या उच्च पथ 57 गैयारी कन्या विद्यालय के समीप अलग-अलग दुर्घटनाओं में पहले मोटर साइकिल सवार द्वारा ठोकर मारने के कारण गैयारी निवासी बीबी आसमा बुरी तरह जख्मी हो गया। वहीं मोटर साइकिल सवार पथराहा फारबिसगंज उमर अली चालक, सावर नूरूलहक, सुपौल परमानन्दपुर, चिल-मिलिया निवास पूरी तरह घायल हो गये। इधर, बोलेरो की ठोकर लगने के कारण साइकिल सवार लहना कमलदाहा निवासी मो. एकबाल व पत्‍‌नी बीबी आसमीन बुरी तरह जख्मी हो गयी। तीसरी घटना जोकीहाट चौक के समीप ट्रक के चपेट में आने से कोशिकापुर अररिया निवासी मो. मशरत व मोटर साइकिल चालक मुर्शीद बुरी तरह जख्मी हो गया। चौथी घटना बेलवा चौक पर हुई, जिसमें ट्रैक्टर से गिर जाने के कारण मो. जहांगीर घायल हो गया।

बाल श्रमिक विद्यालय के शिक्षकों ने की बैठक

अररिया। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बाल श्रमिक विशेष विद्यालय के शिक्षकों ने शनिवार को बैठक नेताजी सुभाष स्टेडियम अररिया में हुई। बैठक में शिक्षकों को 25 माह से मानदेय भुगतान नहीं किए जाने, विद्यालय में पढ़ रहे बाल श्रमिक छात्रों के छात्रवृत्ति नहीं दिए जाने एवं मध्याह्न भोजन की राशि उपलब्ध कराए जाने को लेकर प्रशासन के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त किया। एक ओर जहां बाल श्रमिक विशेष विद्यालय के शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। वहीं बाल श्रमिक विद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं पुन: बाल श्रमिक बनने को मजबूर हो रहे हैं। जिसको लेकर बच्चों के अभिभावक भी काफी चिंतित है।
बैठक में अध्यक्ष अनिल कुमार, देवकांत झा, अवधेश कुमार, पूनम नन्द कुलियार के अलावा सैकड़ों शिक्षक मौजूद थे।

रहमानी मकतब के नाम पर हुई लाखों की लूट

अररिया। एक ओर जहां सरकार लड़कियों को शिक्षित करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की शिक्षा संबंधी योजनाएं अलग से चला रही है ताकि महिला साक्षरता दर को बढ़ाया जा सके, वहीं सर्वशिक्षा अभियान की उदासीनता व निष्क्रियता के चलते आज भी हजारों लड़कियां शिक्षा से वंचित है। हलांकि इतना जरूर है कि इनके शिक्षा के नाम पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं स्वयं सेवी संस्था की चांदी कट रही है। अररिया जैसे शिक्षा के मामले में अति पिछड़े जिले में विशेष योजना चलाकर वैकल्पिक व नवाचारी केन्द्र खोले गए हैं। जो कागजों व फाइलों में ही सिमट कर रह गया है। जिले में दस से 14 वर्ष की कुल 1250 ऐसी छात्राएं हैं जो किसी विद्यालय में नामांकित नहीं है। उन केलिए 50 केन्द्र खोले गए। इस नवाचारी केन्द्र के संचालन की जिम्मेवारी सरकार ने रहमानी फाउंडेशन मुंगेर को नोडल एजेंसी के रूप में दिया है। प्रत्येक केन्द्र पर 25 अल्पसंख्यक छात्राओं को 11 माह तक इस केन्द्र पढ़ाना था। पढ़ाने के लिए चयनित स्वयं सेवकों को दो हजार रुपये प्रति माह मानदेय का प्रावधान था। दिलचस्प बात तो यह है कि रहमानी मकतब का सारा काम ऊपर ही ऊपर गुप्त रूप से बिचौलियों द्वारा कर लिया गया। इसके लिए किसी नियम कानून व प्रावधान को पालन नहीं किया गया। सब कुछ मनमाने तरीके से किए गए और अपने मनपसंद लोगों के लिए केन्द्र व स्वयं सेवकों का चयन किया गया।
जिले में रहमानी मकतब भी पूर्व में चला है अथवा वर्तमान में चल रहा है इसकी जानकारी आम अल्पसंख्यक व निर्धन लड़कियों को आज भी नहीं है। इस योजना के लिए सरकार ने ग्यारह माह के लिए बीस लाख की राशि सर्व शिक्षा को उपलब्ध करा दी थी। सर्वशिक्षा कार्यालय में वैकल्पिक व नवाचारी केन्द्र प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि चूंकि केन्द्र संचालन की नोडल एजेंसी रहमानी फाउंडेशन मुंगेर को बनाया गया था। इसलिए केन्द्र को सुचारू रूप से पादर्शिता के साथ चलाना उनकी जिम्मेवारी है। कार्यक्रम शुरू होते ही रहमानी फाउंडेशन को अग्रिम स्वरूप नौ लाख रुपये भुगतान कर दिया गया था। छह माह बाद पुन: नौ लाख रुपये दिया गया, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि स्वयं सेवकों को अभी तक मात्र छह माह का ही मानदेय का भुगतान हो पाया है। शेष मानदेय के भुगतान क लिए स्वयं सेवक महिलाएं दर-दर भटक रही है। विदित हो कि रहमानी फाउंडेशन मुंगेर ने इस काम के लिए कार्यक्रम समन्वयक के रूप में मो. शकील को प्रतिनियुक्त किया हुआ है। जिले से लगभग छह माह से फरार है। स्वयं सेवकों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि मो. शकील द्वारा पुन: मानदेय भुगतान क लिए दो-दो हजार रुपये मांगा गया था। कुछ स्वयं सेवकों ने ये राशि भी दे दी है। बावजूद इसके अभी भुगतान नहीं किया जाना शिक्षा माफियाओं की दादागिरी को उजागर करना है। जिले में जो पचास केन्द्र खोले गए थे उसमें अररिया में छह, जोकीहाट में सात, रानीगंज में आठ, फारबिसगंज में 14 व नरपतगंज में 15 केन्द्र हैं। वहीं शेष चार प्रखंडों में एक भी केन्द्र नहीं खोला गया। अगर शिक्षा से वंचित लड़कियों को शिक्षित करना है तो शिक्षा विभाग को ऐसे लोगों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करनी होगी।

दुलार से मुस्कान को ले प्रशिक्षण

अररिया। जिले के भरगामा प्रखंड मुख्यालय स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय में शनिवार को दुलार से मुस्कान कार्यक्रम के तहत एलआरसी का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में संतोष कुमार, संतोष खुराना, सुमन झा, पप्पू सिंह थे। प्रशिक्षण लेने वालों में आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका, सहायिका एवं एलआरपी शामिल थे। प्रशिक्षक संतोष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य मूल रूप से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। कार्यक्रम में गर्भधारण का सही समय, सुरक्षित प्रसव, प्रसव पूर्व देखभाल, कुपोषण तथा सही समय पर टीकाकरण आदि पर विस्तृत चर्चा की गयी। अभियान के तहत विभिन्न जिम्मेदारियां एवं जागरूक किये जाने के दायित्व पर भी चर्चा की गयी। प्रशिक्षक संतोष कुमार ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को चिंतनीय विषय बताते हुए कार्यक्रम की जमकर सराहना की। प्रशिक्षण ले रही आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं विभिन्न रूप में अपनी विशेष भूमिका निभाने वाले एसआरपी से अभियान में अपेक्षित सहयोग की अपील भी की।

बिजली को ले सड़क जाम

अररिया। बिजली को लेकर रानीगंज प्रखंड के गुणवंती पंचायतवासी शनिवार को हांसा-पूर्णिया सड़क को विजय चौक के समीप घंटों जाम किया। सड़क जाम कर रहे ग्रामीणों ने प्रशासन व बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए। स्थानीय बुद्धिजीवियों के पहल पर जाम हटाया जा सका।
सड़क जाम कर रहे ग्रामीण चन्द्रानन्द राय, रवीन्द्र राय, अरविन्द कुमार, महेश लाल राय, रजाधर ऋषिदेव आदि का आरोप था कि आजादी के दशकों बाद भी गांव में विभागीय लापरवाही के कारण बिजली नहीं पहुंच सकी है। जबकि सैकड़ों लोग उपभोक्ता बने हुए हैं। गांव तक बिजली पहुंची भी नहीं है फिर भी आधा दर्जन लोगों के नाम से बिजली बिल भी विभाग द्वारा भेजा जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि एक सौ से अधिक उपभोक्ता बिजली कनेक्शन के लिए फार्म भी जमा कर चुके हैं। परन्तु इस ओर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली का तार, खंभा शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है। यही नहीं विभागीय पदाधिकारियों से जब इस संबंध में शिकायत की जाती है तो वह ठेकेदारों को इसके लिए दोषी मानते हैं और ठेकेदार विभाग पर अपनी जिम्मेदारी थोप देती है। वर्तमान सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने भी शिवरात्रि के दिन बसैटी शिव मंदिर परिसर में जून माह तक राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत गांव तक बिजली पहुंचवाने का आश्वासन दिया था। परन्तु सांसद का आश्वासन भी गुणवंती, बसैटी, बौंसी आदि पंचायत के ग्रामीणों के लिए कोरा साबित हुआ। थक हार कर ग्रामीण शनिवार को सड़क पर उतर आए। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र बिजली गांवों तक पहुंचाने की मांग की है।

सात हजार से अधिक लाभुक हुए प्रभावित

अररिया। सरकारी योजनाओं की राशि के घोटाले में यूं तो अब तक बिचौलियों व छोटे कर्मियों पर ही प्रशासन का डंडा चलता आया है, लेकिन अररिया में इंदिरा आवास की आठ करोड़ की राशि घोटाले में पहली बार तत्कालीन जिलाधिकारी व उपविकास आयुक्त के फंसने से अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गयी है। जिले के करीब सात हजार गरीबों के लिए आवंटित राशि की बंदरबांट उच्चाधिकारियों की मिली भगत से बंदरबांट कर ली गयी। इस घोटाले की चर्चा प्रशासनिक महकमे से लेकर राजनीतिक गलियारे में भी शुरू हो गयी है। जिले में बड़े ही सुनियोजित तरीके से इंदिरा आवास के लिए आई बड़ी राशि की मिली भगत से घपला कर लि गयी। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष में इंदिरा आवास मद में जिले को 14 करोड़ की राशि आवंटित हुई थी। तत्कालीन डीएम अमरेन्द्र सिंह एवं डीडीसी बाल्मीकि प्रसाद ने वितरण व्यवस्था में बदलाव करते हुए डीआरडीए के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार के नाम आठ करोड़ आवंटित कर दिया तथा उन्हें ही चिह्नित लाभुकों को वितरित करने का पावर दे दिया। लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त राशि अधिकांश लाभुकों के पास नहीं पहुंच पायी साथ ही वितरण का समुचित लेखा जोखा भी अप्राप्त बताया जा रहा है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिले के 6125 लाभुकों के बीच इंदिरा आवास निर्माण व आवास के अपग्रेडशन के लिए राशि का आवंटन किया जाना था, जिसमें 4750 लाभुकों को नया इंदिरा आवास तथा 2375 लाभुकों को अपग्रेडेशन के लिए राशि दिया जाना था। लेकिन उक्त राशि का घोटाला प्रकाश में आने के बाद नगर थाने में तत्कालीन डीएम अमरेन्द्र सिंह, डीडीसी बाल्मीकि प्रसाद व सात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी, लेकिन फिलहाल हजारों लाभुक मामले को लेकर प्रभावित हैं।
प्रखंड एवं प्रभावित लाभुकों के आंकडे़
प्रखंड लाभुकों की संख्या अपग्रेडेशन की संख्या राशि
अररिया 502 251 84.50 लाख
जोकीहाट 303 152 51
पलासी 334 167 56.25
सिकटी 406 204 68.50
फारबिसगंज 786 393 132
कुर्साकांटा 248 124 41.75
नरपतगंज 667 333 112.50
भरगामा 491 245 82.75
कुल 4750 2375

अररिया : बीईओ आवास में चल रहा डीएसई कार्यालय

अररिया। अररिया को जिला बने बीस वर्ष होने को हैं। जिले में अब तक विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। शिक्षा को बढ़ावा देने केलिए सर्व शिक्षा अभियान चलाकर सैकड़ों स्कूल भवन बनाया गया और निर्माणाधीन अवस्था में भी है। लेकिन इन सब को संचालित करने वाला जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यलय क लिए न तो आज तक कार्यालय भवन का निर्माण कराया गया और न ही प्रशासन के स्तर से कोई भवन आवंटन किया गया। वर्ष 1998 में डीएसई कार्यालय का सृजन हुआ और जय प्रकाश नगर में निर्मित प्रशिक्षण भवन, वर्तमान में एसएसबी कैम्प में कार्यालय खोला गया। करीब 06 वर्षो के बाद जून 04 में उसे वह कमरा खाली करना पड़ा। इसके बाद तत्कालीन डीएसई को कहीं जगह नहीं मिला तो नगर परिषद कार्यालय से सटे अररिया बीईओ आवास पर ही कब्जा जमा लिया। उसी आवास में डीएसई कार्यालय जून 04 से आज तक चल रहा है और अररिया बीईओ किराया के मकान में रह रहे हैं। बीईओ आवास मं कहने को चार कमरे हैं पर एक कमरे में एक आलमारी रखने के बाद दो कुर्सी भी नहीं लगायी जा सकती है। कार्यालय भवन की स्थिति काफी जर्जर है। दरवाजा,खिड़की टूटा है। इसी कारण कुछ माह पूर्व डीएसई कार्यालय के महत्वपूर्ण कागजात अज्ञात व्यक्तियों द्वारा खिड़की के द्वारा जला दिए गए थे। कर्मियों की कमी का दंश झेल रहे डीएसई कार्यालय काम निबटाने में काफी सुस्त है। जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में मात्र चार पद सृजित हैं। जिसमें राजेश कुमार, पंकज कुमार राय, आरडीडीई के आदेश पर पूर्णिया डीएसई कार्यालय में प्रतिनियुक्त हैं। जबकि वर्तमान में कार्यरत कर्मी जनार्दन प्रसाद, रणवीर पासवान व रामचन्द्र रजक भी प्रतिनियुक्ति पर ही हैं। जगह के अभाव के कारण एक टेबुल पर दो कर्मी एक साथ काम निबटाते हैं। इस संबंध में प्रधान सहायक जनार्दन प्रसाद व सहायक रामचन्द्र रजक ने बताया कि कार्यालय में जगह का इतना अभाव है कि डीएसई साहब व एडीएसई साहब एक ही छोटे से चेम्बर में बैठते हैं। कार्यालय कार्य के लिए आने वाले हेडमास्टर व शिक्षक भी खड़े ही रहते हैं। इस विषय में डीएसई अहसन ने बताया कि कार्यालय संचालन के लिए जिला पदाधिकारी को कई बार पत्र लिखकर भवन आवंटन की मांग की गयी। परन्तु आज तक कार्यालय के लिए भवन नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि अगलगी के बाद भी भवन को लेकर वरीय अधिकारियों को सूचित किया गया है।

Friday, October 29, 2010

सावधान! मिठाईयों के नाम पर कहीं जहर तो नहीं खा रहे

अररिया। नगर परिषद कार्यालय की ठीक बगल का एक मुहल्ला। सुबह का वक्त है। धोती कुर्ता पहने दो शख्स कंधे पर टीन के कनस्तर लेकर आवाज लगाते हुए फिर रहे हैं। क्या है भैया? छेना है, पनीर भी है। लीजिएगा क्या? ..क्या रेट? अरे, रेट का कौन बात है,लगा देंगे न। मोल मोलाई के बाद पैंसठ रुपये प्रति किलो पर बात टूटती है। छेना लीजिए या पनीर जो इच्छा हो। लेकिन यह कौन सा छेना है कि इतनी कम कीमत में मिल रहा है। थोड़ा और कुरेदने पर दोनों शख्स बताते हैं कि यह छेना और पनीर बिहार के बारसोई और बंगाल के कालियाचक, रायगंज आदि स्थानों से आता है।
अब सवाल यह है कि जब ऐसे पनीर व छेना लेकर बेचने वाले दौड़ लगा रहे हैं तो खरीदने वाले भी होंगे। कौन हैं इसके खरीददार? इस बात को चेक करने के लिये कौन है जबावदेह? प्रशासन के फूड इंस्पेक्टर कहा हैं?
जानकारों की मानें तो प्रतिदिन लगभग एक दर्जन से दो दर्जन बाहरी बेपारी ट्रेन के रास्ते छेना व पनीर अररिया व जिले के अन्य बाजारों में लाते हैं और घूम-घूम कर बेचते हैं। अब खरीदने वाले जो भी हों। होटल चलाने वाले या फिर कोई निजी व्यक्ति। जानकार बताते हें कि बाहर से आने वाला छेना व पनीर,(दुकानदार इसे चलानी छेना कहते हैं), कतिपय दुकानों में धड़ल्ले के साथ उपयोग में लाया जा रहा है। त्योहारों के ताजा मौसम में मिलावटी छेना से बनी मिठाईयों की बिक्री भी खूब हो रही है। बताते हैं कि चलानी छेना में मैदा व चावल के महीन चौरठ की धड़ल्ले से मिलावट की जाती है। अन्यथा सोचिये कि अगर अट्ठाइस-तीस रुपये किलो दूध तो साठ रुपये किलो छेना कैसे मिलेगा? मिठाईयों में मिलावट का कहर अलग से है। किसी दुकान के काउंटर में सजे चकाचक पेड़ा को देख कर ललचियेगा नहीं। उसमें मकई का सत्तु मिलावट रहता है।
दीवाली की दस्तक के साथ जिले के विभिन्न शहरों यहां तक कि प्रमुख ग्रामीण बाजारों में भी नकली मिठाईयों की आवक तेज हो गयी है। रेडीमेड मिठाईयों के बारे में पूछने पर दुकानदार कहते हैं कि भैया, ई चलानी मिठाई है। लोकल लेबल पर दूध मिलता नहीं है। मिलता भी है तो बहुत महंगा। इधर, परब ले के इतना न डिमांड हो जाता है कि रेडीमेड नै मंगायेंगे तो दुकाने न बंद करना पड़ेगा। कोनो खराब नै होता है। जरा टेस्ट करके देखिये न।
बताया जाता है कि ये मिठाईयां नकली मावा व छेना आदि से बनती हैं। अधिक दिन तक ठहरने पर इसमें विषैले तत्व व फंगस आदि उत्पन्न हो जाते हैं। लेकिन दशहरा, दीवाली, भैया दूज जैसे मिठाई प्रधान होती है।
जानकारों की मानें तो दो साल पहले की कोसी आपदा में बड़ी संख्या में दुधारु पशु बाढ़ में बह कर मर गये थे। इस कारण हुई दूध की किल्लत अब तक बरकरार है। दुधारु पशुओं के संरक्षण व संव‌र्द्धन के लिये सरकारी महकमा साफ उदासीन नजर आता है। अगर पशु चिकित्सक हैं भी तो साधन विहीन। लिहाजा दूध की किल्लत कम होने का नाम ही नहीं ले रही।
वहीं, कई दिन पुरानी, बासी व नेपाली डालडा में बनायी गयी मिठाईयों की तो बात ही छोड़ दीजिये। उसको कौन देखता है। सबसे चिंताजनक बात तो यह कि खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता जांच के प्रशासन का कोई महकमा सक्रिय नजर नहीं आता। कहां हैं फू ड इंस्पेक्टर? त्यौहारों के मौसम में माप तौल वाले तो नजर आ भी जाते हैं, लेकिन मानव जीवन के लिये आवश्यक खाद्य पदार्थो की कोई विभाग कम से कम अररिया में तो नहीं दिखता।

पिता की हत्या मामले में बेटे को उम्र कैद

अररिया। शुक्रवार को अररिया की एक अदालत ने पत्थर से पिता को कुचलकर मार देने के एक मामले में बेटे को उम्र कैद व बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर एक साल का कारावास भुगतने का भी आदेश दिया है। उक्त सेशन मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय के न्यायाधीश विजय कुमार सिन्हा ने की।
ज्ञात हो कि छह जनवरी 07 को नगर परिषद क्षेत्र के आजाद नगर मोहल्ले में शमीम अंसारी ने अपने पिता रसीद अंसारी का सिर पर पत्थर से मारकर हत्या कर दी। उस वक्त घर में मुसरत खातून एवं उसके नौकरानी जूही मौजूद थी। जिसे आरोपी ने एक कमरे में बंद कर रखा था। इस मामले में अररिया थाना में कांड संख्या 08/07 दर्ज किया गया तथा उक्त अदालत में सत्रवाद संख्या 855/08 के तहत सुनवाई हुई।
सरकार की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे लोक अभियोजक केएन विश्वास ने सजा की बिन्दु पर बहस करते हुए कलयुगी पुत्र को फांसी की सजा देने की अपील की थी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता एके राय ने बहस किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों के सुनने के उपरांत आरोपी शमीम अंसारी को उम्र कैद व बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। आरोपी इस मामले में जेल में बंद है।

अगली सरकार एनडीए की ही बनेगी : बबलू

अररिया। नरपतगंज के पूर्व राजद विधायक दयानन्द यादव के पुत्र सह युवा नेता ई. राजेश कुमार उर्फ बबलू यादव ने कहा है कि बिहार में अगली सरकार राजग गठबंधन का बनना तय है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि पांच वर्षो में जो सर्वागीण विकास नीतीश-मोदी ने किया है। शायद ही किसी सरकार ने की होगी ई. यादव ने अपने बयान में नरपतगंज विस से भाजपा प्रत्याशी देवयंती देवी की जीत सुनिश्चित बताते हुए अररिया के सांसद प्रदीप सिंह को भी क्षेत्र में समय देने के लिए धन्यवाद दिया है।
श्री यादव ने शुक्रवार को यह भी कहा है कि राजग सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो का फल आगामी 24 नवम्बर को अवश्य मिलेगा।

काली मेले में जीवन साथी खोजते हैं आदिवासी युवा

अररिया। आदिवासी समुदाय के युवक युवतियों के लिये वैवाहिक संबंध को ले प्रखंड क्षेत्र के कालाबलुआ गांव में हर वर्ष काली पूजा के अवसर पर लगने वाले एक दिनी मेले का ऐतिहासिक महत्व है। 10-10 कोस दूर के आदिवासी युवक-युवती अपने-अपने परिजनों के संग मेले में पहुंचते हैं तथा हजारों की भीड़ में अपनी पसंद के जीवन साथी को चुन विवाह सूत्र में बंध जाते हैं। इस वर्ष भी इस समुदाय के युवक-युवती इस मेले को लेकर काफी उत्साह है जो अपने जीवन साथी को इस मेले में पसंद करेंगे।
रानीगंज प्रखंड का कालाबलुआ गांव आज भी पुरानी ओर पारंपरिक लोक संस्कृति का उदाहरण देखने को मिलता है। काली पूजा के मौके पर यहां भव्य मेला लगता है। पूजा के तीसरे दिन मेले का नजारा ही कुछ और होता है। जब शाम ढलते मेले में हजारों की भीड़ इकट्ठा हो जाता है और मेले में तिल रखने क जगह नहीं होती है। अन्य बातों के अलावा इस एक दिनी मेले में आदिवासी युवक-युवतियों के लिए खास महत्व रखता है। क्योंकि यह एक ऐसा अवसर होता है जब वहां युवा अपनी मनपसंद के वर-वधु का चयन कर सदा के लिए एक-दूसरे के हो जाते हैं। अपने जीवन साथी चुनने को आयी युवक-युवती को स्नेहिल प्यार के इजहार की मौन स्वीकृति रहती है। रात ढलते-ढलते एक दूसरे को समझते हैं। चंद लम्हों में और फिर दोनों की शादी करा दी जाती है। यही कारण है कि इस मेले में जाने की तैयारी युवा अभी से आरंभ कर दी है। मित्र दोस्त, सखी-सहेली व परिजनों के संग युवा जोड़े मेले में एक दूसरे से अलग दिखते बनते हैं। मेले में हजारों की भीड़ रहती है।
इस मेले में आदिवासी समुदाय के युवा हीं नहीं पौढ़ जोड़े भी अपने पारंपरिक वेशभूषा में विभिन्न श्रृंगारों में सज कर आते हैं और मेले में दिखती है आदिवासियों की पारंपरिक सामुहिक नृत्य संस्कृति। इस मेले का एक पहलू यह भी है कि इस समुदाय के द्वारा बनाया जाने वाला देसी शराब व महुआ से बना खास शराब का सेवन अधिकांश आदिवासी ही नहीं हर आने जाने वाले लगभग सभी किये रहते हैं। प्रशासन की ओर से सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं रहने के कारण उचक्के व मनचले युवक भीड़ व अंधेरे का फायदा उठा कर युवतियों व महिलाओं के साथ बदसलूकी करते हैं।

राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर कार्यशाला आयोजित

अररिया। प्राकृतिक आपदा को रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन जानकारी रहने पर उससे होने वाली क्षति को कम जरूर किया जा सकता है। आपदा से पूर्व, आपदा के समय और आपदा के बाद की तैयारी अगर सही ढंग से की जाए तो जान माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। यह बातें शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला प्रोग्राम पदाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह ने कही। स्वयं सेवी संस्था विकास बिहार ने सेव द चिल्ड्रेन के सौजन्य से इस कार्यशाला का आयोजन अररिया के एक होटल में किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि जब भी कोई आपदा आती है तो एक चैलेंज लेकर सामने आती है। उस चैलेंज से निपटने के लिए सबको मिल जुलकर काम करने की जरूरत है। सेब द चिल्ड्रेन के फील्ड आफिसर प्रणव कुमार चन्द्रा ने कार्यशाला में बड़ी संख्या में मौजूद स्वयं सेवी संस्था के प्रतिनिधि व छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा किसी को पूर्व सूचना देकर नहीं आती है। आपदा के समय बुढ़े, बच्चे व महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती है। इन्हें बचाने के लिए सुरक्षा आवश्यक है। उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर 1999 ई. में उड़ीसा में आए भयानक चक्रवाती तूफान में व्यापक जान माल की क्षति हुई थी। इसलिए तभी से ही 29 अक्टूबर को पूरे देश में इसे आपदा न्यूनीकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
श्री चन्द्रा ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा दिवस से दो सप्ताह पूर्व दूसरे बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है। विकास बिहार के क्षेत्रीय समन्वयक निलेश कुमार ने कहा कि 18 अगस्त 2008 के कोसी के प्रलयंकारी बाढ़ से हुए व्यापक जानमाल के नुकसान के बाद से ही विकास बिहार अररिया के रानीगंज व भरगामा प्रखंड के बीस गांव में आपदा न्यूनीकरण जागरूकता अभियान चला रही है। साथ ही गांव में ही योजना बनाकर इस दिशा में काम करने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही समुदाय के लोगों के सहयोग भी लेनी होगी। आपदा न्यूनीकरण के लिए जरूरी है कि आपदा की पूरी जानकारी पूर्व सूचना दल एवं भूमिका, चेतावनी दल, खोज व बचाव दल, प्राथमिक सुरक्षा दल, राहत प्रबंधन दल बनाकर इस सुदृढ़ करना व उसे प्रशिक्षित करना जरूरी है।
इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा आपदा आधारित नाटक भी पेश किया गया। साथ ही आपदा विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में विजयी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। जिसमें किरण कुमारी, सुकदेव चौधरी, संजू कुमारी, विधानन्द टुडू, अनमोल कुमार, राजू कुमार, संदीप कुमारी, पूजा कुमारी व रिंकी कुमारी शामिल है। इस मौके पर प्रोग्राम समन्वयक अनुभव कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

घोटालेबाज अफसरों पर बढ़ा पुलिस का शिकंजा

अररिया। इंदिरा आवास राशि के लुटेरे अधिकारियों के खिलाफ पुलिस शिकंजा कसता जा रहा है। इसी के साथ ही अधिकारियों के काले कारनामों का काला चिट्ठा भी धीरे-धीरे खुलने लगा है। इंदिरा आवास की आठ करोड़ राशि गबन के मामले में आरोपित अररिया के तत्कालीन डीएम अमरेन्द्र नारायण सिंह, डीडीसी बाल्मीकि प्रसाद, डीआरडीए के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार सहित सात अन्य कर्मियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू हो गयी है। अररिया पुलिस ने गुरुवार की रात पूर्व डीएम अमरेन्द्र नारायण सिंह के पैतृक गांव बरूआरी और सहरसा के गंगजला स्थित आवास पर छापामारी की। छापामारी दल का नेतृत्व अररिया के पुलिस इंस्पेक्टर के अनिल कुमार कर रहे थे। पुलिस पहुंचने से पूर्व ही वे अपने घरों में ताला लगाकर फरार हो चुके थे। इसलिए पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। लेकिन पुलिस उक्त आरोपी अधिकारियों के ठिकानों का पता लगाने में जुट गई है।
लेकिन धीरे-धीरे इंदिरा आवास के इस घोटाला पर से पर्दा उठने लगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक उच्च स्तरीय षडयंत्र के तहत गरीबों के आवास के लिए आईएम बड़ी राशि का बंदरबांट किया गया। तत्कालीन डीएम अमरेन्द्र नारायण सिंह ने पूर्व में राशि वितरण की व्यवस्था को ही बदल दिया। डीएम के निर्देश पर तत्कालीन डीडीसी बाल्मीकि सिंह ने पूरी राशि एक को ही सौंप दिया गया और उन्हीं के माध्यम से लाभुक को भी बांटने का भार दे दिया गया। सारी राशि कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार के नाम से निर्गत कर दिया गया। दीपक कुमार को ही संबंधित लाभुकों को सीधे तौर पर मुखिया व पंचायत सचिव के पहचान पर राशि वितरित करना था। लेकिन कितने लाभुकों को कितनी राशि दी गयी इसका विभागीय कार्यपालक के कोई लेखा-जोखा मौजूद नहीं है।
बताया जा रहा है कि उन्हीं के माध्यम से राशि की बड़े पैमाने पर बंदर बांट की गयी है। आरोपित डीएम के आवास पर छापामारी की गयी। पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके सराहना व पैतृक गांव सुपौल के गढ़ बरुआड़ी में आलीशान भवन बनाया गया है। एक अनुमान के अनुसार गांव मे बने मकान मूल्य 50 लाख की अधिक है। जबकि सहरसा स्थित मकान की कीमत भी लाखों की है। सूत्रों पर यकीन करें तो आरोपित अधिकारी ने दोनों हाथों से पैसे की लूट की। तथा अपने पैतृक गांव के अलावा पटना और अन्य जगहों पर भी लाखों के भवन तैयार किये हैं। भरोसे मंद सूत्रों के अनुसार ये अधिकारी जब यहां से घर जाते थे तो किसी प्राइवेट वाहन से जाते थे और बोरे में भरकर रूपये ले जाते थे। हालांकि अभी तो जांच का दौर शुरू हुआ है तथा जांच की आंच दूर तक जाने की संभावना है। जांच में अभी कई और अधिकारियों के लपेटे में आने की संभावना है। फिलहाल पुलिस आरोपित अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए रणनीति बनाने में जुटी है।

अग्निकांड में एक लाख की संपत्ति जल कर खाक

अररिया। नरपतगंज प्रखंड के नाथपुर पंचायत के वार्ड नंबर 4 में गुरुवार की रात अचानक आग लगने से लक्ष्मी सिंह व उमेश सिंह के घर जलकर राख हो गये। इस घटना में पांच बकरी सहित घर में रखा पाट, खाद, गेहूं चावल सहित करीब एक लाख से ज्यादा की संपत्ति जलकर खाक हो गयी। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। इस घटना की पुष्टि करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार यादव ने कहा कि अगिन् पीड़ितों को 2250 रुपया तथा क्विंटल अनाज के साथ पालीथीन आदि का वितरण अंचल पदाधिकारी जयराम सिंह ने की है। वहीं राजद के पूर्व विधायक अनिल कुमार यादव ने प्रखंड मुख्यालय में अगिन्शमन दल की प्रतिनियुक्ति करने की मांग जिला प्रशासन से की है।

मानवाधिकार आयोग में जाने की तैयारी में सेक्टर पदाधिकारी

अररिया। बीते दिनों संपन्न हुए प्रथम चरण के विधानसभा चुनाव में प्रतिनियुक्त सेक्टर पदाधिकारी सह जोनल मजिस्ट्रेट ने उन लोगों को मिलने वाले अति न्यूनतम पारिश्रमिक पर आपत्ति जताते हुए मानवाधिकार आयोग में जाने की चेतावनी दी है। साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष मामले को भेजा है। मुख्य चुनाव आयुक्त सहित भारत निर्वाचन आयोग के सचिव तथा अंडर सेक्रेटरी को एक आवेदन प्रेषित कर प्रतिदिन मिलने वाले मात्र 18 रुपये के मानदेय को मानवाधिकार के हनन का मामला बताया है। इस मामले में आवेदक सह सेक्टर पदाधिकारी आनंद लाल देव ने आयोग से न्याय करने का अनुरोध किया है।
मालूम हो कि चुनाव कार्य में लगे अधिकांश सेक्टर पदाधिकारी वित्त रहित कालेज के प्राध्यापक है जिनमें अधिकतर प्राध्यापकों को कालेज से मिलने वाली अनुदानित वेतन राशि तक नसीब नहीं हुआ है। ये प्राध्यापक टयुशन कर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। लेकिन चुनाव कार्य में लगे रहने के कारण इनका टयूशन भी बंद हो गया है। इस दौरान चुनाव आयोग द्वारा सेक्टर पदाधिकारियों के लिए निर्धारित प्रतिदिन 18 रुपये की दर से एक माह तथा 21 दिन के लिए कुल 1150 रुपया में कुछ बढ़ोत्तरी करते हुए करीब 1475 रुपये का भुगतान मिला था। इसके अलावा करीब 325 रुपये मोबाइल खर्च के नाम पर मिला था। सेक्टर पदाधिकारियों को इस बात का मलाल है कि चुनाव में मतदान के समय मात्र दो दिन तक लगे रहने वाले पीठासीन पदाधिकारियो को 2050 रुपये भुगतान किया गया। जबकि रोजाना सुबह से शाम तक कड़ी मेहनत करने वाले प्राध्यापक सह सेक्टर पदाधिकारियों को प्रतिदिन 18 रुपये मात्र। जबकि प्रतिदिन का उनका खर्च करीब दो सौ रुपये था। इस मामले को आ‌र्ब्जबर सहित डीएम के सक्षम कई बार उठाया गया था। बाद में केंद्रीय चुनाव आयोग तक इस मामले को ले जाया गया है। आयोग को प्रेषित आवेदन में कहा गया है कि मनरेगा के मजदूरों को भी 135 रुपये की दर से तथा कुशल कारीगर को 300 रुपये की दर से पारिश्रमिक दिया जाता है। फिर सेक्टर पदाधिकारियों वह भी वित्त रहित कालेजों के व्याख्याताओं को जिन्हें कालेज से एक रुपया नहीं मिलता है बल्कि उन्हे मात्र 18 रुपये प्रतिदिन पर कार्य करवाने का क्या औचित्य है। सेक्टर पदाधिकारियों को उचित मानदेय नहीं मिलने की स्थिति में इस मामले को मानवाधिकार आयोग, लेबर कोर्ट या न्यायालय में ले जाने की भी चेतावनी दी गयी है। मामले को असंगत और अति संवेदनशील मुद्दा बताते हुए न्यायोचित कदम उठाने की अपील की गयी है।

सैकड़ा पार कर गया एड्स रोगियों की संख्या

अररिया। काफी कोशिशों के बाद भी सीमावर्ती इस पिछड़े इलाके में एड्स का प्रसार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। नाको के ग्रेड ए में शामिल जिला अररिया में एड्स को ले जागरूकता अभियान के तहत सरकारी व कई गैर सरकारी संगठन कार्य कर रहे हैं। बावजूद एडस रोगियों की संख्या यहां लगातार बढ़ रही है। जिससे सरकार व स्वयंसेवी संस्थाओं के माथे पर चिंता की लकीरें पड़नी शुरू हो गयी है। एड्स मरीजों के बढ़ रही संख्या के मद्देनजर नाको और बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी ने यहां एक बड़ी परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते अगस्त माह में जिले में फिर आठ एचआईवी संक्रमित रोगियों की पहचान की गयी है। इसके साथ ही अररिया जिला में एड्स रोगियों की संख्या बढ़कर 115 हो गयी है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी धनुषधारी सिंह ने गुरुवार को बताया कि उक्त रोग की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही ऐसे रोगियों की पहचान के लिए भी सतत प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने बताया कि हाल ही में अस्पताल में एक एड्स पीड़ित महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया है।
ज्ञात हो कि बिहार में एड्स रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खासकर भारत-नेपाल सीमा पर स्थित अररिया में एचआईवी पाजिटिव की संख्या सैकड़ा पार कर गयी है। जबकि इस जिले में कई सरकारी व गैर सरकारी संगठन जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
सीएस डी प्रसाद की माने तो जिले में एड्स रोगियों की पहचान के लिए व्यापक अभियान चलाए जा रहे हैं। सीएस के अनुसार जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में आउट डोर सेवा प्रारंभ की गयी है। अस्पतालों में बंध्याकरण व प्रसव कराने आने वाली महिलाओं की एचआईवी जांच करायी जाती है। इसके अलावा निजी क्लीनिकों के चिकित्सकों को भी एचआईवी जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में बढ़ते एड्स रोगियों की संख्या को देखते हुए ही यहां पूर्व से ही लिंक वर्कर परियोजना भी चलाई जा रही है। जो समाज में जागरूकता के अलावा एड्स रोगियों को दवा-सलाह व समुचित स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराते हैं। जिले में लिंक एआरटी सेंटर भी कार्यरत है जहां एचआईवी संक्रमित लोगों को दवा व समुचित सलाह आदि दी जाती है। उक्त सेंटर पर मरीजों का काउंसिलिंग और टेस्टिंग भी किया जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार लिंक एआरटी सेंटर पर गत अगस्त माह तक कुल 1254 लोगों की काउंसिलिंग की गयी थी। साथ ही 1088 का टेस्िटग भी किया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीमांचल से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए अन्य प्रांतों में जाते हैं जहां सौगात में उन्हें एड्स मिल रहा है। हालांकि इस की रोकथाम के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं, बावजूद मरीजों की बढ़ रही संख्या निश्चित रूप से चिंता का विषय है।

हत्या मामले में छह को सजा

अररिया। फारबिसगंज में करीब 17 वर्ष पूर्व दो गुटों में हुए जानलेवा हमला के दौरान छह माह की अबोध समीना की हुई हत्या के दो अलग-अलग मामले में दोनों पक्षों के आधा दर्जन लोगों को अररिया की अदालत ने दोषी करार दिया है। जिसमें एक मामला में छह लोगों को सजा का फैसला सुनाया गया है। वहीं दूसरे मामले में दोषियों की सजा लंबित रखी गयी है। विदित हो कि 24 दिसंबर 93 को फारबिसगंज के वार्ड संख्या 13 में दो गुटों में विवाद हुआ। जिसे लेकर अररिया की अदालत में दोनों गुटों की ओर से सत्रवाद संख्या 189/96 तथा सत्रवाद संख्या 578/98 दर्ज हुआ। इसके बाद फास्ट टै्रक षष्टम के न्यायालय में विचारण के लिए मामला आया। सत्रवाद संख्या189/96 में दर्शाया गया है कि फारबिसगंज के दल्लू टोला निवासी मो. सलीमउद्दीन, मो. तसरूद्दीन, मो. हसीरूद्दीन, मो. सलीम एवं मो. शमसेर समेत सात लोगो ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में उपरोक्त सभी छह लोगों को अररिया की अदालत ने दोषी पाया तथा भादवि की धारा 323 में एक वर्ष, 148 में तीन वर्ष तथा 147 में दो वर्षो की सजा का फैसला सुनाते हुए सभी सजा एक साथ चलने का निर्णय सुनाया।
वहीं सत्रवाद संख्या 578/98 के तहत उपरोक्त घटना में यह दर्शाया गया है कि जानलेवा हमला की घटना के क्रम में समीना नामक छह वर्षीय बच्ची के गर्दन पर तलवार लग जाने से उसकी मौत हो गयी।
इस मामले में एक्कीस लोगों के विरूद्ध अदालत में मामला विचारण के लिए लंबित था। जिसमें अदालत ने कई लोगों को दोषी ठहराया है तथा सजा की बिंदु पर निर्धारित तिथियों को फैसला होगा।

फर्जी हस्ताक्षर कर तीन लाख से अधिक की निकासी

अररिया। विद्यालय भवन निर्माण के लिए बैंक में रखी करीब तीन लाख से अधिक राशि विद्यालय के ही एक पंचायत शिक्षक द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर निकासी कर लिये जाने का एक मामला प्रकाश में आया है। यह फर्जीवाड़ा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय टप्पु मेंहदी टोला रघुनाथपुर में हुई है। जिला शिक्षा अधीक्षक अररिया के ज्ञापांक1479 के आदेश के आलोक में फर्जी मामले में संलिप्त शिक्षक मो. फैयाज अहमद के विरूद्ध भरगामा थाना में कांड संख्या 111/010 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक विद्यालय टप्पू मेंहदी में उफरखा थाना त्रिवेणीगंज निवासी पंचायत शिक्षक मो. फैयाज आलम कार्यरत हैं। विद्यालय में भवन निर्माण मद में करीब तीन लाख तीस हजार राशि आवंटित की गई है। बैंक में शिक्षिका मीरा कुमारी एवं ममता कुमारी के नाम से एकांउट है। लेकिन मो. फैयाज द्वारा दोनों का फर्जी हस्ताक्षर पर कर उक्त राशि निकाल ली गयी। फर्जी निकासी के बाद से उक्त शिक्षक बगैर सूचना के विद्यालय से अनुपस्थित गायब है।

मोटरसाइकिल की डिक्की से साठ हजार उड़ाया

अररिया। शहर के फैंसी मार्केट स्थित एक दुकान के सामने से गुरुवार की दोपहर एक शिक्षक की मोटरसाइकिल की डिक्की में रखे साठ हजार रूपये दो चोरों ने उड़ा लिये। प्रत्यक्षदर्शियों ने थैला लेकर चोर को भागते देख हल्ला किया। लेकिन दोनों चोर मोटरसाइकिल पर सवार होकर भाग निकले। स्थानीय लोगों ने चोरों का कुछ दूर तक पीछा भी किया लेकिन दोनों भागने में सफल रहे। चोरी हुई राशि मध्य विद्यालय सिरसिया की बतायी गयी है जिसे विद्यालय शिक्षक सच्चिदानंद समदर्शी पीएनबी से स्कूल के खाते से निकाल कर ले जा रहे थे। घटना की सूचना शिक्षक समदर्शी के द्वारा फारबिसगंज थाना को दे दी गयी है। शिक्षक ने बताया कि स्कूल कार्य के लिए राशि निकाली गयी थी। उन्होंने बताया कि उनकी मोटरसाइकिल बीआर/11 सी/1110 की डिक्की का लाक टूटा हुआ था, जिसमें प्लास्टिक के थैले में विद्यालय का पैसा रखा हुआ था। फैंसी मार्केट में एक दुकान के सामने रूककर वे एक परिचित से बातें कर रहे थे। इसी दौरान करीब बीस वर्षीय युवक तेजी से आते हुए मोटरसाइकिल की डिक्की से रूपयों वाला थैला निकाल लिया और पूर्व से मुख्य सड़क पर बाइक के साथ खड़े दूसरे साथी के साथ भाग खड़ा हुआ।

इंदिरा आवास : घोटालेबाजों के विरुद्घ आरोप पत्र समर्पित, छापामारी

अररिया। अररिया थाना कांड संख्या 76/10 में इंदिरा आवास की राशि हड़पने वाले आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने गुरुवार को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित कर दिया है। शीघ्र ही सबों के विरुद्ध न्यायालय से वारंट निर्गत कर दिया जाएगा। इधर, आरोपियों की धर-पकड़ के लिए पुलिस ने छापामारी अभियान शुरू कर दिया है। नगर थानाध्यक्ष के अनुसार आरोपित घोटाले बाज अब पुलिस गिरफ्त से बच नहीं पायेंगे। जल्द ही सभी आरोपी सलाखों के अंदर होंगे। वहीं न्यायालय द्वारा इंदिरा आवास मद की राशि बंदरबांट करने के आरोपी तत्कालिन जिलाधिकारी अमरेन्द्र नारायण सिंह, उप विकास आयुक्त बाल्मिकी प्रसाद समेत सात लोगों के विरुद्ध वारंट जारी किये जाने के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस कप्तान विनोद कुमार ने विशेष रणनीति तैयार कर ली है।
ज्ञात हो कि इंदिरा आवास की राशि में हावी बिचौलियों को देखते हुए जिला पदाधिकारी एम. सरवणन ने एक कमेटी गठित कर पंचायतवार जांच करायी थी। अररिया प्रखंड के कई पंचायतों में हुई जांच के बाद 32 लोगों को चिह्नित किया गया, जो लाभुकों से अवैध वसूली में शामिल थे। उन आरोपियों के विरुद्ध पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार ने जिलाधिकारी के आदेशानुसार नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सोलह आरोपियों ने न्यायालय से अग्रिम जमानत ले ली। लेकिन अनुसंधान के क्रम में पुलिस कप्तान विनोद कुमार ने आरोप को सत्य पाया। आरोप सत्य पाने के बाद सभी लोगों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित कर दी गयी है। आरोपियों में कई पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव समेत सदस्य एवं अन्य बिचौलिये शामिल हैं।

Thursday, October 28, 2010

प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ तीरा खारदह गांव


अररिया। सिकटी प्रखंड के तीरा खारदह गांव इन दिनों प्रवासी पक्षियों का बसेरा बन रहा है, जो आसपास के लोगों के लिए उत्सुकता का केन्द्र बन गया है। गांव के विभिन्न वृक्षों पर इन दिनों आप प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं। ग्रामीणों के अनुसार इन पक्षियों का आगमन बरसात के बाद तथा सर्द ऋतु के शुरुआत में होता है। वहीं संरक्षण के अभाव में इन खूबसूरत पक्षियों का कुछ लोग शिकार भी कर रहे हैं।
ग्रामीणों की मानें तो यह पक्षी साइबेरिया की ओर से आते हैं तथा यहां के वृक्षों पर अपना घोंसला बनाकर रहते हैं। ठंडे के मौसम में पक्षियों के ये झुंड इस क्षेत्र में रहते हैं और गर्मी का मौसम आते ही पुन: यहां से चले जाते हैं। गौरतलब है कि सीमावर्ती इन क्षेत्रों में पहले गरूड़, बगुला, अधिंगा, लालशर, सिल्ली, हरियल, पनडुब्बी, पड़ोकी आदि पक्षी बहुतायत मात्रा में पाए जाते थे। परन्तु बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई व पक्षियों के शिकार के कारण इनकी संख्या तेजी से घट रही है। क्षेत्र में कई पक्षियों के प्रजातियां अब दिखाई नहीं पड़ती है। जानकार बताते हैं कि जाड़े के मौसम में आने वाले इन प्रवासी पक्षियों को शिकारियों से नहीं बचाया गया तो क्षेत्र में कौआ और मैना के अलावा अन्य पक्षियों का दर्शन दुर्लभ हो जाएगा।
सफेद रंग के बगुला प्रजाति का यह पक्षी बड़े ही मनमोहक दिखते हैं। एक वृक्ष पर सैकड़ों की संख्या में घोंसला बनाकर रहते हैं। ये अपने बच्चों का आहार चुनकर लाकर अपने लंबी चोंच से खिलाते हैं। हालांकि, तीरा खारदह के ग्रामीण इन पक्षियों की रक्षा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। विगत दिनों इन पक्षियों के शिकार करने आए शिकारियों को ग्रामीणों ने रात में ही खदेड़ दिया। ज्ञात हो कि सरकार द्वारा पक्षियों के शिकार पर प्रतिबंध है। प्रशासनिक उदासीनता का फायदा उठाते हुए शिकारी इन पक्षियों को अपना शिकार बनाने से नहीं चुकते। ग्रामीणों ने इन पक्षियों के सरंक्षण के लिए प्रशासनिक स्तर पर कारगर कदम उठाने की मांग की है।

ब्लाक हेल्थ एक्शन प्लान को ले कार्यशाला

अररिया। ब्लाक हेल्थ एक्शन प्लान को ले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अररिया में गुरुवार को स्वास्थ्य कर्मी व अधिकारियों का एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसकी अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. राजेश कुमार ने की।
कार्यशाला में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित कार्यक्रम, परिवार, नियोजन, जननी बाल सुरक्षा योजना, मुस्कान एक अभियान, लोक स्वास्थ्य, स्वच्छता समिति आदि की विस्तृत समीक्षा की गयी। सभी एएनएम को आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं के सहयोग से उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का कार्य योजना ग्रामीण स्तर पर बनाकर शीघ्र जमा किए जाने का निर्देश दिया गया। कार्यशाला में स्लाइड प्रोजेक्ट शो के माध्यम से सुरक्षित प्रसव के दौरान बरती जा रही कतिपय अनियमितताओं को दिखाया गया। एएनएम एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के क्षमता विकास को ले कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में डा. पन्ना लाल विश्वास, डा. आकाश कुमार राय, डा. उदय, स्वास्थ्य प्रबंधक विशाल रंजन, सीडीपीओ विनीता, डीपीसी कुमार मानवेन्द्र, डीपीएम रेहान अशरफ, प्रवीण कुमार दास, जय कुमार, संजीव मोहन सहाय समेत सभी एएनएम शामिल थे।

हथियार का भय दिखा मोटरसाइकिल व नगदी लूटी

अररिया। भरगामा थाना क्षेत्र के गणेश चौक खजुरी के समीप बुधवार की शाम को हथियार से लैस अपराधियों ने एक व्यवसायी से हथियार का भय दिखाकर नगदी समेत नयी हीरो होंडा मोटरसाइकिल लूट ली। इस घटना को लेकर स्थानीय थाना भरगामा में कांड संख्या 112/010 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। जानकारी अनुसार खजुरी बाजार के एक व्यवसायी नवीन चौधरी अपनी नयी हीरो होंडा सुपर स्पलेंडर बीआर 38 सी/4005 से अररिया से वापस खजुरी लौट रहे थे कि शाम करीब चार बजे बाजार के समीप पुल के निकट हथियार से लैस एक अन्य गाड़ी पर सवार दो अज्ञात लोगों ने गाड़ी को ओवरटेक करते हुए घेर लिया। इससे पहले कि कुछ समझ पाते पीछे से एक और अन्य गाड़ी पर सवार अन्य लड़के आ गये। हथियार से लैस उन लोगों ने आगन्ेयास्त्र का भय दिखाकर करीब 23000 हजार रूपये, नोकिया का एक मोबाइल नंबर 943067025 के साथ हीरों होंडा मोटरसाइकिल भी छीन लिया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन भी संदेह के आधार पर विभिन्न दिशाओं में गाड़ी की तलाशी ली गयी। संदिग्ध कई ठिकानों पर छापामारी की गयी।

गिफ्ट लेकर डाक्टर लिख रहे नकली दवा कंपनियों की दवा

अररिया। इन दिनों नकली दवा बनाने वाली कंपनियों के मेगा गिफ्ट आफरों से डाक्टरों की चांदी कट रही है। वहीं मरीज बुरी तरह आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं तथा जान तक से हाथ धो रहे हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर ड्रग इंस्पेक्टर विश्वजीत द्वास गुप्ता ने गुरुवार को बताया कि कई बार छापेमारी की गई है। नकली दवा बेचने के आरोप में भरगामा व फारबिसगंज में दो लोगों के विरूद्ध कार्रवाई भी की गयी है। गड़बड़ी की सूचना मिलने पर फौरन कार्रवाई की जाती है। लेकिन अब तक सिर्फ दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई होना दावों की पोल स्वत: खोलता है। छोटी-छोटी फर्जी दवा कंपनियां बड़े-बड़े दवा कंपनी के नाम से अपना प्रोडक्ट तैयार कर धड़ल्ले से बाजार में बेच रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस धंधे में एक जबर्दस्त नेटवर्क काम कर रहा है। दवा कंपनियां एजेंट के माध्यम से चिकित्सक को अच्छा प्रलोभन देकर अपनी दवा लिखने के लिए आकर्षित कर लेते हैं। गावों से लेकर शहरों तक में अवैध डिग्री धारी व गुप्त रूप से इलाज करने वाले चिकित्सक तथा कथित स्वास्थ्यकर्मी भी इस काम में पूरी तरह संलिप्त हैं। लोभ में ये चिकित्सक यह भी भूल जाते हैं कि लोग उन्हें भगवान का दूसरा रूप समझते हैं। गांव-हाट के दवा दुकानदार व ग्रामीण चिकित्सक के अलावा अवैध रूप से नर्सिग होम चला रहे लोगों की भी इस धंधे से चांदी कट रही है।
सूत्र बताते हैं कि ऐसी दवा लिखने के लिए कंपनी एमआर के द्वारा डाक्टरों को कार, टीवी, फ्रीज, वाशिंग मशीन जैसे कीमती उपहार देते हैं। उक्त दवा से मरीजों को ठीक होने के बजाए उन्हें मौत के मुंह में धकेल दिया जाता है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सब कुछ प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के सामने हो रहा है, लेकिन मानो सब कुछ जानकर भी वे अनजान बने हुए हैं।

विवाहिता के साथ दुष्कर्म, प्राथमिकी दर्ज

अररिया। ताराबाड़ी थाना क्षेत्र के झमटा गांव में बुधवार की शाम को जलावन चुनने गयी बीबी निकहत के साथ गांव के ही तीन लोगों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद पीड़िता ने घर पहुंचकर अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी। परिजनों ने पंचायत के प्रबुद्ध लोगों को घटना की सूचना देते हुए न्याय की गुहार लगायी। गांव में न्याय नहीं मिलने के बाद पीड़िता लाचार होकर नगर थाना अररिया पहुंचकर पुलिस को अपनी आप बीती सुनायी। पुलिस पीड़िता का बयान दर्ज कर उनकी शारीरिक परीक्षण के लिए सदर अस्पताल अररिया भेजने की तैयारी कर रही है। पुलिस को दिये गये बयान में पीड़िता ने बताया कि वह खाना पकाने के लिए जलावन चुनने गयी थी। जलावन चुनने के दौरान पूर्व से घात लगाये आरोपियों ने उन्हें पकड़ लिया और उसके साथ जोर जबर्दस्ती दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

Wednesday, October 27, 2010

ऋण राशि जमा करने आये विकलांग को बैंक प्रबंधक ने किया सम्मानित

अररिया। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा जोकीहाट के तत्वाधान में हड़वा चौक पर ऋण वसूली शिविर का आयोजन किया। ऋण वसूली में 173 ऋणधारकों ने तीन लाख 25 हजार रुपये जमा किए। इस दौरान जोकीहाट बाजार के एक विकलांग ऋण धारक मो. मुमताज को प्रबंधक मो. एहसानुल इस्लाम ने माला पहनाकर सम्मानित किया। श्री इस्लाम ने बताया कि मुमताज विकलांग होने के बावजूद ऋण की राशि समयानुसार भुगतान करते रहे हैं जो एक मिशाल है। बैंक प्रबंधक ने कहा कि मेहनत के आगे विकलांगता बौनी हो जाती है। शिविर में ऋण की राशि जमा करने वाले ग्राहकों में रानी केएहराज आलम, ललुवाबाड़ी के झड़ी लाल मंडल, बलुवा के नइमुद्दीन रानी की हमीदा खातुन आदि शामिल है।

दीपावली आते ही सक्रिय हुए जुआड़ी

अररिया। दिपावली का समय आते ही जुआड़ियों का जमघट शुरू हो गया है। पर्व के 10 दिनों पूर्व से ही जुआड़ियों ने अपना अपना सुरक्षित अड्डा खोजना शुरू कर दिया है। कई अमीर जादे जुआड़ी होटलों को बतौर एडवांस भी देना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि एडवांस देने वाले जुआड़ियों से होटल मालिक पुलिस को भी मैनेज करने का जिम्मा उठा रहे हैं। इधर, विभिन्न चौक चौराहों एवं गलियारों में जुआड़ी अपनी अपनी चौकड़ी जमा करने लगे है। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका प्रचलन तेजी से फैला है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस गश्ती की कमी के कारण जुआड़ी बेखौफ अपना धंधा चलाने में सफल होते हैं। यह धंधा खास कर वैसे स्थानों में आयोजित की जाती है जहां निर्माणाधीन मकान हो या दुकान या फिर सुनसान बाग-बगिचों में। अररिया जिला मुख्यालय में जुआ के लिए चर्चित बस स्टैंड, मीरा टॉकिज, रॉचल टॉकिज, माता स्थान, परमान नदी के किनारे विभिन्न स्थानों पर जुआड़ियों का आवागमन शुरू हो गया है। जुआड़ियों के कुछ ग्रुप ऐसे हैं जो एक दो सदस्यों को पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विभिन्न रास्तों पर तैनात की जाती है। ताकि उनके खेल में बाधा उत्पन्न नहीं हो। दीपावली के अवसर पर वर्षो से जुआ खेलने वाला एक खिलाड़ी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस दिन लक्ष्मी मां की विशेष कृपा होती है। दीपावली की रात जुआ खेलने से रातों-रात मालामाल होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए अधिकांश जुआड़ी पूर्व से ही अपना सुरक्षित स्थान एवं ग्रुप को ढूंढ लेते हैं।

जनगणना के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू

अररिया। जनगणना प्रक्रिया के प्रथम चरण की समाप्ति होते ही दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। बुधवार को डीआरडीए सभा भवन में सभी प्रखंड व नगर चार्ज अधीक्षक व सहायक चार्ज अधीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। राज्य जनगणना निदेशालय पटना से सांख्यिकी अन्वेषक लोक नाथ भारती व अजय कुमार साहा प्रशिक्षक के रूप में आये थे। प्रशिक्षण में जिला जनगणना पदाधिकारी विजय कुमार ने अधिकारियों को कई सख्त निर्देश दिये तथा दूसरे चरण के जनगणना कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिये जाने का निर्देश दिये। पटना से आये अन्वेषक लोक नाथ भारती ने प्रशिक्षण में कहा कि प्रथम चरण संबंधी मकान सूचीकरण एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का कार्य संपन्न करा लिया गया है। उन्होंने बताया कि श्रेय सभी जिलों के जनगणना तंत्र को जाता है। उन्होंने आगामी 9 फरवरी 2011 से होने वाली जाति जनगणना के संबंध में पूर्व की तैयारी के तरीके बताये। श्री भारती ने इसके लिए चार्ज कार्यालयों को परिगणना कार्य के लिए गणना ब्लाक का गठन, संक्षिप्त मकान सूची तैयार करने के अतिरिक्त नया चार्ज रजिस्टर तैयार करना होगा। वहीं अन्वेषक अजय कुमार सादा ने कहा कि कार्य के दौरान ध्यान रहे कि गणना ब्लाक गठन में 750 से अधिक जनसंख्या का आकार न हो। उन्होंने बताया कि मकान सूचीकरण ब्लाकों के प्रपत्रों की जांचोपरांत दो प्रति में वर्किग शीट तैयार करनी होगी। इसके अलावा अधिकारियों को कई और टिप्स दिये गये। मौके पर एडीपीआरओ योगेन्द्र कुमार लाल, डा. सुशील कुमार श्रीवास्तव, शकील अंसारी आदि उपस्थित थे।

झारखंड में मृत मजदूर का शव आया घर, माहौल गमगीन

अररिया। झारखंड के चाइबासा जिला अंतर्गत जैतगढ़ गांव के समीप सड़क निर्माण कंपनी में मजदूरी करने गये फारबिसगंज निवासी एक युवक की मौत 26 अक्टूबर को एक मिक्स प्लांट में खौलते अलकतरा में गिर जाने से हो गयी। बुधवार को प्रखंड के किरकिचिया पंचायत के कुढैली बस्ती वार्ड संख्या चार निवासी विजय ऋषिदेव के पुत्र मृतक दिनेश ऋषिदेव के शव को उसके घर लाया है। शव के पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गयी। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। लेकिन हैरत की बात है कि शव के साथ आने वाला मजदूर ठेकेदार मो. आलम पूर्णिया से ही वापस लौट गया और मृतक के साथी 14 वर्षीय रंजीत ऋषिदेव के साथ शव को टैपों में लादकर गांव भेज दिया जिस कारण परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश है। रंजीत और मृतक दिनेश चार दिन पूर्व ही झारखंड में मजदूरी करने गया था। फारबिसगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी मो. आलम नामक एक मजदूर ठेकेदार यहां की दलित बस्तियों से मजदूरों को काम देने के नाम पर ले गया था। शव को लेकर पहुंचे रंजीत ने बताया कि उन लोगों को तीन हजार रूपया मासिक पर आरकेएस नामक सड़क निर्माण कंपनी में काम दिलाया गया था। चाईबासा के जगनाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जैतगढ़ गांव में गये अलकतरा की टंकी में उपर चढ़कर ड्रम से अलकतरा गिराने के दौरान दिनेश टंकी में जा गिरा। अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी थी। जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया था।
इधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मजदूर ठेकेदार आलम अपने पास रख लिया। जबकि परिजनों को किसी प्रकार का मुआवजा भी नहीं दिया गया है। मृतक के पिता विजय ऋषिदेव ने कहा कि उनके बेटे को ठेकेदार द्वारा ऐसे काम में लगाया गया जिसमें वह निपुण नहीं था। यहां तक कि मुआवजा भी नहीं मिला। पड़ोसी गांव का ठेकेदार रहने के बावजूद मृतक के गांव तक उसका नहीं आना कई सवालों को खड़ा कर दिया है।

ग्रामीण घोड़ा रेस प्रतियोगिता में सुपौल ने मारी बाजी

अररिया। दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुरूप नरपतगंज प्रखंड के एक सुदूरवर्ती गांव में मंगलवार को जिला स्तरीय घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रखंड के गोड़राहा पंचायत के प्रगति मैदान में आयोजित इस प्रतियोगिता को काली पूजा मेला के अवसर पर ग्रामीणों के आपसी सहयोग से किया था। घोड़ा रेस देखने को लेकर हजारों ग्रामीण उपस्थित थे। पूर्णिया कमीश्नरी में अपने तरह का यह एक नया प्रतियोगिता था। जिसमें अररिया जिला के अलावा सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, छपरा, पूर्णिया आदि के घुड़दौड़ सौकिनों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में सुपौल के प्रतिभागियों ने बाजी मारी। सुपौल जिले के तसुक गांव निवासी बेचन खां ने पन्द्रह वें राउंड में सबसे पहले फीनिसिंग प्वाइंट को छूकर पहला स्थान प्राप्त किया। जबकि सुपौल जिले के ही चटगांव निवासी सुमन जी अपने घोड़े के साथ दूसरे नंबर पर रहे। रेस में करीब डेढ़ दर्जन प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागी ग्रामीण स्तर के थे। करीब छह सौ मीटर के एक राउंड को 15 बार चक्कर लगाकर जीत हासिल करनी थी। कई प्रतिभागी अपने घोड़ा के साथ थक जाने के कारण प्रतियोगिता के बीच में ही बाहर निकल गए। चारो तरफ हजारों ग्रामीणों की तालियों की शोर प्रतिभागियों के हौसले बढ़ा रहे थे। दो वर्षीय सवा लाख रुपये का एक घोड़ा सबों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। प्रतियोगिता के आयोजक कलान्नद कमल, दयानन्द यादव, सुरेन्द्र यादव तथा गिरानन्द यादव ने बताया कि 40 वर्षो से भी अधिक समय से इस घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन ग्रामीणों द्वारा किया जाता रहा है। हालांकि उन्हें मलाल था कि आज भी लोगों को यहां होने वाले इस रोमांचक घुड़दौड़ प्रतियोगिता की जानकारी लोगों को नहीं है। घोड़ा रेस का उद्घाटन करने पहुंचे फारबिसगंज के निवर्तमान विधायक लक्ष्मी नारायण मेहता तथा भाजपा नेत्री देवयंती देवी ने कहा कि प्रयास करने पर इस अनूठे रेस को बिहार के मानचित्र पर पहचान मिल सकती है। प्रतियोगिता में घोड़ें की टापों से लोग रोमांचित हो उठते थे।

स्पीडी ट्रायल : हर सातवें दिन मिला एक को आजीवन कारावास

अररिया। सुशासन में शुरू किए गए स्पीडी ट्रायल का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। स्पीडी ट्रायल के बढ़ते प्रभाव से जहां अपराधियों का मनोबल टूटा है, वहीं घरेलू हिंसा में भी काफी कमी आयी है। हालांकि लंबित कांडों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस प्रक्रिया को और तेज करने की जरूरत है। स्पीडी ट्रायल के कारण पुलिस प्रशासन भी बहुत हद तक चैन की सांस ली है। स्पीडी ट्रायल के कच्छप गति होने के बावजूद वर्ष 2010 के सितम्बर माह तक 36 लोगों के विरुद्ध आरोप सिद्ध होने के बाद उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। जबकि कुल 72 आरोपियों को सजा सुनाई गयी है। सजा पाने वाले 72 आरोपियों में नौ को दस वर्ष से अधिक एवं छह को दस वर्ष से कम की सजा सुनायी गयी है। दो अपराधियों को 15 वर्षो का सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है।
जनवरी माह में सत्रवाद संख्या 402/09 में धारा 498 ए के तहत पहुंसी के चन्द्र किशोर साह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। जबकि जोगबनी थाना कांड संख्या 157/09 व सिकटी थाना कांड संख्या 8/06 के आरोपी क्रमश पवन पोद्दार जोगबनी व युसुफ (बल्लीगढ़) को एक-एक वर्ष की सजा मिली। फरवरी माह में फारबिसगंज थाना कांड संख्या 287/07 में देवेश्वर लाल देव भट्टाबाड़ी को आ‌र्म्स एक्ट के तहत तीन वर्ष तथा अररिया मदनपुर थाना कांड संख्या 421/09 में कसैला के सुधीर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। इसी आरोपी को धारा 201 में एक वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है। इधर, जोकीहाट थाना कांड संख्या 16/04 ताराबाड़ी थाना कांड संख्या 184/08 एवं फारबिसगंज थाना कांड संख्या 36/09 में धारा 302 एवं 120 बी के तहत जालीम राय, सुभाष राय, सुरेश राय, कातेहपुर के दयानन्द मंडल एवं फारबिसगंज के चिकित्सक डा. विजय कुमार को आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माना की सजा दी गयी है।
अप्रैल माह में अररिया थाना कांड संख्या 269/94 में डकैती कांड के अभियुक्त मैनापुर निवासी मो. शाबिर आलम को दस वर्ष की सजा एवं पांच हजार जुर्माना की राशि भरने की सजा दी गयी है। जबकि फारबिसगंज थाना कांड संख्या 938/05 में नित्यानन्द मंडल, कृपानन्द मंडल साकिन दुर्गापुर को धारा 325 के तहत तीन वर्ष धारा 341 के तहत एक माह एवं धारा 323 में छह माह की कारावास मिली है। इसके अलावा आरोपियों को पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। इसी माह बौंसी थाना कांड संख्या 361/02 में देवस्थल गांव निवासी सर्दिका पासवान एवं राजू मंडल को हत्या व आ‌र्म्स एक्ट के मामले में उम्र कैद की सजा सुनायी गयी है। बौंसी थाना कांड संख्या 885/2000 में गुलाब चन्द्र पासवान साकिन नन्दनपुर को उक्त धारा के तहत आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माना की सुजा सुनाई गयी है। जबकि कोर्ट परिवार संख्या 1325/93 में लाल बहादुर मंडल को धारा 452, 366 के तहत छह वर्ष परवेश मंडल को धारा 376 के तहत आठ वर्ष एवं दस हजार तथा बच्चानन्द मंडल, नरेश मंडल, महेश मंडल व पांडव मंडल को दो वर्ष की सजा सुनायी गयी।
जून माह में बरदाहा के अदबत कलीम, बीबी सालका साकिन ढेंगरी को धारा 323 व 498 के तहत एक-एक वर्ष सजा पायी। जुलाई माह में सिमराहा थाना कांड संख्या 167/05 में धारा 376, 511, 34 आ‌र्म्स एक्ट 302, 54 के तहत महाराजगंज के मो. मंजूर को पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं अगस्त माह में जोगबनी बथनाहा कांड संख्या 188/09 में भोला मंडल, महिषाकोल एवं थाना कांड संख्या 164/07 में धारा 304 में धनराज मंडल, देवा नारायण मंडल, रामानन्द मंडल, जामुन मंडल, श्यामानन्द मंडल, रामदेव मंडल, जगदीश मंडल, उरानन्द मंडल एवं उपेन्द्र मंडल को धारा 304 के तहत आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माना तथा धारा 144 के तहत एक वर्ष व धारा 148 के तहत साधारण सजा सुनायी गयी है।
जबकि सितम्बर माह फारबिसगंज थाना कांड संख्या 153/05 में धारा 302, 34 आ‌र्म्स एक्ट के तहत रामपुर डुमरिया के इद्रीश, मुस्ताक, यासीन, बीबी हुसना एवं जुबैदा को आजीवन कारावास एवं पांच-पांच हजार जुर्माना भरने की सजा सुनायी गयी है।

एसएसबी ने पकड़ा 24 हजार मूल्य का सुपाड़ी

अररिया। एसएसबी 24 वीं बटालियन के कुशमाहा कंपनी के जवानों ने सीमा पर गश्ती के दौरान बुधवार को 24 हजार मूल्य का साढ़े तीन सौ किग्रा सुपाड़ी एवं तीन साइकिल जब्त किया है। एसएसबी जवानों को देख तस्कर सुपाड़ी छोड़ भाग गये। जब्त सुपाड़ी एवं साइकिल को कस्टम के हवाले कर दिया गया है। यह जानकारी बथनाहा स्थित एसएसबी के सेनानायक एकेसी सिंह ने दिया। सुपाड़ी भारत से नेपाल ले जाया जा रहा था।

ढाई सौ लोगों का आ‌र्म्स लाइसेंस निलंबित, नोटिस जारी

अररिया। बिहार विधानसभा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित तिथि पर आ‌र्म्स का सत्यापन नहीं कराने वालों पर जिला पदाधिकारी एम. सरवणन ने कार्रवाई का डंडा चलाना शुरू कर दिया है। डीएम एम सरवणन ने 248 शस्त्र धारियों की अनुज्ञप्ति निलंबित कर दी है। साथ ही इन सभी 248 व्यक्तियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ज्ञात हो कि तकरीबन साढ़े सात सौ आ‌र्म्स लाइसेंस जिले में निर्गत है। जिसमें ढाई सौ लोग प्रशासन की कार्रवाई से बेखौफ होकर अपना-अपना हथियार का सत्यापन ही नहीं कराया। दिये गये नोटिस में स्पष्ट रूप से लिखा है कि निर्धारित तिथि को स्पष्टीकरण नहीं देने वालों का आ‌र्म्स लाइसेंस रद कर दिया जाएगा। इधर, इस संबंध में स्थापना प्रशाखा के उप समाहर्ता प्रभारी विधान चन्द्र यादव ने बताया कि कुल 248 अनुज्ञप्ति निलंबित किए गए हैं। जिसमें जोकीहाट थाना के 28, फारबिसगंज क्षेत्र के 33, जोगबनी के 9, भरगामा आठ, नरपतगंज 26, सिकटी 36, कुर्साकांटा थाना के 12, पलासी थाना के 18, रानीगंज 20 एवं नगर थाना अररिया क्षेत्र के 58 व्यक्तियों ने प्रशासन के निर्देश का उल्लंघन किया और अपने हथियार का सत्यापन नहीं कराया।
इधर, इन 248 हथियारधारी लोगों की सूची पर गौर किया जाए तो कई नामी हस्ती इसमें शामिल हैं। निवर्तमान विधायक से लेकर पूर्व सांसद पुत्र तक के नाम सत्यापन नहीं कराने वालों की सूची में दर्ज हैं। इन नामचीन लोगों में प्रमुख रूप से जोगबनी थाना क्षेत्र के सरयु मिश्र का पुत्र प्रदीप मिश्र, विकास मिश्र, देव नारायण यादव, गजेन्द्र ठाकुर, नगर थाना क्षेत्र अररिया के अरविन्द सुल्तानियां, अब्दुल हन्नान, शाद अहमद, लक्ष्मीपत चंडालिया, सरफराज आलम की पत्‍‌नी सरबत जहां, नैयर हबीब, अजात शत्रु सिंह, एकरामुल हक, मृदुला सेन, पवन केडिया, भरगामा थाना क्षेत्र के धीरेन्द्र झा, अनंत यादव, मिथिलेश सिंह, नरपतगंज थाना के दयानन्द यादव, जर्नादन यादव, सुकदेव पासवान की पत्‍‌नी नीलम पासवान, पुत्र राजीव कुमार, सिकटी थाना क्षेत्र के राजेन्द्र झा, लीलानन्द झा, जोकीहाट थाना क्षेत्र के खोदाबक्श, अनवारूल हक, यमुना प्रसाद यादव, पलासी थाना क्षेत्र के भवानन्द झा, विवेकानन्द ठाकुर, संतलाल मंडल, कुर्साकांटा थाना क्षेत्र के विजय कुमार मंडल, दिलीप केसरी, कालीकांत झा, दिलीप मिश्रा, रानीगंज थाना क्षेत्र के एकरामुल हक, अमरनाथ ठाकुर, अरुण यादव स हित कई लोग इस सूची में दर्ज हैं। इन सभी 248 व्यक्तियों का लाइसेंस डीएम श्री सरवणन ने शस्त्र अधिनियम की धारा 63 व शस्त्र अनुज्ञप्ति की शर्त नौ ए के उल्लंघन का कारण दर्शाते हुए निलंबित किया है।
इधर, डीएम के निर्देश के बावजूद थाना द्वारा निलंबित अनुज्ञप्ति वाले हथियार जमा नहीं किया जा रहा है। साथ ही इसका रिपोर्ट भी जिला दंडाधिकारी के समक्ष नहीं भेजा गया है। इसकी पुष्टि स्थापना प्रशाखा के उप समाहर्ता प्रभारी श्री यादव ने भी की है।

पूर्व डीएम,डीडीसी सहित सात के खिलाफ वारंट जारी

अररिया। इंदिरा आवास की आठ करोड़ राशि गबन मामले में पूर्व डीएम, डीडीसी व डीआरडीए के कार्यपालक अभियंता सहित सात के विरूद्ध सीजेएम न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। कोर्ट के इस बड़े फैसले से जिले के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। गबन के इस मामले में अररिया नगर थाना मे कांड संख्या 283/10 दर्ज हुआ है। जिसमें भादवि की धारा 406,409,420,467,468 एवं 120 बी के तहत मामला पंजीकृत किया गया था। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वित्तीय वर्ष 04-05 में इंदिरा आवास के आवंटन में भारी अनियमितता की गयी थी। इस दौरान षडयंत्र के तहत अधिकारियों की मिलीभगत से इंदिरा आवस की करीब आठ करोड़ रूपये का बंदरबांट कर लिया गया। बाद में जांच के दौरान वर्तमान जिला पदाधिकारी एम सरवणन ने घपले का मामला पकड़ा तथा उनके निर्देश पर नगर थाना में तत्कालीन डीएम अमरेन्द्र नारायण सिंह एवं तत्कालीन डीडीसी वाल्मीकि प्रसाद सहित अन्य दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। मामले के अनुसंधान कर्ता पुलिस इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने छानबीन के बाद उक्त दोनों पदाधिकारियों के अलावा ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रामाकांत शर्मा, सहायक अभियंता दीपक कुमार व मुकेश कुमार, कनीय अभियंता बीर बहादुर सिंह एवं धनपत मोदी को भी दोषी पाया। इंस्पेक्टर ने अपने जांच रिपोर्ट में लिखा है उक्त राशि का घोटाला डेहटी पैक्स के माध्यम से किया गया है। मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उपेंद्र रजक ने अनुसंधान कर्ता के अनुरोध पत्र पर तत्कालीन डीएम, डीडीसी, कार्यपालक अभियंता सहित सात लोगों के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया है।

आग लगने से दस लाख की संपत्ति जलकर खाक

अररिया। नरपतगंज प्रखंड के नाथपुर पंचायत के वार्ड नंबर नौ में बुधवार की रात नौ बजे आग लगने से दस घर जलकर राख हो गये। जिसमें बकरी, भैंस व पाट जलकर खाक हो गये।
इस घटना में लगभग दस लाख रूपये का नुकसान बताया जाता है। आग बुझाने के क्रम में मनोज कुमार राय, महेन्द्र कामेत, सावित्री देवी झुलस गये। घटना की पुष्टि प्रखंड विकास पदाधिकारी अरूण कुमार यादव ने की। अग्निपीड़ितों में मुंगालाल कामेत, महेन्द्र कामेत, उपेंद्र कामेत, रामकुमार कामेत, सुरेन्द्र कामेत, उमेश कामेत, धीरेन्द्र कामेत, योगेन्द्र कामेत शामिल है। आग लगने के कारणों का पता नही चल सका है

पुरूषों के पलायन के कारण बढ़ा महिलाओं का वोट प्रतिशत

अररिया। कामगारों के पलायन एवं क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या को मिटाने के उद्देश्य से आरंभ की गयी मनरेगा योजना पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पायी है। संपन्न विधानसभा के मतदान में ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर महिलाओं की ज्यादा उपस्थिति स्पष्ट कर रही थी कि उनके घरों में पुरुष नहीं हैं। काम के अभाव एवं अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता को लेकर मजदूरों का लगातार पलायन दिल्ली, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों में हो रहा है।
पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत चलाए जा रहे कार्यक्रमों में भी पारदर्शिता नहीं है। किसी पंचायत में फर्जी पासबुक की शिकायत है तो कहीं कार्डधारी रोजगार से वंचित है। प्रखंड के अधिकांश पंचायतों में मजदूर शिकायत करते रहे हैं कि उनका जाब कार्ड या तो जनप्रतिनिधि के पास है अथवा रोजगार सेवक के पास। सरकार कामगारों के पलायन एवं उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कवायद करती रही है। परन्तु इस योजना के क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं होने के कारण बहुउद्देश्य योजना का लाभ मजदूरों को नहीं हो पा रही है। प्रखंड में इस योजनाओं का बारीकियों से अध्यन किया जाए तो कई खामियां एक साथ उजागर होंगे। हालांकि, कार्यक्रम पदाधिकारी बताते हैं कि योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से चल रहा है।

Tuesday, October 26, 2010

इलाहाबाद बैंक की रानीगंज शाखा में सीबीएस प्रणाली शुरू

अररिया। आधुनिक बैंकिंग प्रणाली के तहत कदम से कदम मिलाते हुए इलाहाबाद बैंक की रानीगंज शाखा में भी सीबीएस प्रणाली का शुभारंभ किया गया है। शुभारंभ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शाखा प्रबंधक मिथलेश कुमार झा ने मगंलवार को ग्राहकों को इस सेवा की जानकारी विस्तार पूर्वक दी। जिले में इलाहाबाद बैंक की पहली शाखा में इस प्रणाली की शुरूआत की गयी है।
शाखा प्रबंधक ने इस मौके पर ग्राहकों को बताया कि इस प्रणाली के आरंभ होते ही ग्राहकों को इंटरनेट, बैंकिंग, एटीएम सुविधा, आरटीजीएस, नेफ्ट, एसएमएस एलर्ट आदि सुविधा आरंभ कर दी गयी है। सुविधाओं की जानकारी के दौरान उपस्थित बैंक कर्मी ने बताया कि ग्राहकों को बेहतर सुविधा सेवा के लिए बैंक कृत संकल्पित है। इन सेवाओं के आरंभ होने पर ग्राहकों ने काफी प्रसन्नता व्यक्त की है। लगभग तीस वर्षो से रानीगंज में ग्राहकों को बैंकिंग सेवा प्रदान करने वाला यह पहला बैंक है। फिलहाल इस बैंक में लगभग पांच हजार ग्राहक हैं। इस मौके पर शाखा में सहायक प्रबंधक राम सज्जन चौधरी, डीएन मांझी, उदयशंकर झा, प्रो. दयानन्द राउत, विनोद भगत, प्रदीप पोद्दार आदि उपस्थित थे।

चिकित्सक समेत आठ के खिलाफ मामला दर्ज

अररिया। एक निजी क्लिनिक के चिकित्सक समेत आठ लोगों के खिलाफ व्यवहार न्यायालय में मैनापुर निवासी मो. शाकीर उर्फ कारु ने मंगलवार को मामला दर्ज कराया है। जिसमें चिकित्सक द्वारा फीस के रूप में राशि वसूलने के उपरांत इलाज नहीं करने तथा मारपीट करने का आरोप लगाया है। न्यायालय में दायर अभियोग पत्र संख्या 3585/10 में मो. शाकीर ने उल्लेख किया है कि उनके पुत्र महताब (आठ वर्ष) को 24 अक्टूबर को एक मोटर साइकिल चालक ने ठोकर मार दी। घायल महताब को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से डयूटी पर तैनात चिकित्सक ने उसे डा. अरशद के यहां ले जाने की सलाह दी। तब दस हजार रुपये चिकित्सक के पास जाम भी किया फिर भी उन्होंने बच्चे का इलाज शुरू नहीं किया। बाद में चिकित्सक ने कम्पाउंडरों की मदद से मारपीट कर क्लिनिक से भगा दिया। मो. शाकीर ने न्यायालय में दर्ज मामले में डा. अरशद के अलावा शकील अहमद, मो. अकरम, पप्पू, सरफराज, शमशाद, तोसीद आलम व अफजल को नामजद अभियुक्त बनाया है।

अग्निकांड: भीषण अग्निकांड में मवेशी समेत लाखों की संपत्ति खाक

अररिया। अररिया आर.एस. ओपी क्षेत्र के हयातपुर पंचायत अंतर्गत मजकूरी में सोमवार की देर रात हुई भीषण अग्निकांड में मवेशी समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गयी। इस घटना में दो बच्चे के झुलसने की बात बतायी जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रात के ग्यारह बजे किसी के गोहाल से आग उठी और धीरे-धीरे आस-पास के घरों को अपने चपेट में ले लिया। तब तक ग्रामीण एवं अग्निशामक दस्ता आग पर काबू पाते तब तक दस परिवारों के एक दर्जन घर जलकर नष्ट हो गया। इस दौरान पीड़ितों के घरों में रखा पटुआ, अनाज, कपड़ा, बर्तन, फर्नीचर जलकर नष्ट हो गया। पीड़ित परिवारों में फकार अंसारी, अयास अंसारी, रफीक अंसारी, ताजुद्दीन, मेराज अंसारी, फकरूद्दीन अंसारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस घटना में सबसे अधिक क्षति फकार अंसारी की हुई है। ग्रामीणों के अनुसार पीड़ितों के आधा दर्जन बकरी-मुर्गी भी जल गये। घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस नेता मोईदुर्रहमान, पूर्व मुखिया मो. खालिद ने परिजनों को तत्काल मुहैय्या करायी।

मक्का के अधिक उत्पादन के लिए अधिकृत कंपनी के ही बीज खरीदें

अररिया। गत वर्ष मक्का के बाली में दाना नहीं लगने से हलकान जिले के प्रभावित किसान एक बार फिर मक्का फसल लगाने को ले पशोपेश में हैं। ज्ञात हो कि गत वर्ष मक्का किसानों के चेहरे पीले पड़ गये थे और उनकी खस्ताहाल माली हालत ने कर्जदार बना दिया था। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी वैद्यनाथ प्रसाद यादव ने मक्का किसानों को इस बार एहतियात बरतने के साथ ही ठोस उपाय पर अमल करने का सुझाव दिया है। डीएओ श्री यादव ने किसी खास ब्रांड के बीजों का प्रयोग करने से परहेज करते हुए कहा कि बिहार राज्य बीज निगम के बीज, एनएससी बीज, हाईब्रीड बीज के अलावा ग्लोबलाइजेशन कंपनियों को भी बीज विक्रय करने की अनुज्ञप्ति दे रखी है। उन्होंने कहा कि अच्छे क्वालिटी के उन्नत बीज, नियत तापमान एवं उपयुक्त समय पर बीजारोपण करने से मक्का किसानों को निराश नहीं होना पड़ेगा, बल्कि पैदावार अच्छी होगी और उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।
रब्बी की प्रमुख फसलों में से एक मक्का के बीच का जर्मिनेशन के समय 15 डिग्री सेंटीग्रेड उपयुक्त तापमान माना गया है। लेकिन उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए खास सलाह दी है कि बीजारोपन ऐसे समय किया जाए कि जनवरी माह में मक्के की बाली में रेशा नहीं आवे तो सिंचाई की माकूल व्यवस्था हो। फिर पेशोपेश में फंसे किसानों के चेहरे दमकने लगेंगे।

सीमांचल ट्रेन के लगातार विलंब से चलने पर यात्री परेशान

अररिया। सीमावर्ती क्षेत्र से दिल्ली जाने वाली एक मात्र ट्रेन सीमांचल एक्सप्रेस के विगत पंद्रह दिनों से काफी विलंब से पहुंचने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इस ट्रेन में अत्यधिक भीड़ के कारण कई यात्री ट्रेन पर सवार नहीं हो पा रहे हैं। फारबिसगंज स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य सुभाष अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली से लौटने के क्रम में यह ट्रेन पटना तक तो लगभग ठीक ठाक पहुंच जाती है लेकिन उसके बाद कटिहार और फिर फारबिसगंज एवं जोगबनी तक आने में कई घंटे विलंब होती है। बताया कि कई बार तो यह ट्रेन फारबिसगंज से दिल्ली के लिए निर्धारित प्रस्थान समय के घंटों बाद दिल्ली से वापस पहुंचती है। फिर जोगबनी जाकर दिल्ली के लिए निर्धारित समय के घंटों बाद खुलती है। ट्रेन अत्यधिक लेट होने के कारण यात्रियों को घोर कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि इस ट्रेन में अत्यधिक भीड़ होने के कारण भी अक्सर कई यात्री उस पर सवार ही नहीं हो पाते। श्री अग्रवाल ने एनएफ रेल प्रशासन से इस महत्वपूर्ण ट्रेन के सुचारू परिचालन एवं पूर्णकालिक रैक लगाने की मांग की है।

Monday, October 25, 2010

ट्रैक्टर पलटने से चालक की मौत

अररिया। जोकीहाट प्रखंड अंतर्गत चैनपुर गांव में सोमवार को ट्रैक्टर पलटने से एक युवक की मौत हो गयी। प्राप्त जानकारी के अनुसार चैनपुर के चन्द्रशेखर बांध के निकट बालू भरा एक ट्रैक्टर के अचानक पलट जाने से ट्रैक्टर चालक फैजान आलम की मौत गाड़ी के नीचे दबकर हो गयी। चालक चैनपुर गांव का निवासी बताया जाता है। घटना के बाद से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।

नेपाली मिलावटी सामानों की बिक्री धड़ल्ले से

अररिया। भरगामा प्रखंड क्षेत्र के दैनिक उपयोगी सामग्री हेतु प्रसिद्ध विभिन्न हाट बाजारों में इन दिनों नेपाली मिलावटी सामानों की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। लिहाजा एक तरफ उपभोक्ता वाजिब मूल्य से भी कहीं अधिक कीमत चूकाकर नकली या फिर मिलावटी सामान खरीदने पर मजबूर हैं। वहीं व्यवसायी या नेटवर्क से जुड़े लोग उपभोक्ताओं में इन सामानों को बेच दोनों हाथ धन बटोर रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि प्रशासन ने इस अवैध धंधे पर ध्यान नहीं दिया हो या अंकुश लगाने का प्रयास न किया हो। सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पूर्व प्रशासन हरकत में आयी, जिससे इस तरह के धंधे पर काफी हद तक विराम भी लगा। किंतु जैसा कि बताया जा रहा है माहौल के सामान्य होते ही यह धंधा एक बार फिर फलने-फूलने लगा है। यहां बताते चले कि सरसो तेल, सुपाड़ी, इलाइची, डालडा, लौंग आदि ऐसी कई जरूरी व दैनिक उपयोग में आने वाली खाद्य सामग्री है जो नकली या नेपाली कही जाती है। क्षेत्र के बुद्धिजीवियों की माने तो इन नकली या नेपाली कहीं जाने वाली सामानों में असली और नकली का इतना मामूली फर्क होता है कि आम उपभोक्ता अक्सर गच्चा खा जाते हैं। और झांसे में आकर कथित नकली, मिलावटी या नेपाली सामान खरीद बैठते हैं। इधर, सूत्रों की माने तो ऐसे सामानों की व्यवसायियों की एक पूरा नेटवर्क है जो प्रखंड के भिन्न क्षेत्र यानि गांव-देहात तक फैला हुआ है। इतना ही नहीं इसके अलावा माध्यम से व्यवसायी या नेटवर्क से जुड़े लोग न सिर्फ दोनों हाथों धन बटोर रहे हैं बल्कि सरकार को भी एक बड़े राजस्व से वंचित रखकर बड़ी ही सहजता से चूना लगा रहे हैंI

जाब कार्ड तो बना पर नहीं मिला रोजगार, हो रहा पलायन

अररिया। विभागीय प्रयास के बावजूद भरगामा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों से भी मजदूरों की बड़ी संख्या अन्यत्र पलायन को मजबूर है। सौ दिन रोजगार उपलब्ध करवाने का दावा इन क्षेत्रों में हवा हवाई साबित हो रहा है। जबकि मजदूरों के जॉब कार्ड का उल्लेख कर फर्जी तरीके से राशि निकासी करने का कार्य बिचौलियों द्वारा धड़ल्ले की की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड भर में जॉब कार्ड धारियों की संख्या 24,000 के करीब है, जिसे 100 दिन का रोजगार मनरेगा के तहत उपलब्ध कराया जाना था। जॉब कार्डधारी बासुदेव राम, देवसूनी राम, जगदीश राम, नामो राम आदि बताते हैं कि बहुत प्रयास व अधिकारियों समेत जन प्रतिनिधियों की लगातार खुशामद के बाद जॉब कार्ड तो बन गया किंतु रोजगार सौ दिन तो दूर एक भी दिन का भी उपलब्ध नहीं कराया गया। प्रखंड के बांकी जॉब कार्ड धारियों की स्थिति भी समान ही बतायी जा रही है। ऐसा नहीं है कि विभाग द्वारा जॉब कार्ड धारियों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास नहीं किया गया। किंतु सूत्रों के मुताबिक यह प्रयास संरक्षण प्राप्त बिचौलिये के लिए हीं लाभकारी सिद्ध हुआ। आरोपों के मुताबिक ऐसे बिचौलिये द्वारा प्रत्यक्ष या अपरोक्ष रूप से लाभुकों के जॉब कार्ड का इस्तेमाल विभिन्न योजना में कहने के उपरांत राशि का बंदरबांट बड़ी ही सहजता से कर लिया जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इतने बड़े गोलमाल के बावजूद प्रशासन मौन क्यों है? रोजगार दिलाने या फिर बिचौलियों के धड़-पकड़ के लिए किये गये? आदि कई ऐसे सवाल है जो गहन छानबीन का विषय है। तथा जिसका जवाब न तो शुभ चिंतक होने का दंभ भरने वाले जनप्रतिधियों के पास और न विभाग के पास। बहरहाल एक तरफ विभाग रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर जहां तरह-तरह के दावे कर रही है। वहीं भूखमरी के लगभग कगार पर पहुंच चुके क्षेत्र के मजदूर वर्गो का क्षेत्र से अन्यत्र पलायन बदस्तूर जारी है।

अशिक्षा व निर्धनता के कारण महिलाएं हो रही घरेलू हिंसा की शिकार

अररिया। घरेलू हिंसा शारीरिक यौन व मनोवैज्ञानिक दुरुपयोग है। जो किसी के पति या पत्‍‌नी, भागीदार या गृहस्थी के अधीन अन्य पारिवारिक सदस्यों के बीच होता है। घरेलू हिंसा तब होती है जब परिवार का सदस्य शारीरिक व मनोवैज्ञानिक रूप से अन्य को अधिशासित करने का प्रयत्‍‌न करता है। घरेलू हिंसा में मुख्य रूप से शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा, यौन दुराचार, मनोवैज्ञानिक हिंसा, आर्थिक दुरुपयोग व अध्यात्मिक कारणों से होता है। अररिया जिला में महिलाएं बड़ी संख्या में घरेलू हिंसा की शिकार हो रही है। इस जिले में मुख्य रूप से दहेज, मारपीट, बलात्कार, पत्‍‌नी के रहते दूसरी शादी व संपत्ति में भागीदारी को लेकर महिलाओं पर अत्याचार का मामला बड़े पैमाने पर हो रहा है। साथ ही बाल महिलाएं (दाई व नौकरानी) पर यौन शोषण का भी मामला प्रकाश में आते रहता है। गरीबी व अशिक्षा के कारण लाचार व बेबस अभिभावक परिवार चलाने के लिए कम उम्र की बच्चियों को भी दाई के रूप में काम करवाते हैं जिनका शारीरिक यौन शोषण शुरू हो जाता है।
घरेलू हिंसा के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण पलायन भी है। पहले केवल युवा वर्ग ही रोजगार की तलाश में पलायन करते थे लेकिन आज गरीबी के कारण सपरिवार भी पलायन हो रहा है, जिस कारण वहां उनके परिवार का शोषण भी किसी न किसी रूप में होता है। दूसरी ओर जो परिवार छोड़कर जाते हैं वो अपने घर में भी किसी न किसी रूप में घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं। अररिया जिले में घरेलू हिंसा के मामले बड़ी संख्या में सामने आए हैं। इसी कारण न्यायालय में दहेज, मारपीट, प्रताड़ना, दूसरा विवाह, यौन शोषण के मामले बड़ी संख्या में रोजाना आते हैं। इस संबंध में अधिवक्ता सदरे आलम ने बताया कि घरेलू हिंसा में पीड़ित महिलाओं का केश अररिया में बहुत ज्यादा हो रहा है। यही कारण है कि सैकड़ों महिलाएं न्याय प्राप्त करने के लिए कचहरी में चक्कर लगाती रहती है। 2005 के अधिनियम के अनुसार घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हर जिले में महिला संरक्षण अधिकारी की नियुक्ति होती है, लेकिन बिहार के किसी भी जिला में इसकी नियुक्ति नहीं हुई है। तत्काल महिला हेल्प लाइन की परियोजना प्रबंधक ही महिला संरक्षण पदाधिकारी के रुप में प्रतिनियुक्त हैं। अररिया में पिछले छह माह से परियोजना प्रबंधक नहीं है। इसलिए प्रभार में हेल्प लाइन से जुड़ी गीता कुमारी कार्य देख रही हैं।
गीता कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में महिला हेल्प लाइन में अब तक 255 मामले आए हैं, जिसमें दहेज प्रताड़ना, मारपीट, तलाक, यौन शोषण, बलात्कार, ट्रैफिकिंग आदि के हैं। उन्होंने बताया कि लगभग डेढ़ सौ मामले को दोनों पक्षों के बीच सुलह कराकर समाप्त करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अररिया का महिला हेल्प लाइन कई समस्याओं से जूझ रहा है। यहां एक प्रबंधक, एक महिला व एक पुरुष काउंसलर, तीन अधिवक्ता व एक आदेश पाल होना चाहिए। लेकिन एक प्रभारी गीता कुमारी व एक अधिवक्ता रुपेश कुमार के सहारे ये किसी तरह चल रहा है। इन्हें भी कई माह से मानदेय भुगतान नहीं हुआ है। जिले में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला के लिए 2006 से सौर्ट स्टे होम बना हुआ है। सौर्ट स्टे होम की संचालिका रत्‍‌नमाला ने बताया कि घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला जिनका कोई आश्रय नहीं है उसे यहां रखा जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा रोकने के लिए सख्त से सख्त कानून बना एवं उसको लेकर प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है। साथ ही स्कूलों में बालिकाओं के घरेलू हिंसा के संबंध में पूरी जानकारी एवं इस केलिए बने कानून की जानकारी समय की जरूरत बन गयी है। महिला हिंसा सहती है मगर अशिक्षा व निर्धनता के कारण इंसाफ नहीं ले पाती है।

वेतन को ले चौकीदार-दफादारो ने किया सीओ का घेराव

अररिया। विगत छह माह से वेतन नहीं मिलने से आक्राोशित फारबिसगंज अंचल क्षेत्र के दफादार चौकीदारों ने सोमवार को अंचल सह प्रखंड कार्यालय परिसर में अंचलाधिकारी का घेराव किया। वेतन की मांग को लेकर दफादारों एवं चौकीदारों ने अंचलाधिकारी शिवशंकर सिंह के सामने आक्रोश व्यक्त करते हुए शीघ्र लंबित वेतन के भुगतान की मांग की। सीओ श्री सिंह के द्वारा एक सप्ताह के अंदर वेतन भुगतान का आश्वासन दफादार चौकीदारों को दिया। दफादार चौकीदार संघ के अनुमंडल अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह के नेतृत्व में फारबिसगंज अंचल सहित नरपतगंज तथा भरगामा अंचल के दर्जनों सदस्य अभियान में शामिल थे। सच्चिदानंद सिंह सहित चौकीदार दिनेश पासवान, अशोक पासवान, जगदीश पासवान व अन्य ने कहा कि पिछले छह माह से उन लोगों का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है जिस कारण उनके समक्ष भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। मामले को लेकर डीएम तथा एसडीओ को भी आवेदन देकर वेतन भुगतान करवाने का आग्रह किया जा चुका है। इन लोगों ने सीओ के समक्ष ही आरोप लगाया कि पूर्व में वेतन भुगतान के लिए अंचल कार्यालय में घूस देना पड़ता है। नरपतगंज तथा भरगामा अंचल में वेतन भुगतान नियमित रहने की बात भी बतायी गयी। इधर सीओ श्री सिंह न कहा कि वेतन मद की राशि चुनाव से करीब एक माह पूर्व ही आ गया था। लेकिन चुनाव के कारण भुगतान में विलंब हुआ। अब एक सप्ताह में सभी का भुगतान किया जायेगा। फारबिसगंज अंचल में कुल 95 दफादार चौकीदार है। घेराव करने वालों में चौकीदार पंकज पासवान, हीरालाल ठाकुर, मोहन दास, सूर्यानंद पासवान, नारायण मंडल, ब्रह्मदेव पासवान, नरेश पासवान, डोमी पासवान, इंद्रानंद पासवान, कपिलदेव पासवान, अवधेश पासवान सहित दर्जनों सदस्य मौजूद थे।

शर्मनाक: अस्पताल में बरामदे पर महिला ने जना बच्चा

अररिया। जिले के तेज तर्रार आईएएस जिलाधिकारी के निर्देशों के बावजूद सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है। बिना पैसे का इलाज नहीं करने, अस्पताल के चिकित्सकों का निजी क्लिनिक में अधिक समय देने जैसी शिकायतें यहां आम है। सोमवार को भी एक प्रसव पीड़ित गरीब महिला द्वारा नर्स को पैसे नहीं दिये जाने के कारण उसे भर्ती नहीं किया गया। जिस कारण उसने प्रसव कक्ष के सामने बरामदा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला को एक साथ तीन बच्चे को जना है जिसे देखने लोगों की वहां भीड़ जमा हो गयी। बाद में महिला व उसके परिजनों द्वारा भाड़ा व अन्य खर्च के लिए रखे तीन सौ रूपये एक नर्स को दिया। तब जाकर उसे वार्ड में भर्ती किया गया। हालांकि वहां मौजूद नर्स प्रमिला देवी ने बताया कि पैसा एक बिचौलिया ने लिया है। जबकि इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल प्रबंधक विकास रंजन ने बताया कि वे इसकी जांच करायेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी बिचौलिया ने पैसा लिया तो वहां उपस्थित कर्मियों ने उसे पैसा कैसे लेने दिया, वे इसकी भी जांच करायेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पलासी प्रखंड के जहानपुर डुमरिया निवासी मो. लतीफ की पत्‍‌नी बीबी रूबेदा खातून प्रसव पीड़ा के बाद सोमवार की सुबह सदर अस्पताल में भर्ती हुई। उसके गर्भ में चूंकि तीन बच्चे थे। इसलिए उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। जब वह अस्पताल पहुंची तो पहले उससे वहां उपस्थित नर्स एवं अन्य कर्मी ने 1000 रूपये की मांग की। अन्यथा पूर्णिया रेफर करने की बात कही। रूबेदा के पति ने कहा कि वह गरीब आदमी है। इतना पैसा कहां से लायेंगे। लेकिन नर्स उसे भर्ती करने को तैयार नहीं हुई। तब उसका पति पैसे की व्यवस्था करने बाहर निकला। इसी बीच रूबेदा ने प्रसव पीड़ा से छटपटाते हुए बरामदे पर ही तीन बच्चे को जन्म दे दिया। बावजूद कर्मियों को दया नहीं आई। बाद में उसके पति ने अस्पताल कर्मियों से आरजू मिन्नत की कि उसके पास सिर्फ भाड़ा और दवा के लिए सिर्फ तीन सौ रूपये हैं। अंत में उन लोगों ने उससे तीन सौ रूपये लेकर पीड़िता को वार्ड में भर्ती कराया। ज्ञात हो कि इस तरह की घटना सदर अस्पताल में अक्सर घटित होती है। लेकिन व्यवस्था में सुधार होता नहीं दिख रहा है। पूछे जाने पर प्रबंधक विकास रंजन ने बताया कि वे मामले की जांच करायेंगे।

पाकेटमार को पकड़कर किया आरपीएफ के हवाले

अररिया। सोमवार की संध्या फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर पाकेटमारी कर भाग रहे एक व्यक्ति को पीड़ित यात्री ने दौड़ाकर दबोचा तथा आरपीएफ के हवाले कर दिया। पकड़ा गया पाकेटमार मधुबनी निवासी मो. रईस अंसारी बताया जाता है। इस बाबत पीड़ित यात्री गिदवास भरहर निवासी बिहार पुलिस के जवान राकेश कुमार ने बताया कि वे छपरा जाने के लिए फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर सीमांचल ट्रेन पकड़ने के लिए आये थे। इसी क्रम में उक्त पाकेटमार ने स्टेशन पर भीड़ भाड़ का लाभ उठाकर उनका पाकेट मार लिया। इसका पता चलते ही उन्होंने पीछा कर उक्त पाकेट मार को पकड़ लिया। मौजूद लोगों ने पाकेटमार की जमकर पिटायी की तथा आरपीएफ प्रभारी को सौंप दिया। इधर पीड़ित के आवेदन पर मामले को जीआरपी जोगबनी को सौंपने की बात कही गयी है।

सड़क दुर्घटना में चार घायल, दो की हालत चिंताजनक

अररिया। अररिया-फारबिसगंज मार्ग पर मानिकपुर टावर चौक के निकट रविवार को ट्रक की ठोकर से मैजिक गाड़ी पर सवार चार यात्री गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जिनमें से दो यात्री की हालत चिंताजनक बतायी जा रही है। सभी घायलों को चिकित्सा के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। डयूटी पर तैनात डा. जितेन्द्र ने आरटी मोहन के भूपेन्द्र ऋषिदेव एवं शुभंकरपुर के सुनील कुमार की गंभीर स्थिति को देखते हुए पूर्णिया रेफर कर दिया है। उधर ग्रामीणों ने खदेड़ कर उक्त ट्रक को पकड़ लिया।
रेणुग्राम से जाप्र के अनुसार मैजिक गाड़ी (बीआर38डी 7428) मानिकपुर स्कूल चौक पर सवारी के लिए खड़ी थी। वाहन पर कई सवारी भी बैठे थे। इसी बीच पीछे से आ रही ट्रक (डब्ल्यूबी 59-8779) ने मैजिक गाड़ी में जोरदार ठोकर मार दी। ठोकर लगते ही टेम्पो दूर जा गिरा तथा उस पर सवार सभी चार यात्री जख्मी हो गये। जिसमें दो की स्थिति सामान्य बतायी जाती है। इधर, सदर अस्पताल में डयूटी पर तैनात चिकित्सक डा. जितेन्द्र ने बताया कि भूपेन्द्र व सुनील को गंभीर चोटों आयी। एक की रीढ़ की हड्डी टूट गयी है तो दूसरे के सीने में गंभीर चोट है। इधर, दुर्घटना के बाद भाग रहे ट्रक को स्थानीय लोगों ने पीछा कर फारबिसगंज कालेज चौक पर पकड़ लिया है।

डूबे बच्चे का शव बरामद

अररिया। जोकीहाट बाजार के निकट शनिवार को नहाने गये दो बच्चों की बलुआ धार में डूबने से हुई मौत के बाद ग्रामीणों की मदद से रविवार को बचे एक बच्चा का शव बरामद किया गया है। ज्ञात हो कि सन्नी के शव को शनिवार को ही बरामद कर लिया गया था। वहीं सलमान नामक दस वर्षीय बालक का शव रविवार को ग्रामीणों ने गहरे पानी से निकाल कर बाहर किया। धनपुरा निवासी मो. जब्बार ने बताया कि शनिवार को देर रात तक सलमान के शव को जाल एवं गोताखोरों की मदद से खोजा गया लेकिन शव बरामद नहीं हो सका। रविवार को अचानक शव पानी में तैरता हुआ ग्रामीणों ने देखा जिसकी सूचना उनके परिजनों एवं ठेंगापुर निवासी मजहरूल को दी गयी। तब ग्रामीणों ने शव को पानी से निकाला। शव के मिलते ही घटनास्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। घटना को लेकर परिजनों में मातम पसरा है।

Sunday, October 24, 2010

In Araria, ‘cheated’ labourers could turn tables on Nitish

ARARIA:- In this north-eastern end of Bihar, fewer people migrated this year to cities for work. On Thursday, this could turn into backward caste backlash against chief minister Nitish Kumar in this pocket. Sounds counter-intuitive? As with politics everywhere, and more so in Bihar, things are not as simple as they seem.

In three different clusters TOI visited in Araria on Wednesday, landless backward caste labourers — Paswans, backward Muslims and Musahars, with the latter two being Nitish's target groups — said they stayed back in their villages this year because they'd heard of the Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme (MNREGS). However, after two and three days of labour over the whole year, and no payment, Araria's labourers are angry and intend to show it through their vote.

The paradox lies in the fact that MNREGS is a UPA government scheme. But, as NDA members told TOI, the state government is being singled out for the scheme's failure here. Of course, on the flip side, the NDA government has gained from MNREGS wherever it has been successfully implemented, about which these members are not complaining! Echoing commonly held opinion, Mukesh Kumar Paswan, a landless Dalit, said, ''There has been no other job scheme for us. This was the only one, but we gained nothing from Nitish government.''

If Bihar's face for the rest of India is that of its hard-working migrants, then Araria has for decades been a force behind this image. In Paswan cluster of Lahotara panchayat, most men have worked in other cities in the past: Mithilesh Kumar Paswan worked as an agricultural labourer in Punjab, Gyanchandra Paswan went to Jaipur each year to run juice stalls. Mohammed Aziz worked as a whitewasher in Delhi for six months a year. In the Musahar cluster, Gayanand Rishidev went to Punjab. Many of these men chose not to migrate this year after they learned of MNREGS. All have more or less the same story: they asked for 100 days' work, got work for three to seven days, and got paid nothing.

''This year, I thought it would be better to stay back and work since my wife and I would both get work in the government scheme,'' said Suman Paswan. ''If you get work in your own village, why venture out?'' said Aziz. ''Next year, I'll wait to see if I can get work, or I'll go to Punjab,'' said a despairing Sitaram Rishidev of Paswan cluster.

नहीं बच पायेंगे इंदिरा आवास घोटाले के आरोपी: एसपी

अररिया। विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पुलिस प्रशासन ने फिर एक बार आरोपियों के धड़-पकड़ के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान में प्राथमिकता के तौर पर इंदिरा आवास घोटाले के आरोपी शामिल होंगे।
शनिवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पुलिस कप्तान श्री कुमार ने कहा कि गत एक माह से अधिक समय से चुनाव में व्यस्तता के कारण इन मामलों पर ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन अब यह प्राथमिकता के तौर पर निबटाई जायेगी।
उन्होंने बताया कि गरीबों की राशि में सेंधमारी करने वाले बिचौलिये, प्रतिनिधि या सरकारी कर्मी जो भी शामिल पाये जायेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा। इसके लिए उन्होंने सभी थाना क्षेत्रों की पुलिस को विशेष दिशा निर्देश जारी किया है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी थाना क्षेत्रों में ऐसे 56 मामले दर्ज किये गये हैं,जिसमें करीब एक दर्जन मामलों को निपटा लिया गया है। शेष को भी जल्द ही निष्पादित किया जायेगा। एसपी श्री कुमार ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में कुछ नये आरोपी भी सामने आ रहे हैं उन्हें भी बख्सा नहीं जायेगा।