Thursday, October 28, 2010

प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ तीरा खारदह गांव


अररिया। सिकटी प्रखंड के तीरा खारदह गांव इन दिनों प्रवासी पक्षियों का बसेरा बन रहा है, जो आसपास के लोगों के लिए उत्सुकता का केन्द्र बन गया है। गांव के विभिन्न वृक्षों पर इन दिनों आप प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं। ग्रामीणों के अनुसार इन पक्षियों का आगमन बरसात के बाद तथा सर्द ऋतु के शुरुआत में होता है। वहीं संरक्षण के अभाव में इन खूबसूरत पक्षियों का कुछ लोग शिकार भी कर रहे हैं।
ग्रामीणों की मानें तो यह पक्षी साइबेरिया की ओर से आते हैं तथा यहां के वृक्षों पर अपना घोंसला बनाकर रहते हैं। ठंडे के मौसम में पक्षियों के ये झुंड इस क्षेत्र में रहते हैं और गर्मी का मौसम आते ही पुन: यहां से चले जाते हैं। गौरतलब है कि सीमावर्ती इन क्षेत्रों में पहले गरूड़, बगुला, अधिंगा, लालशर, सिल्ली, हरियल, पनडुब्बी, पड़ोकी आदि पक्षी बहुतायत मात्रा में पाए जाते थे। परन्तु बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई व पक्षियों के शिकार के कारण इनकी संख्या तेजी से घट रही है। क्षेत्र में कई पक्षियों के प्रजातियां अब दिखाई नहीं पड़ती है। जानकार बताते हैं कि जाड़े के मौसम में आने वाले इन प्रवासी पक्षियों को शिकारियों से नहीं बचाया गया तो क्षेत्र में कौआ और मैना के अलावा अन्य पक्षियों का दर्शन दुर्लभ हो जाएगा।
सफेद रंग के बगुला प्रजाति का यह पक्षी बड़े ही मनमोहक दिखते हैं। एक वृक्ष पर सैकड़ों की संख्या में घोंसला बनाकर रहते हैं। ये अपने बच्चों का आहार चुनकर लाकर अपने लंबी चोंच से खिलाते हैं। हालांकि, तीरा खारदह के ग्रामीण इन पक्षियों की रक्षा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। विगत दिनों इन पक्षियों के शिकार करने आए शिकारियों को ग्रामीणों ने रात में ही खदेड़ दिया। ज्ञात हो कि सरकार द्वारा पक्षियों के शिकार पर प्रतिबंध है। प्रशासनिक उदासीनता का फायदा उठाते हुए शिकारी इन पक्षियों को अपना शिकार बनाने से नहीं चुकते। ग्रामीणों ने इन पक्षियों के सरंक्षण के लिए प्रशासनिक स्तर पर कारगर कदम उठाने की मांग की है।

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