Monday, October 25, 2010

नेपाली मिलावटी सामानों की बिक्री धड़ल्ले से

अररिया। भरगामा प्रखंड क्षेत्र के दैनिक उपयोगी सामग्री हेतु प्रसिद्ध विभिन्न हाट बाजारों में इन दिनों नेपाली मिलावटी सामानों की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। लिहाजा एक तरफ उपभोक्ता वाजिब मूल्य से भी कहीं अधिक कीमत चूकाकर नकली या फिर मिलावटी सामान खरीदने पर मजबूर हैं। वहीं व्यवसायी या नेटवर्क से जुड़े लोग उपभोक्ताओं में इन सामानों को बेच दोनों हाथ धन बटोर रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि प्रशासन ने इस अवैध धंधे पर ध्यान नहीं दिया हो या अंकुश लगाने का प्रयास न किया हो। सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पूर्व प्रशासन हरकत में आयी, जिससे इस तरह के धंधे पर काफी हद तक विराम भी लगा। किंतु जैसा कि बताया जा रहा है माहौल के सामान्य होते ही यह धंधा एक बार फिर फलने-फूलने लगा है। यहां बताते चले कि सरसो तेल, सुपाड़ी, इलाइची, डालडा, लौंग आदि ऐसी कई जरूरी व दैनिक उपयोग में आने वाली खाद्य सामग्री है जो नकली या नेपाली कही जाती है। क्षेत्र के बुद्धिजीवियों की माने तो इन नकली या नेपाली कहीं जाने वाली सामानों में असली और नकली का इतना मामूली फर्क होता है कि आम उपभोक्ता अक्सर गच्चा खा जाते हैं। और झांसे में आकर कथित नकली, मिलावटी या नेपाली सामान खरीद बैठते हैं। इधर, सूत्रों की माने तो ऐसे सामानों की व्यवसायियों की एक पूरा नेटवर्क है जो प्रखंड के भिन्न क्षेत्र यानि गांव-देहात तक फैला हुआ है। इतना ही नहीं इसके अलावा माध्यम से व्यवसायी या नेटवर्क से जुड़े लोग न सिर्फ दोनों हाथों धन बटोर रहे हैं बल्कि सरकार को भी एक बड़े राजस्व से वंचित रखकर बड़ी ही सहजता से चूना लगा रहे हैंI

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