अररिया। जिले के तेज तर्रार आईएएस जिलाधिकारी के निर्देशों के बावजूद सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है। बिना पैसे का इलाज नहीं करने, अस्पताल के चिकित्सकों का निजी क्लिनिक में अधिक समय देने जैसी शिकायतें यहां आम है। सोमवार को भी एक प्रसव पीड़ित गरीब महिला द्वारा नर्स को पैसे नहीं दिये जाने के कारण उसे भर्ती नहीं किया गया। जिस कारण उसने प्रसव कक्ष के सामने बरामदा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला को एक साथ तीन बच्चे को जना है जिसे देखने लोगों की वहां भीड़ जमा हो गयी। बाद में महिला व उसके परिजनों द्वारा भाड़ा व अन्य खर्च के लिए रखे तीन सौ रूपये एक नर्स को दिया। तब जाकर उसे वार्ड में भर्ती किया गया। हालांकि वहां मौजूद नर्स प्रमिला देवी ने बताया कि पैसा एक बिचौलिया ने लिया है। जबकि इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल प्रबंधक विकास रंजन ने बताया कि वे इसकी जांच करायेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी बिचौलिया ने पैसा लिया तो वहां उपस्थित कर्मियों ने उसे पैसा कैसे लेने दिया, वे इसकी भी जांच करायेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पलासी प्रखंड के जहानपुर डुमरिया निवासी मो. लतीफ की पत्नी बीबी रूबेदा खातून प्रसव पीड़ा के बाद सोमवार की सुबह सदर अस्पताल में भर्ती हुई। उसके गर्भ में चूंकि तीन बच्चे थे। इसलिए उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। जब वह अस्पताल पहुंची तो पहले उससे वहां उपस्थित नर्स एवं अन्य कर्मी ने 1000 रूपये की मांग की। अन्यथा पूर्णिया रेफर करने की बात कही। रूबेदा के पति ने कहा कि वह गरीब आदमी है। इतना पैसा कहां से लायेंगे। लेकिन नर्स उसे भर्ती करने को तैयार नहीं हुई। तब उसका पति पैसे की व्यवस्था करने बाहर निकला। इसी बीच रूबेदा ने प्रसव पीड़ा से छटपटाते हुए बरामदे पर ही तीन बच्चे को जन्म दे दिया। बावजूद कर्मियों को दया नहीं आई। बाद में उसके पति ने अस्पताल कर्मियों से आरजू मिन्नत की कि उसके पास सिर्फ भाड़ा और दवा के लिए सिर्फ तीन सौ रूपये हैं। अंत में उन लोगों ने उससे तीन सौ रूपये लेकर पीड़िता को वार्ड में भर्ती कराया। ज्ञात हो कि इस तरह की घटना सदर अस्पताल में अक्सर घटित होती है। लेकिन व्यवस्था में सुधार होता नहीं दिख रहा है। पूछे जाने पर प्रबंधक विकास रंजन ने बताया कि वे मामले की जांच करायेंगे।
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