Wednesday, October 27, 2010

स्पीडी ट्रायल : हर सातवें दिन मिला एक को आजीवन कारावास

अररिया। सुशासन में शुरू किए गए स्पीडी ट्रायल का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। स्पीडी ट्रायल के बढ़ते प्रभाव से जहां अपराधियों का मनोबल टूटा है, वहीं घरेलू हिंसा में भी काफी कमी आयी है। हालांकि लंबित कांडों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस प्रक्रिया को और तेज करने की जरूरत है। स्पीडी ट्रायल के कारण पुलिस प्रशासन भी बहुत हद तक चैन की सांस ली है। स्पीडी ट्रायल के कच्छप गति होने के बावजूद वर्ष 2010 के सितम्बर माह तक 36 लोगों के विरुद्ध आरोप सिद्ध होने के बाद उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। जबकि कुल 72 आरोपियों को सजा सुनाई गयी है। सजा पाने वाले 72 आरोपियों में नौ को दस वर्ष से अधिक एवं छह को दस वर्ष से कम की सजा सुनायी गयी है। दो अपराधियों को 15 वर्षो का सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है।
जनवरी माह में सत्रवाद संख्या 402/09 में धारा 498 ए के तहत पहुंसी के चन्द्र किशोर साह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। जबकि जोगबनी थाना कांड संख्या 157/09 व सिकटी थाना कांड संख्या 8/06 के आरोपी क्रमश पवन पोद्दार जोगबनी व युसुफ (बल्लीगढ़) को एक-एक वर्ष की सजा मिली। फरवरी माह में फारबिसगंज थाना कांड संख्या 287/07 में देवेश्वर लाल देव भट्टाबाड़ी को आ‌र्म्स एक्ट के तहत तीन वर्ष तथा अररिया मदनपुर थाना कांड संख्या 421/09 में कसैला के सुधीर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। इसी आरोपी को धारा 201 में एक वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है। इधर, जोकीहाट थाना कांड संख्या 16/04 ताराबाड़ी थाना कांड संख्या 184/08 एवं फारबिसगंज थाना कांड संख्या 36/09 में धारा 302 एवं 120 बी के तहत जालीम राय, सुभाष राय, सुरेश राय, कातेहपुर के दयानन्द मंडल एवं फारबिसगंज के चिकित्सक डा. विजय कुमार को आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माना की सजा दी गयी है।
अप्रैल माह में अररिया थाना कांड संख्या 269/94 में डकैती कांड के अभियुक्त मैनापुर निवासी मो. शाबिर आलम को दस वर्ष की सजा एवं पांच हजार जुर्माना की राशि भरने की सजा दी गयी है। जबकि फारबिसगंज थाना कांड संख्या 938/05 में नित्यानन्द मंडल, कृपानन्द मंडल साकिन दुर्गापुर को धारा 325 के तहत तीन वर्ष धारा 341 के तहत एक माह एवं धारा 323 में छह माह की कारावास मिली है। इसके अलावा आरोपियों को पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। इसी माह बौंसी थाना कांड संख्या 361/02 में देवस्थल गांव निवासी सर्दिका पासवान एवं राजू मंडल को हत्या व आ‌र्म्स एक्ट के मामले में उम्र कैद की सजा सुनायी गयी है। बौंसी थाना कांड संख्या 885/2000 में गुलाब चन्द्र पासवान साकिन नन्दनपुर को उक्त धारा के तहत आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माना की सुजा सुनाई गयी है। जबकि कोर्ट परिवार संख्या 1325/93 में लाल बहादुर मंडल को धारा 452, 366 के तहत छह वर्ष परवेश मंडल को धारा 376 के तहत आठ वर्ष एवं दस हजार तथा बच्चानन्द मंडल, नरेश मंडल, महेश मंडल व पांडव मंडल को दो वर्ष की सजा सुनायी गयी।
जून माह में बरदाहा के अदबत कलीम, बीबी सालका साकिन ढेंगरी को धारा 323 व 498 के तहत एक-एक वर्ष सजा पायी। जुलाई माह में सिमराहा थाना कांड संख्या 167/05 में धारा 376, 511, 34 आ‌र्म्स एक्ट 302, 54 के तहत महाराजगंज के मो. मंजूर को पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं अगस्त माह में जोगबनी बथनाहा कांड संख्या 188/09 में भोला मंडल, महिषाकोल एवं थाना कांड संख्या 164/07 में धारा 304 में धनराज मंडल, देवा नारायण मंडल, रामानन्द मंडल, जामुन मंडल, श्यामानन्द मंडल, रामदेव मंडल, जगदीश मंडल, उरानन्द मंडल एवं उपेन्द्र मंडल को धारा 304 के तहत आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माना तथा धारा 144 के तहत एक वर्ष व धारा 148 के तहत साधारण सजा सुनायी गयी है।
जबकि सितम्बर माह फारबिसगंज थाना कांड संख्या 153/05 में धारा 302, 34 आ‌र्म्स एक्ट के तहत रामपुर डुमरिया के इद्रीश, मुस्ताक, यासीन, बीबी हुसना एवं जुबैदा को आजीवन कारावास एवं पांच-पांच हजार जुर्माना भरने की सजा सुनायी गयी है।

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