अररिया। झारखंड के चाइबासा जिला अंतर्गत जैतगढ़ गांव के समीप सड़क निर्माण कंपनी में मजदूरी करने गये फारबिसगंज निवासी एक युवक की मौत 26 अक्टूबर को एक मिक्स प्लांट में खौलते अलकतरा में गिर जाने से हो गयी। बुधवार को प्रखंड के किरकिचिया पंचायत के कुढैली बस्ती वार्ड संख्या चार निवासी विजय ऋषिदेव के पुत्र मृतक दिनेश ऋषिदेव के शव को उसके घर लाया है। शव के पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गयी। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। लेकिन हैरत की बात है कि शव के साथ आने वाला मजदूर ठेकेदार मो. आलम पूर्णिया से ही वापस लौट गया और मृतक के साथी 14 वर्षीय रंजीत ऋषिदेव के साथ शव को टैपों में लादकर गांव भेज दिया जिस कारण परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश है। रंजीत और मृतक दिनेश चार दिन पूर्व ही झारखंड में मजदूरी करने गया था। फारबिसगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी मो. आलम नामक एक मजदूर ठेकेदार यहां की दलित बस्तियों से मजदूरों को काम देने के नाम पर ले गया था। शव को लेकर पहुंचे रंजीत ने बताया कि उन लोगों को तीन हजार रूपया मासिक पर आरकेएस नामक सड़क निर्माण कंपनी में काम दिलाया गया था। चाईबासा के जगनाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जैतगढ़ गांव में गये अलकतरा की टंकी में उपर चढ़कर ड्रम से अलकतरा गिराने के दौरान दिनेश टंकी में जा गिरा। अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी थी। जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया था।
इधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मजदूर ठेकेदार आलम अपने पास रख लिया। जबकि परिजनों को किसी प्रकार का मुआवजा भी नहीं दिया गया है। मृतक के पिता विजय ऋषिदेव ने कहा कि उनके बेटे को ठेकेदार द्वारा ऐसे काम में लगाया गया जिसमें वह निपुण नहीं था। यहां तक कि मुआवजा भी नहीं मिला। पड़ोसी गांव का ठेकेदार रहने के बावजूद मृतक के गांव तक उसका नहीं आना कई सवालों को खड़ा कर दिया है।
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