Monday, October 25, 2010

जाब कार्ड तो बना पर नहीं मिला रोजगार, हो रहा पलायन

अररिया। विभागीय प्रयास के बावजूद भरगामा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों से भी मजदूरों की बड़ी संख्या अन्यत्र पलायन को मजबूर है। सौ दिन रोजगार उपलब्ध करवाने का दावा इन क्षेत्रों में हवा हवाई साबित हो रहा है। जबकि मजदूरों के जॉब कार्ड का उल्लेख कर फर्जी तरीके से राशि निकासी करने का कार्य बिचौलियों द्वारा धड़ल्ले की की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड भर में जॉब कार्ड धारियों की संख्या 24,000 के करीब है, जिसे 100 दिन का रोजगार मनरेगा के तहत उपलब्ध कराया जाना था। जॉब कार्डधारी बासुदेव राम, देवसूनी राम, जगदीश राम, नामो राम आदि बताते हैं कि बहुत प्रयास व अधिकारियों समेत जन प्रतिनिधियों की लगातार खुशामद के बाद जॉब कार्ड तो बन गया किंतु रोजगार सौ दिन तो दूर एक भी दिन का भी उपलब्ध नहीं कराया गया। प्रखंड के बांकी जॉब कार्ड धारियों की स्थिति भी समान ही बतायी जा रही है। ऐसा नहीं है कि विभाग द्वारा जॉब कार्ड धारियों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास नहीं किया गया। किंतु सूत्रों के मुताबिक यह प्रयास संरक्षण प्राप्त बिचौलिये के लिए हीं लाभकारी सिद्ध हुआ। आरोपों के मुताबिक ऐसे बिचौलिये द्वारा प्रत्यक्ष या अपरोक्ष रूप से लाभुकों के जॉब कार्ड का इस्तेमाल विभिन्न योजना में कहने के उपरांत राशि का बंदरबांट बड़ी ही सहजता से कर लिया जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इतने बड़े गोलमाल के बावजूद प्रशासन मौन क्यों है? रोजगार दिलाने या फिर बिचौलियों के धड़-पकड़ के लिए किये गये? आदि कई ऐसे सवाल है जो गहन छानबीन का विषय है। तथा जिसका जवाब न तो शुभ चिंतक होने का दंभ भरने वाले जनप्रतिधियों के पास और न विभाग के पास। बहरहाल एक तरफ विभाग रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर जहां तरह-तरह के दावे कर रही है। वहीं भूखमरी के लगभग कगार पर पहुंच चुके क्षेत्र के मजदूर वर्गो का क्षेत्र से अन्यत्र पलायन बदस्तूर जारी है।

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