Wednesday, October 27, 2010

ग्रामीण घोड़ा रेस प्रतियोगिता में सुपौल ने मारी बाजी

अररिया। दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुरूप नरपतगंज प्रखंड के एक सुदूरवर्ती गांव में मंगलवार को जिला स्तरीय घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रखंड के गोड़राहा पंचायत के प्रगति मैदान में आयोजित इस प्रतियोगिता को काली पूजा मेला के अवसर पर ग्रामीणों के आपसी सहयोग से किया था। घोड़ा रेस देखने को लेकर हजारों ग्रामीण उपस्थित थे। पूर्णिया कमीश्नरी में अपने तरह का यह एक नया प्रतियोगिता था। जिसमें अररिया जिला के अलावा सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, छपरा, पूर्णिया आदि के घुड़दौड़ सौकिनों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में सुपौल के प्रतिभागियों ने बाजी मारी। सुपौल जिले के तसुक गांव निवासी बेचन खां ने पन्द्रह वें राउंड में सबसे पहले फीनिसिंग प्वाइंट को छूकर पहला स्थान प्राप्त किया। जबकि सुपौल जिले के ही चटगांव निवासी सुमन जी अपने घोड़े के साथ दूसरे नंबर पर रहे। रेस में करीब डेढ़ दर्जन प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागी ग्रामीण स्तर के थे। करीब छह सौ मीटर के एक राउंड को 15 बार चक्कर लगाकर जीत हासिल करनी थी। कई प्रतिभागी अपने घोड़ा के साथ थक जाने के कारण प्रतियोगिता के बीच में ही बाहर निकल गए। चारो तरफ हजारों ग्रामीणों की तालियों की शोर प्रतिभागियों के हौसले बढ़ा रहे थे। दो वर्षीय सवा लाख रुपये का एक घोड़ा सबों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। प्रतियोगिता के आयोजक कलान्नद कमल, दयानन्द यादव, सुरेन्द्र यादव तथा गिरानन्द यादव ने बताया कि 40 वर्षो से भी अधिक समय से इस घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन ग्रामीणों द्वारा किया जाता रहा है। हालांकि उन्हें मलाल था कि आज भी लोगों को यहां होने वाले इस रोमांचक घुड़दौड़ प्रतियोगिता की जानकारी लोगों को नहीं है। घोड़ा रेस का उद्घाटन करने पहुंचे फारबिसगंज के निवर्तमान विधायक लक्ष्मी नारायण मेहता तथा भाजपा नेत्री देवयंती देवी ने कहा कि प्रयास करने पर इस अनूठे रेस को बिहार के मानचित्र पर पहचान मिल सकती है। प्रतियोगिता में घोड़ें की टापों से लोग रोमांचित हो उठते थे।

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