Saturday, October 30, 2010
अररिया : बीईओ आवास में चल रहा डीएसई कार्यालय
अररिया। अररिया को जिला बने बीस वर्ष होने को हैं। जिले में अब तक विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। शिक्षा को बढ़ावा देने केलिए सर्व शिक्षा अभियान चलाकर सैकड़ों स्कूल भवन बनाया गया और निर्माणाधीन अवस्था में भी है। लेकिन इन सब को संचालित करने वाला जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यलय क लिए न तो आज तक कार्यालय भवन का निर्माण कराया गया और न ही प्रशासन के स्तर से कोई भवन आवंटन किया गया। वर्ष 1998 में डीएसई कार्यालय का सृजन हुआ और जय प्रकाश नगर में निर्मित प्रशिक्षण भवन, वर्तमान में एसएसबी कैम्प में कार्यालय खोला गया। करीब 06 वर्षो के बाद जून 04 में उसे वह कमरा खाली करना पड़ा। इसके बाद तत्कालीन डीएसई को कहीं जगह नहीं मिला तो नगर परिषद कार्यालय से सटे अररिया बीईओ आवास पर ही कब्जा जमा लिया। उसी आवास में डीएसई कार्यालय जून 04 से आज तक चल रहा है और अररिया बीईओ किराया के मकान में रह रहे हैं। बीईओ आवास मं कहने को चार कमरे हैं पर एक कमरे में एक आलमारी रखने के बाद दो कुर्सी भी नहीं लगायी जा सकती है। कार्यालय भवन की स्थिति काफी जर्जर है। दरवाजा,खिड़की टूटा है। इसी कारण कुछ माह पूर्व डीएसई कार्यालय के महत्वपूर्ण कागजात अज्ञात व्यक्तियों द्वारा खिड़की के द्वारा जला दिए गए थे। कर्मियों की कमी का दंश झेल रहे डीएसई कार्यालय काम निबटाने में काफी सुस्त है। जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में मात्र चार पद सृजित हैं। जिसमें राजेश कुमार, पंकज कुमार राय, आरडीडीई के आदेश पर पूर्णिया डीएसई कार्यालय में प्रतिनियुक्त हैं। जबकि वर्तमान में कार्यरत कर्मी जनार्दन प्रसाद, रणवीर पासवान व रामचन्द्र रजक भी प्रतिनियुक्ति पर ही हैं। जगह के अभाव के कारण एक टेबुल पर दो कर्मी एक साथ काम निबटाते हैं। इस संबंध में प्रधान सहायक जनार्दन प्रसाद व सहायक रामचन्द्र रजक ने बताया कि कार्यालय में जगह का इतना अभाव है कि डीएसई साहब व एडीएसई साहब एक ही छोटे से चेम्बर में बैठते हैं। कार्यालय कार्य के लिए आने वाले हेडमास्टर व शिक्षक भी खड़े ही रहते हैं। इस विषय में डीएसई अहसन ने बताया कि कार्यालय संचालन के लिए जिला पदाधिकारी को कई बार पत्र लिखकर भवन आवंटन की मांग की गयी। परन्तु आज तक कार्यालय के लिए भवन नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि अगलगी के बाद भी भवन को लेकर वरीय अधिकारियों को सूचित किया गया है।
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