अररिया। सरकारी योजनाओं की राशि के घोटाले में यूं तो अब तक बिचौलियों व छोटे कर्मियों पर ही प्रशासन का डंडा चलता आया है, लेकिन अररिया में इंदिरा आवास की आठ करोड़ की राशि घोटाले में पहली बार तत्कालीन जिलाधिकारी व उपविकास आयुक्त के फंसने से अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गयी है। जिले के करीब सात हजार गरीबों के लिए आवंटित राशि की बंदरबांट उच्चाधिकारियों की मिली भगत से बंदरबांट कर ली गयी। इस घोटाले की चर्चा प्रशासनिक महकमे से लेकर राजनीतिक गलियारे में भी शुरू हो गयी है। जिले में बड़े ही सुनियोजित तरीके से इंदिरा आवास के लिए आई बड़ी राशि की मिली भगत से घपला कर लि गयी। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष में इंदिरा आवास मद में जिले को 14 करोड़ की राशि आवंटित हुई थी। तत्कालीन डीएम अमरेन्द्र सिंह एवं डीडीसी बाल्मीकि प्रसाद ने वितरण व्यवस्था में बदलाव करते हुए डीआरडीए के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार के नाम आठ करोड़ आवंटित कर दिया तथा उन्हें ही चिह्नित लाभुकों को वितरित करने का पावर दे दिया। लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त राशि अधिकांश लाभुकों के पास नहीं पहुंच पायी साथ ही वितरण का समुचित लेखा जोखा भी अप्राप्त बताया जा रहा है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिले के 6125 लाभुकों के बीच इंदिरा आवास निर्माण व आवास के अपग्रेडशन के लिए राशि का आवंटन किया जाना था, जिसमें 4750 लाभुकों को नया इंदिरा आवास तथा 2375 लाभुकों को अपग्रेडेशन के लिए राशि दिया जाना था। लेकिन उक्त राशि का घोटाला प्रकाश में आने के बाद नगर थाने में तत्कालीन डीएम अमरेन्द्र सिंह, डीडीसी बाल्मीकि प्रसाद व सात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी, लेकिन फिलहाल हजारों लाभुक मामले को लेकर प्रभावित हैं।
प्रखंड एवं प्रभावित लाभुकों के आंकडे़
प्रखंड लाभुकों की संख्या अपग्रेडेशन की संख्या राशि
अररिया 502 251 84.50 लाख
जोकीहाट 303 152 51
पलासी 334 167 56.25
सिकटी 406 204 68.50
फारबिसगंज 786 393 132
कुर्साकांटा 248 124 41.75
नरपतगंज 667 333 112.50
भरगामा 491 245 82.75
कुल 4750 2375
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