अररिया : तेरी काली आंखों से जिंद मेरी जागे। धड़कन से भी तेज दौड़ें सपनों से भी आगे ..तेरा सजदा। हाई स्कूल कैंपस में बने खूबसूरत मंच पर गुरुवार की शाम संगीत यंत्रों की अनुनादी संगत के बीच सूफियाना मिजाज के इस गीत को जब अमर आनंद व प्रिया राज ने शानदार तरीके से गाया। कि अपनी मंजिल को हासिल करने के लिये आपको शायद दिल की धड़कन से तेज रफ्तार पकड़नी होगी और सपनों से भी आगे जाना होगा।
अररिया के गिदवास गांव में जन्मे अमर ने अपनी एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियों से यह जता दिया कि दुलारदेई का पानी संस्कृति की सौगात लेकर ही आता है। रेणु ने भी दुलारदेई तट पर जन्म लिया था और अब अमर आनंद सामने हैं। बिहारी आन बान और शान को अररिया की एक सुंदर भेंट हैं अमर आनंद। बिहारी अस्मिता व बिहार गौरव को समृद्ध करने वाला एक गायक। मालूम रहे कि अमर के पिता एक लोक गायक हैं तथा संगीत ही उनकी जिंदगी है। स्वयं अमर ने राष्ट्रीय स्तर आयोजित संगीत प्रतियोगिता सुर संग्राम के टाप टू में अपना स्थान बनाया है। भोजपुरी के अमिताभ कहे जाने वाले मनोज तिवारी मृदुल व इस्माइल दरबार जैसी संगीत हस्तियों ने उनकी सराहना की है।
कार्यक्रम में अमर आनंद ने कई शानदार प्रस्तुतियां दी। कागा सब तन खाइयो, चुन चुन खइयो मास। पर दो अखियां मत खाइयो पिया मिलन की आस जैसी सांगीतिक पूर्णता हो या फिर तेरा तुझको सौंपता क्या लागे है मेरा से मुखरित हो रही त्याग की भावना अमर के गीत श्रोताओं के मन मिजाज में रच बस कर बोले। कार्यकम में अमर व कोसी क्षेत्र की बेटी प्रिया राज ने भी एक से बढ़ कर एक गीत गाये। प्रिया द्वारा प्रस्तुत वंदे मातरम ने दर्शकों को झंकृत कर दिया।