अररिया। गत वर्ष मक्का के बाली में दाना नहीं लगने से हलकान जिले के प्रभावित किसान एक बार फिर मक्का फसल लगाने को ले पशोपेश में हैं। ज्ञात हो कि गत वर्ष मक्का किसानों के चेहरे पीले पड़ गये थे और उनकी खस्ताहाल माली हालत ने कर्जदार बना दिया था। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी वैद्यनाथ प्रसाद यादव ने मक्का किसानों को इस बार एहतियात बरतने के साथ ही ठोस उपाय पर अमल करने का सुझाव दिया है। डीएओ श्री यादव ने किसी खास ब्रांड के बीजों का प्रयोग करने से परहेज करते हुए कहा कि बिहार राज्य बीज निगम के बीज, एनएससी बीज, हाईब्रीड बीज के अलावा ग्लोबलाइजेशन कंपनियों को भी बीज विक्रय करने की अनुज्ञप्ति दे रखी है। उन्होंने कहा कि अच्छे क्वालिटी के उन्नत बीज, नियत तापमान एवं उपयुक्त समय पर बीजारोपण करने से मक्का किसानों को निराश नहीं होना पड़ेगा, बल्कि पैदावार अच्छी होगी और उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।
रब्बी की प्रमुख फसलों में से एक मक्का के बीच का जर्मिनेशन के समय 15 डिग्री सेंटीग्रेड उपयुक्त तापमान माना गया है। लेकिन उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए खास सलाह दी है कि बीजारोपन ऐसे समय किया जाए कि जनवरी माह में मक्के की बाली में रेशा नहीं आवे तो सिंचाई की माकूल व्यवस्था हो। फिर पेशोपेश में फंसे किसानों के चेहरे दमकने लगेंगे।
रब्बी की प्रमुख फसलों में से एक मक्का के बीच का जर्मिनेशन के समय 15 डिग्री सेंटीग्रेड उपयुक्त तापमान माना गया है। लेकिन उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए खास सलाह दी है कि बीजारोपन ऐसे समय किया जाए कि जनवरी माह में मक्के की बाली में रेशा नहीं आवे तो सिंचाई की माकूल व्यवस्था हो। फिर पेशोपेश में फंसे किसानों के चेहरे दमकने लगेंगे।
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