अररिया, विसं: फास्ट टै्रक कोर्ट तृतीय के न्यायाधीश वाई.एल श्रीवास्तव की अदालत ने करीब दस वर्ष पूर्व मारपीट कर जख्मी कर देने के मामले में अपना फैसला सुनाया। जिसमें साक्ष्य के अभाव में 11 लोगों केा रिहा कर दिया।
उक्त मामला सत्रवाद संख्या 927/03 से संबंधित है। जानकारी अनुसार उक्त घटना 19 जून 01 को बतायी जाती है। कई लोगों ने नाजायज मजमा बनाकर महलगांव थाना क्षेत्र के उदा गांव में घर बनाने को लेकर उत्पाद किये तथा मो. मोहसीन तथा उसके भाई मो. रिजवान तथा उसके भतीजा शाहनवाज को आरोपियों ने मारपीट कर जख्मी कर दिया।
इस मामले में मो. शकील, मो. वासील, मो. साहील, मो. सोयेब, मो. ओवेश, मो. सनबाज, मो गुडडू को आरोपित किया गया।
इस मामलेमें सेसन कोर्ट में विचारण प्रारंभ हुआ। परंतु साक्ष्य के अभाव के कारण इन सभी लोगों को अदालत ने रिहा कर दिया। इसमें सरकार क ओर से एपीपी राजेन्द्र शर्मा तथा बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता योगेन्द्र नाथ दास तथा मो. साबिर आलम ने प्रतिनिधित्व किया था।
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