Thursday, December 2, 2010

दो दिनों में बीईओ ने दिये हेडमास्टर बनाने के दो आदेश

अररिया, संसू: जिलाधिकारी की सख्ती के बावजूद शिक्षा विभाग की कार्यशैली में सुधार नहीं हो पाया है। शिक्षा विभाग अपने तुगलकी फरमान के लिए हमेशा चर्चा में रहा है। रानीगंज प्रखंउ क्षेत्र में शिक्षा विभाग में एक और मनमानी उजागर हुई है। विभागीय निर्देश के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने गत 15 नवंबर को मध्य विद्यालय बेंगवाही में प्रशिक्षित प्रखंड शिक्षक जयनंदन कुमार को प्रधानाध्यापक नियुक्त करने का आदेश जारी किया। किंतु दूसरे ही दिन नया पत्र जारी कर बीईओ ने वहां नियुक्त शिक्षा मित्र सुधीर कुमार सिंह को प्रधानाध्यापक नियुक्त कर दिया। तुर्रा यह कि इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक अहसन को कोई जानकारी नहीं है। पूछे जाने पर डीएसई अहसन ने बताया कि वे इसकी जांच करायेंगे। वहीं रानीगंज प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी अनिरूद्ध प्रसाद ने बताया कि उन्होंने जयनंदन प्रसाद को प्रधानाध्यापक बनाने का निर्देश दिया है। हालांकि उन्होंने बताया कि सोमवार को कार्यालय खुलने के बाद वे दोनों पत्रों का अवलोकन किया है।
रानीगंज बीईओ श्री मंडल द्वारा 15 नवंबर को पत्रांक 1222 द्वारा मध्य विद्यालय बेंगवाही के प्रखंड जयनंदन कुमार को वरीयता के आधार पर उसी स्कूल में हेडमास्टर बनाने का आदेश जारी किया। पुन: बीईओ ने अपने इस आदेश को निरस्त कर 18 नवंबर को पत्रांक 1227 जार कर जयनंदन कुमार के बदले शिक्षक मिश्र सुधीर कुमार सिंह को प्रधानाध्यापक का प्रभार लेने का आदेश दे दिया। दिलचस्प बात यह है कि रानीगंज बीईओ पहले आदेश जारी करने की बात स्वीकारते है। लेकिन अपने ही हस्ताक्षर से निर्गत दूसरे आदेश की बात नहीं स्वीकारी है। इस संबंध में सूत्रों के अनुसार ज्ञापांक 1227 का पत्र बीआरसी में कार्यरत कुछ कर्मियों की दिमागी उपज है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि डीएसई को इस बात की पूर्व जानकारी तक नहीं है। बीईओ अनिरूद्ध प्रसाद मंडल कहते है कि स्थापना नियम के अनुसार वरीयता के आधार पर जयनंदन कुमार को प्रधान शिक्षक बनाया गया है। इससे यह साफ जाहिर होता है। शिक्षा विभाग द्वारा तुगलकी फरमा जारी करने का सिलसिला जारी है। अब देखना है कि इस संबंध में चर्चित जिलाधिकारी एम सरवणन क्या रूख अपनाते है।

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