Saturday, February 25, 2012

लीड: छात्राओं की भीड़ से दिख रही नारी सशक्तीकरण की राह


Araria High School

अररिया : जिले में नारी शिक्षा व महिला साक्षरता दर में वृद्धि के लिए किए गए प्रयास अब दिखने लगा है। परीक्षा केंद्रों से निकलने वाली छात्राओं की भीड़ न केवल नारी सशक्तीकरण की मजबूती बता रही है बल्कि इस बात को भी साबित कर रही है कि अब रेणु की जमीन पर महिलाएं भी कुछ करने को बेताब हैं।
जिले में मैट्रिक परीक्षा में छात्राओं की संख्या हर साल बढ़ रही है। इस बार की परीक्षा में लड़कियों के लिए एक दो नहीं बल्कि अलग से 16 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन 16 केंद्रों पर 7277 छात्राएं परीक्षा दे रही हैं। इनमें से अररिया में दस व फारबिसगंज में छह केंद्र हैं। केवल छात्र वाले केंद्रों पर कुछ लड़के परीक्षा में अनुपस्थित हो रहे हैं, जबकि लड़कियों के केंद्रों पर सौ फीसदी उपस्थिति है। इस बार की खास बात यह है कि रहटमीना, उदाहाट, कलियागंज, भोजपुर, डेहटी, सोहंदर हाट व अन्य गांवों से भारी संख्या में लड़कियां परीक्षा दे रहीं हैं।
अररिया की बेटियों में शिक्षा के प्रति ललक बढ़ी है। वहीं, मां-बाप में बेटियों को स्कूल भेजने के प्रति जो संशय था, वह भी खत्म हुआ है।
सप्ताह भर के आशियाने में कितनी तकलीफ?
मैट्रिक परीक्षा के दौरान जिले की लगभग 50 हजार ग्रामीण आबादी शहरों की ओर खिंची चली आती है। परीक्षा केंद्र चूंकि शहरों में ही होते हैं, इसलिए परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने से कई दिन पहले अपने लिए अस्थायी निवास की खोज करनी पड़ती है। लेकिन सप्ताह भर के आशियाने में हजार तकलीफें हैं। अस्थायी निवास (बासा) लेने में न केवल चौगुना किराया देना पड़ता है, बल्कि बेहद कम जगह में कई लोगों को सोना पड़ता है। लड़के तो किसी तरह तकलीफ उठा कर रह भी लेते हैं, लेकिन लड़कियों के साथ उनके मां-बाप व अभिभावक भी होते हैं, लिहाजा उन्हें एक छोटे से कमरे में तकलीफ के साथ समय गुजारना पड़ता है। यह बात अलग है कि मैट्रिक परीक्षा की सीढ़ी तय कर लेने का उत्साह उनकी तकलीफ को कम कर देता है।
मैट्रिक परीक्षा को ले दुकानदारों की चांदी
मैट्रिक की परीक्षा हर साल छोटे दुकानदारों के लिए खुशी लेकर आती है। इसके लिए इस बार भी दुकानदारों ने पहले से ही तैयारी कर रखी है। कॉपी, कागज, कलम व राइटिंग पैड सहित पान, गुटखा आदि की भी जोरदार बिक्री हो रही है।
कचहरी के निकट दुकान चलाने वाले मोहन गुप्ता ने बताया कि मैट्रिक परीक्षा के लिए सबसे अधिक राइटिंग पैड व कलम की मांग रहती है। लिहाजा इसके लिए पहले से ही तैयारी करनी पड़ी है। वहीं, बस स्टैंड रोड में किताब की दुकान चलाने वाले मिश्रा बुक डिपो के प्रमोद मिश्रा ने बताया कि मैट्रिक परीक्षा के लिए गेस पेपर व सफलता सोपान आदि किताब खरीदने के लिए छात्र छात्रा लगातार आ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार मैट्रिक परीक्षा के दौरान छात्रापयोगी सामान व किराना तथा भोजन की दुकानों में लगभग डेढ़ करोड़ का कारोबार होता है।
बोर्ड परीक्षा को ले मेले जैसा नजारा
मैट्रिक परीक्षा के दौरान जिले के शहरों की आबादी में तकरीबन तीस से चालीस हजार का अस्थायी इजाफा हो जाता है। मेला मानसिकता वाली ग्रामीण आबादी के लिए मैट्रिक परीक्षा की अवधि किसी मेले से कम नहीं। परीक्षा को लेकर जहां मिठाई की दुकानों को व्यापक तरीके से सजाया गया है, वहीं मांग बढ़ जाने के कारण हरी सब्जी के दाम भी तेज हो गए हैं।
वहीं, इस बार भले ही परीक्षा केंद्रों के निकट भीड़भाड़ गायब है, लेकिन सुरक्षित दूरी पर अभिभावक जरूर अपने बच्चों की प्रतीक्षा में खड़े रहते हैं। इस कारण चाय पान व गुटखा आदि बेचने वाले जम कर बिक्री कर रहे हैं।
परीक्षा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
जिले के 41 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हो रही मैट्रिक परीक्षा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सभी केंद्रों पर एक प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी के अलावा एक एक सब इंस्पेक्टर तैनात किए गए हैं। सभी सब इंस्पेक्टर के साथ माहौल को शांत बनाये रखने के लिए चार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। परीक्षा पूर्व जिला पदाधिकारी एम सरवणन एवं एसपी शिवदीप लांडे द्वारा जारी संयुक्त आदेश के मुताबिक जिले में कुल 41 दंडाधिकारी, 41 सब इंस्पेक्टर तथा 164 पुलिस कर्मियों को परीक्षा के सफल संचालन का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा दोनों अनुमंडलों में चार-चार गश्ती दल की प्रतिनियुक्ति की गई है। परीक्षा संपन्न होने के साथ ही नियुक्त दंडाधिकारी को तीन बजे शाम तक जिला नियंत्रण कक्ष में रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है।
फोटो- 24 एआरआर- 9
कैप्शन- परीक्षा देते परीक्षार्थी
मैट्रिक परीक्षा : तीसरे दिन सात परीक्षार्थी निष्कासित
मैट्रिक परीक्षा के तीसरे दिन जिले में प्रशासनिक खनक देखने को मिली। शुक्रवार को अररिया अनुमंडल में एक भी परीक्षार्थी का निष्कासन नहीं हुआ। जबकि एक बार फिर फारबिसगंज में सात परीक्षार्थी नकल करने के आरोप में परीक्षा से निष्कासित किए गए। इधर, परीक्षा को लेकर अररिया में एसडीओ डॉ. विनोद कुमार, एसडीपीओ मो. कासिम, उड़न दस्ता दंडाधिकारी जफर रकीब व सदनलाल जमादार, गश्ती दल दंडाधिकारी डॉ. बैजू झा, अनिरूद्ध प्रसाद यादव, नागेन्द्र पासवान, विद्यानंद ठाकुर, फारबिसगंज में डीईओ राजीव रंजन प्रसाद, एसडीओ जीडी सिंह आदि ने कई केंद्रों का जायजा लिया।

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