Thursday, February 23, 2012

जज्बे के आगे हार रही तकलीफ


फारबिसगंज (अररिया) : दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो लक्ष्य पाने की राह में आने वाली बाधाएं भी डिगा नही सकती है। यह देखने को मिल रहा है फारबिसगंज के मैट्रिक परीक्षा केन्द्रों पर जहां शारीरिक कष्ट और विकलांगता से जूझ रहे विद्यार्थी भी परीक्षा दे रहे हैं। भगवती देवी गोयल बालिका उच्च विद्यालय परीक्षा केन्द्र पर बरामदें पर एक छात्रा अकेली बैठकर मैट्रिक परीक्षा दे रही है। परवाहा निवासी रतन देव की पुत्री परीक्षार्थी शिल्पी देवी उच्च विद्यालय सिमरबनी की छात्रा है। कुछ दिन पूर्व शिल्पी का पैर आग में झुलस गया था जिसमें वह बुरी तरह जख्मी हो गई थी। उसके परीक्षा में शामिल होने की संभावना भी कम हो गई थी। लेकिन शिल्पी (रोल नं. 069) ने हिम्मत नही हारी और अब वह इसबार मैट्रिक परीक्षा में शामिल है। केन्द्राधीक्षक सह प्राचार्य गीता देवी के द्वारा शिल्पी की सुविधा को देखते हुए उसे बरामदे पर बैठाया गया है। वह परीक्षा में शामिल होकर बेहद खुश है।
दूसरी तरफ गंगा सरस्वती विद्या मंदिर परीक्षा केन्द्र पर एक विकलांग छात्र बाहर बरामदे पर बैठाया गया है। वह परीक्षा में शामिल होकर बेहद खुश है।
दूसरी तरफ गंगा सरस्वती विद्या मंदिर परीक्षा केन्द्र पर एक विकलांग छात्र बाहर बरामदे पर बैठकर परीक्षा दे रहा है। दोनों पैर से विकलांग दीपक कुमार उमानाथ नाथ उच्च विद्यालय उदाहाट का छात्र है जोकि अररिया के बाटा वाजिदपुर निवासी गणेश लाल विश्वास का पुत्र है। बचपन से ही दोनों पैर से विकलांग होने के कारण बैसाखी के सहारे चलता है। लेकिन पढ़ने की इच्छा के आगे विकलांगता रोड़ा नही बन सका है। उसे उम्मीद है कि वह प्रथम श्रेणी से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करेगा। यहां भी केन्द्राधीक्षक के द्वारा दीपक की सुविधा को देखते हुए बाहर बरामदे पर बैठकर परीक्षा दिलाने की व्यवस्था की गई है।

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