अररिया : पुलिस ने गुरुवार को सोशल पुलिसिंग का आदर्श पेश किया। यह भी कि पुलिस केवल लाठी ही नहीं, समय पर मानवता की झलक भी दिखाती है।
इसी क्रम में एसपी शिवदीप लांडे ने ईट भट्ठा से मुक्त कराए गये 11 महिला व पुरुष मजदूरों को उनकी बकाया मजदूरी भी दिलायी। मजदूरी दिलाने के बाद पुलिस सभी मजदूरों को उनके पैतृक घर आसाम के कोकराझाड़ जिला अंतर्गत कमरपाड़ा गांव भेजवाने का निर्देश पुलिस कर्मियों को दिया। पुलिस के मानवीय चेहरे को देखकर मजदूर अभिभूत थे तथा उन्होंने एसपी को दिल से धन्यवाद दिया।
वहीं, मौके पर एसपी श्री लांडे ने बताया कि पुलिस का कर्तव्य कानूनी प्रक्रिया को संपन्न कराना जरूर है लेकिन इस प्रक्रिया से हटकर पीड़ितों को उसका हक दिलाना भी जरूरी है। यदि कार्य में पुलिस सफल होती है तो आम जनों के बीच पुलिस की छवि भी अच्छी होगी।
विदित हो कि एक सप्ताह पूर्व गुप्त सूचना के आधार पर एसपी श्री लांडे ने चातर के मटियारी स्थित हुस्ना ब्रिक्स ईट भट्टा में बंधक बनाकर काम करा रहे मजदूरों को रेस्क्यू करवाया था। बंधक बने मजदूरों ने एसपी के समक्ष खुलासा किया था कि चार सौ रुपये प्रति हजार की दर से ईट पाथने का मजदूरी तय हुआ। लेकिन भट्ठा कर्मियों ने उन्हें मजदूरी नही दी थी। मजदूरी मांगने पर उन लोगों को प्रताड़ित किया जाता था। मजदूरों ने इसकी सूचना एसपी तक पहुंचायी और उन लोगों को भट्ठा कर्मियों के बंधक से मुक्त कराया। मुक्ति के बाद चौकता के मुखिया मो. मोअज्जम आलम ने मध्यस्थता कर ईट भट्ठा मालिक से मजदूरों की बकाया राशि पुलिस को लाकर दी। राशि मिलने के एसपी ने मजदूरों को उनकी मजदूरी भुगतान करवा दी।
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