अररिया : अररिया में इतने घोटाले सामने आ गये हैं कि अब छोटी मोटी अनियमितता पर भी गबन की आशंका बन जाती है। कुछ ऐसा ही मामला मध्याह्न भोजन योजना के कार्यालय में प्रकाश में आया है। वित्तीय वर्ष 2009-10 में संवेदकों का चयन करने से पूर्व उनसे सुरक्षित जमा राशि के रूप में 10 हजार प्रति संवेदक की दर से 70 हजार की राशि ली गई थी। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि यह राशि कार्यालय के रोकड़ पंजी में दर्ज नही है। इसका खुलासा एमडीएम के प्रभारी पदाधिकारी रविन्द्र राम द्वारा अररिया बीईओ डा. बैजू झा को लिखे गए पत्र (पत्रांक 183, 15 फरवरी 12) से होता है।
पत्र के अनुसार उस समय डा. बैजू झा एमडीएम के प्रभारी पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे। श्री राम ने पत्र में डा. झा से पूरे मामला का कारण स्पष्ट करने को कहा है। उन्होंने इस पत्र की प्रति डीईओ को भी दी है। इधर मिली जानकारी के अनुसार डा. झा ने पूरा कागजात पत्र के जवाब में कार्यालय को उपलब्ध तो करा दिया है, परंतु श्री राम ने बताया कि कार्यालय में इस संबंध का कोई रिकार्ड नही है। एमडीएम प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि अब बैंक से मिलान करने के बाद ही वस्तुस्थिति स्पष्ट हो पायेगी। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कागजात, रिकार्ड उपलब्ध नही होने के बाद 70 हजार का हिसाब कैसे मिल पाएगा? कहीं यह राशि गबन तो नहीं कर ली गयी?
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