कुर्साकांटा (अररिया) : तस्करी व भारत विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी तो तैनात कर दिये गये हैं किंतु सरकार और जवानों की लापरवाही के कारण यहां उन्हें स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में कुर्साकाटा प्रखंड अंतर्गत बटराहा बीओपी के जवानों ने निर्दोष ग्रामीणों पर गोली चला दी थी जिससे चार लोगों की मौत मौके पर ही हो गयी थी। मामले की जांच अभी चल ही रही है कि एक और मामले में एसएसबी की किरकिरी होने लगी है। जिस जमीन पर फिलहाल एसएसबी का बटराहा बीओपी स्थापित है उसका मुआवजा अभी तक संबंधित ग्रामीणों को नहीं दिया गया है। अब जमीन के मुआवजे के लिए ग्रामीण आवाज उठाने लगे हैं। गोलीकांड की जांच के लिए बटराहा पहुंचे विपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के समक्ष बटराहा के आधा दर्जन ग्रामीणों ने मामला उठा दिया कि एक तो जबरन उन लोगों की जमीन बीओपी के लिए ले ली गई वहीं अभी तक उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं मिला है। श्री सिद्दीकी ने इसे घोर नाइंसाफी बताते हुए सरकार से संबंधित ग्रामीणों को अविलंब मुआवजा देने की मांग कर डाली है। इसके बाद यह मामला भी तूल पकड़ने लगा है। भारत-नेपाल सीमा पर कुर्साकांटा व सीमा से सटे अन्य प्रखंड अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) तैनात किये गये हैं। बहुत हद तक एसएसबी ने अपने स्थापना की महत्ता साबित भी की है। एसएसबी की तैनाती के बाद तस्करी व भारत विरोधी गतिविधियों पर कुछ हद तक अंकुश भी लगा है। परंतु सरकार की लापरवाही और कुछ जवानों की लापरवाही के कारण यहां स्थानीय लोगों के बीच एसएसबी की नकारात्मक छवि बनती जा रही है। बटराहा में बीओपी की स्थापना के लिए छोटे-छोटे किसानों की करीब दो एकड़ जमीन को अधिगृहित किया गया लेकिन अभी तक जमीन मालिकों को उसकी उचित मुआवजा राशि नहीं दी गई है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है। बटराहा के मुनी लाल सिंह, रसीद सिंह, भरचोल सिंह, मनीर अंसारी, नौसाद अंसारी और इमरान अंसारी ने बताया कि उनलोगों की करीब दो एकड़ जमीन जबरन कैंप के लिए अधिगृहित कर ली गई। उन लोगों ने बताया कि बिना उनकी अनुमति के ही जमीन ले ली गई। जब उन लोगों ने इसका विरोध किया तो कहा गया कि उचित मुआवजा दिया जायेगा। लेकिन आज तक उन लोगों को जमीन का कुछ भी मुआवजा नहीं दिया गया है और न जमीन का निबंधन कराया गया है। लोगों का कहना है कि सीमा सुरक्षा बल देश के रक्षक हैं, वे देशवासियों की रक्षा के लिए अपनी जान तक देने को तैयार रहते हैं किंतु यहां उल्टा ही हो रहा है। बटराहा गोली कांड की जांच करने आये नेता विपक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए सरकार से शीघ्र मुआवजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि
यदि ग्रामीणों व सीमा सुरक्षा बल के बीच दूरी बढ़ती गई तो फिर सीमा की सुरक्षा ही खतरे में पड़ जायेगी।
0 comments:
Post a Comment