Tuesday, November 23, 2010

साम्प्रदायिक सौहार्द जरूरी, आज लोग हैं परेशान : मतीन

अररिया, संवाद सहयोगी: मआशरे में फैली विभिन्न सामाजिक बुराईयां, गैर इसलामी रस्म रिवाज के कारण आज हर लोग परेशान हैं। दहेज जैसी बुराईयों के कारण आज समाज की हजारों लड़कियां शादी से महरूम हैं। यह बातें रविवार को एक अजीमुशान जलसे को संबोधित करते हुए मौलाना अमीन अहमद खान चतुर्वेदी ने कही। तंजीम असलाहे मआसरा अररिया के सौजन्य से बुधेश्वरी रामपुर में आयोजित जलसे को संबोधित करते हुए श्री चतुर्वेदी ने कहा कि समाज की तरक्की के लिए मआशरे में सुधार जरूरी है। तंजीम समाज में फैली तमाम तरह की छोटी छोटी बुराईयों को जलसे के माध्यम से समाप्त करने की कोशिश कर रही है। जलसे की अध्यक्षता करते हुए मौलाना मो. इशहाक ने कहा कि असलाहे मआशरा के लिए जरूरी है कि हम अपने बच्चों को बेहतर से बेहरत तालिम दें और बेकार के खर्चो से बचें। समाज में अमन शांति के लिए सभी धर्म के लोगों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द जरूरी है। जलसे को संबोधित करते हुए तंजीम के महासचिव मौलवी हदीशुल्लाह नसर भागलपुरी ने कहा कि सामाजी, तालिमी, बेदारी लाना, गरीब बच्चों की मदद करना, लड़कियों को शिक्षा के साथ साथ हुनर सिखाना, गरीब और बीमार का इलाज कराना तथा बैतुल माल का नज्म आदि कार्य तंजीम के माध्यम से किया जा रहा है। जलसे को मौलाना आबिद खान, मुफ्ती अतहर कासमी, गुलाम रब्बानी कासिर, मौलाना नसीमुद्दीन व हारूण रशीद ने भी संबोधित किया। जलसे का संचालन मौलाना हबीब ने किया। जलसे में इलाके के हजारों अकीदतमंद मौजूद थे।

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