अररिया : राजग सरकार के शासन काल में कानून व्यवस्था में बहुत हद तक सुधार हुआ है जिसका असर जिले में भी पड़ा है। बावजूद यहां अपराधियों के मनोबल को तोड़ा नहीं जा सका है। चोरी व डकैती जैसी घटनाओं के अलावा हत्या की कई घटनाएं यहां बीते वर्ष सुर्खियों में रही हैं। हालांकि हत्या की अधिकतर घटनाओं के पीछे घरेलू विवाद उभरकर सामने आये हैं। जनवरी से माह नवंबर तक 45 लोगों की जाने गयी हैं जिसमें अधिकांश हत्या दहेज के लिए अथवा अन्य घरेलू विवाद के कारण हुई। हालांकि ऐसी घटनाओं पर विराम लगाने के लिए अररिया पुलिस हर उपाय ढ़ूंढ़ रही है। आरक्षी अधीक्षक विनोद कुमार ने अनोखी पहल करते हुए नाटय मंच के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने की पहल शुरू की है। वहीं किसी भी आपराधिक घटना पर त्वरित कार्रवाई के लिए संपर्क अभियान चलाने का निर्देश दे रखा है। पुलिस का यह भी मानना है कि उनके लिये डकैती, लूट, चोरी एवं गृह भेदन जैसी घटनाओं पर लगाम लगाना उनकी पहली प्राथमिकता है और इसमें पुलिस बहुत हद तक सफलता भी पायी है।
पिछले वर्ष जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 45 डकैती की घटना घटी। जबकि इस वर्ष अब तक मात्र 12 डकैतियां पुलिस रिकार्ड में दर्ज की गई है। यद्यपि दो वर्षो के दौरान पुलिस ने करीब दो दर्जन से अधिक डकैतों को दबोचकर जेल भेजने में भी सफलता पायी है। इस दौरान पुलिस ने कई सरगना को भी दबोचकर गिरोह को तितर बितर किया है। वहीं सड़क लूटेरों ने पूर्व की तरह अपना वर्चस्व कायम रखा। पिछले वर्ष लूटेरों ने कुल 44 घटनाओं को अंजाम दिया जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 46 हो गयी है। जबकि अपहरण की भी कई घटनाएं इस वर्ष दर्ज की गई हैं। हालांकि उनमें शादी की नियत से या फिर बुरी नियत से अपहरण कर लेने की घटना अधिक हैं। इस वर्ष पुलिस को अब तक 76 से अधिक ऐसे मामलों से रूबरू होना पड़ा। युगल प्रेमी की करतूतों से उनके अभिभावकों को पुलिस का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इस दौरान कई मामलों में युगल प्रेमी शादी के बंधन में बंध गये और खुशी पूर्वक अपनी जिंदगी भी व्यतीत कर रहे हैं। लेकिन पुलिस परेशान इस बात को लेकर है कि कहीं ऐसी घटनाओं का प्रभाव समाज पर गहरा न पड़े। चूंकि पिछले वर्ष जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में ऐसे मामले दर्ज किये गये थे लेकिन इस वर्ष इसमें दोगुना से अधिक वृद्धि हुई है।
लेकिन, आपराधिक घटनाओं में हत्या के मामले में जिले का रिकार्ड खराब रहा। जनवरी में पांच, अप्रैल में छह मई एवं जुलाई माह में भी छह हत्याएं हुई। हत्या की शुरूआत जनवरी माह में ही हो गई जब कड़ाके की ठंड के बीच मजदूर दीपू ऋषिदेव की हत्या स्थानीय चौकीदार ने अपने सहयोगियों के साथ कर दी। उसके ठीक दो दिन बाद रूपैली से आगे एक ईंट भट्टा के निकट एक मजदूर की हत्या कर गेहूं के खेत में फेंक दिया गया। नरपतगंज थाना क्षेत्र के खुटहा बैजनाथपुर में पांचू मियां की हत्या घास काटने के विवाद में हो गयी। नगर थाना क्षेत्र के दियारी में पिछले माह ही एक महिला की हत्या घरेलू विवाद में उनके पति ने ही कर दी। भरगामा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव में फुलकुमारी की हत्या पीट पीटकर कर दी गयी। फिर साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शव को आग के हवाले कर दिया लेकिन पुलिस मौके पर पहुंच गयी। इसी माह नगर थाना क्षेत्र के बीबी नोखेज की हत्या तेजाब पिलाकर की गयी। मामले को उनके पति ने मोड़ने का प्रयास किया लेकिन पुलिस जल्द ही उन्हें भांप गयी। भरगामा में एक क्रूर पिता ने अपने तीन वर्षीय पुत्री की हत्या जमीन पर पटकर कर दी। नरपतगंज में दहेज लोभियों ने मंजू देवी की हत्या महज एक मोटरसाइकिल के लिये कर दी। गत 28 नवंबर को सिमराहा गांव में शंकर मंडल ने अपनी पत्नी अनिता देवी की हत्या सहयोगियों के साथ पीट पीट कर कर दी। घरेलू विवाद में ऐसी घटनाएं घटी जिसके जड़ में अशिक्षा एवं दुराग्रह खुलकर सामने आया।
महीना हत्या डकैती लूट गृहभेदन चोरी
जनवरी 5 - - 6 33
फरवरी 3 - 5 3 19
मार्च 3 3 6 1 21
अप्रैल 6 2 4 5 12
मई 6 3 3 - 20
जून 3 2 8 2 21
जुलाई 6 - 5 1 12
अगस्त 3 - 5 4 22
सितंबर 2 - 4 6 18
अक्टूबर 4 2 3 3 16
नवंबर 4 - 3 2 14
45 46
0 comments:
Post a Comment