Sunday, November 14, 2010

शिक्षा दिवस के रूप में मना मौलाना आजाद डे

अररिया, संस.: भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबूल कलाम आजाद की 122वीं जयंती को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर गुरुवार को अररिया स्थित आजाद एकेडमी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में हाजी मोईदूर्रहमान ने भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ महान शिक्षाविद व विचारक थे। लोगों को उनकी धर्म निरपेक्ष छवि को आत्मसात करना चाहिए। श्री रहमान ने कहा कि बच्चों को अगर जीवन में सफलता होने के लिए बड़े सपने देखने होंगे। मौलाना आजाद डे पर बोलते हुए सदरे आलम ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम शिक्षा साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रतीक थे।
सचिव अब्दुल सलाम, पूर्व प्राचार्य कमर मसूद, मुश्ताक आलम, शफी आलम, एखलाकुर रहमान, सैयद शमीम अनवर, अनवार इंजीनियर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मंच संचालन विज्ञान शिक्षक अरशद अनवर अलीफ ने की। मौके पर स्कूली बच्चों के दरम्यान भाषण, क्विज, वादविवाद प्रतियोगिता आयोजित की गयी। इस अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए। विभिन्न प्रतियोगिता में विजयी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया।
दूसरी ओर मौलाना आजाद डे के मौके पर मौलाना आजाद एडुकेशनल एण्ड वेलफेयर फाउंडेशन आजाद नगर में भी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मौके पर फाउंडेशन के निदेशक असरार अहमद ने कहा कि मौलाना आजाद शिक्षा के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण कार्यो के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे। वे भारत में ऐसी शिक्षा के पक्षधर थे जिससे भारतीय सद्दाम में भाईचारगी के रिश्ते मजबूत हो सके। मौके पर अफसाना परवीन, रफी हैदर, रजी अहमद, इश्तियाक आलम ने भी अपने विचार प्रकट किए।

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