Thursday, March 17, 2011

वृक्ष के नीचे तरासा जा रहा भविष्य


अररिया : अररिया में करीब ढ़ाई सौ बच्चों का भविष्य वृक्षों के नीचे तरासा जा रहा है। ये ग्रामीण क्षेत्र का वाकया नहीं बल्कि जिला मुख्यालय,जहां संबंधित
विभाग से लेकर जिले के सबसे आला अधिकारी बैठते हैं, वहां का नजारा है। सरकार की नीतियों का सरजमीं पर हस्र का यह एक मिसाल भर है। वार्ड नंबर 28 भगत टोला के लिए स्वीकृत प्राथमिक विद्यालय वर्ष 1999 से शिवपुरी वार्ड नंबर नौ स्थित कोल्ड स्टोर के निकट चल रहा है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों की राय तो और चौकाने वाली है। जिला शिक्षा अधीक्षक अहसन कहते हैं विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है,जिस कारण भवन का निर्माण नहीं हो रहा है। जबकि प्रखंड शिक्षा अधिकारी बैजू झा कहते हैं कि जमीन तो मिल गई है, शीघ्र ही भवन निर्माण कराया जायेगा।
एक ओर सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए पैसे पानी की तरह बहा रही है, वहीं यहां के एक स्कूल को बारह वर्षो से भवन नसीब नहीं हो पाया है। वार्ड नंबर 28 भगत टोला के लिए स्वीकृत प्राथमिक विद्यालय में 276 छात्र छात्राएं नामांकित हैं। कोल्ड स्टोर के निकट सेवा सदन है जिसके दो कमरे में फिलहाल मुश्किल से 50 बच्चे बैठ पाते हैं। जबकि शेष बच्चे खुले आसमान के नीचे वृक्ष तले पढ़ने को विवश हैं। उक्त विद्यालय में पदस्थापित सभी शिक्षक महिला ही हैं। लेकिन स्कूल में न तो एक अदद चापाकल है और न ही शौचालय। जिस कारण छात्रा समेत तमाम शिक्षिकाओं को काफी परेशानी हो रही है। प्रा.वि. भगत टोला की हेडमास्टर बिंदुलता कुमारी कहती हैं कि भगत टोला में जमीन नहीं रहने पर वार्ड नंबर आठ के लोगों ने तीन वर्ष पूर्व ही 10 डिसमिल जमीन विद्यालय निर्माण हेतु दान में दिया है। इसके बावजूद भवन निर्माण नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस विषय को लेकर वे बीईओ, डीएसई व डीएम से मिली लेकिन कार्रवाई अब तक शून्य है। दिलचस्प बात तो यह है कि इस विद्यालय के मामले में डीएसई व बीईओ की एक राय नहीं है। डीएसई अहसन कहते हैं कि स्कूल जहां के लिए स्वीकृत है वहीं बनाया जायेगा। जबकि बीईओ डा. बैजू झा ने कहा कि जमीन तो उपलब्ध हो गयी है।
सरकार एक तरफ अनिवार्य शिक्षा कानून लागू कर हरेक छात्र तक गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के साथ साथ स्कूलों को पूर्ण रूप से व्यवस्थित करने की बात कर रही है। लेकिन विडंबना ही है कि एक स्कूल पिछले 12 वर्षो से बिना भवन के संचालित हो रही है।

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