Saturday, December 24, 2011

भारतीय सीमा पर चीन का षड्यंत्र जारी: डा. रामनरेश


फारबिसगंज(अररिया) : भारत से लगे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन का षड्यंत्र चल रहा है। पूरे भारतीय उपभोक्ता बाजार को चीन निगल जाने की तैयारी में है। लेकिन विद्यार्थी परिषद इस षड्यंत्र के खिलाफ आंदोलन अब और तेज करेगा।
अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रामनरेश सिंह ने यहां 53 वें प्रांतीय अधिवेशन के दूसरे दिन फारबिसगंज रेलवे स्टेशन परिसर में आयोजित खुला अधिवेशन को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही। डा. सिंह ने कहा कि भारत तथा नेपाल से सटे सीमा क्षेत्र पर चीन सुनियोजित तरीके से विस्तारवादी नीति अपनाये हुए है। चीनी लड़के लड़कियां भारत तथा नेपाल में शादी विवाह कर यहां खुफिया काम कर रहे हैं। जबकि भारत सरकार चुप बैठी है जो खुद षड्यंत्र का हिस्सा बनी हुई है। श्री सिंह ने कहा कि फारबिसगंज का यह अधिवेशन अंतरराष्ट्रीय इतिहास लिखेगा। उन्होंने कहा कि चीन के द्वारा भारतीय पानी पर भी कब्जा किया जा रहा है। अमेरिका का भू-मंडलीकण, चीन की विस्तारवादी नीति, बांगलादेश की घुसपैठ, भारत को घेरने और कमजोर करने की तैयारी है। भारतीय सीमाई क्षेत्र आज खतरे में है। श्री सिंह ने कहा कि भारत में दीपावली की रोशनी, खिलौना, दवा, आयुध, इलेक्ट्रानिक सामान सहित तमाम आवश्यक वस्तुओं पर चीन निर्मित सामग्री का कब्जा हो गया है। विद्यार्थी परिषद इस षड्यंत्र को लेकर सीमा क्षेत्र में सक्रिय हो चुका है। मंच संचालक प्रदेश मंत्री प्रवीण कुमार ने राष्ट्रीय सुरक्षा शिक्षा पर विचार रखा। वहीं मंचासीन नये प्रदेश अध्यक्ष प्रो. कामाख्या प्रसाद सिंह, राजेश सिन्हा, शिवशंकर सरदार, राहुल यादव, पम्मी सिंह, संजीव दास ने भी संबोधन किया। इससे पूर्व कार्यकर्ताओं द्वारा शहर में भव्य एवं विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी। जो विद्या मंदिर स्थित अधिवेशन स्थल से निकलकर कई मार्गो से होता हुआ रेलवे स्टेशन परिसर पहुंचा। वंदे मातरम सहित कई देश भक्ति नारों से शहर गूंज उठा। शोभा यात्रा में हजारों कार्यकर्ता शामिल थे।
बाक्स के लिए
सांसद विधायक को नहीं मिली जगह
फारबिसगंज: अभाविप के खुला अधिवेशन में शनिवार को अधिवेशन मंच पर सांसद विधायकों को भी जगह नहीं मिल सकी। मंच विशुद्ध रूप से परिषदमय रहा। सांसद प्रदीप सिंह, विधायक पदम पराग राय वेणु, देवयंती देवी, परमानंद ऋषिदेव सहित अन्य भाजपा नेताओं के लिए मंच के अलग बैठने की व्यवस्था की गयी थी। अधिवेशन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे थे।

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