Tuesday, December 20, 2011

हौसले ने किया विकलांगता को पराजित


बथनाहा (अररिया) : बचपन से वह अपने दोनों पैर से विकलांग पोलियोग्रस्त है। बावजूद इसके यह विकलांगता कमी उसके जीवन का अवरोधक नही बन पायी। क्योंकि यह शारीरिक विकलांगता कभी उसके मन-मस्तिष्क को विकलांग नही बना पायी।
वह बारह वर्ष का था तबसे वह अपने परंपरागत पेशे से जुड़ गया और आज वह अपनी ट्राई साइकिल से प्रतिदिन 3 से 4 किमी की दूरी तय करके आता है और बथनाहा हाट व वीरपुर मोड़ चौड़ाहे के फुटपाथ पर अपनी दुकान लगाता है।
वह प्रतिदिन दूसरों के चप्पल जूतों की मरम्मत कर स्वयं व अपने परिजन की गुजर करता है।
आज जब विकलांगता का ढोंग रच कर भीख मांगने वालों की तादाद काफी है अमौना पंचायत के मीरगंज गांव के 20 वर्षीय विकलांग विनोद राम का जज्बा एवं हौसला क्षेत्र में मिसाल बनी है। दोनों पैर से विकलांग विनोद न केवल अपने परिवार का सहारा बना हुआ है बल्कि विकलांग होने के बावजूद वह दुनियां को पैरों पर खड़ा होने की राह दिखा रहा है। हालांकि आज तक उसे पंचायत या अन्य स्तर पर कोई सरकारी सहायता नही मिल पायी है।
विनोद ने बताया कि अपने कमाई में से थोड़े-थोड़े पैसे जमा कर उसने कबाड़ी से एक ट्राई साइकिल खरीदा फिर उसे मरम्मत करवा कर उसी से आता जाता है। वर्ना इससे पहले वह टायर आदि अपने कमर के नीचे बांधकर उसके सहारे घसीट-घसीट कर आता-जाता था। वहीं पंचायत के मुखिया पति सह जदयू नेता मुन्ना खान ने कहा कि बहुत जल्द विनोद को इंदिरा आवास व अन्य सरकारी सहायता देकर उनकी मदद की जायेगी।

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