Tuesday, March 8, 2011

मनरेगा: 40 दिनों का रोजगार भी नहीं मिला मजदूरों को



अररिया : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की स्थिति जिले में काफी खस्ताहाल है। पूरे एक वर्ष में पंचायतों में मात्र 20-25 लाख रुपये ही खर्च किये गये हैं जो लक्ष्य से काफी कम है। मंगलवार को समाहरणालय में मनरेगा की समीक्षा करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त ब्रजेश मेहरोत्रा ने जिले के हालात पर नाराजगी जतायी। बैठक के बाद प्रमंडलीय आयुक्त ने जिला परिवहन विभाग की भी समीक्षा बैठक भी साथ ही उन्होंने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया एवं अस्पताल परिसर में वृक्षारोपण किया। कमीश्नर श्री मेहरोत्रा ने दोनों विभागों की लचर व्यवस्था पर भी चिंता जतायी तथा सुधार के कई निर्देश दिये।
डीएम कक्ष में मनरेगा अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान आयुक्त श्री मेहरोत्रा ने पिछले एक वर्ष के दौरान संचालित योजनाओं की सूची व खर्च विवरण देख आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अधिनियम के अनुसार 100 दिन का रोजगार देना है। लेकिन शर्मनाक है कि 40 दिन का रोजगार भी मात्र 13 फीसदी मजदूरों को मिला है। उन्होंने प्रत्येक प्रखंड में मजदूरी के लिए आवेदन एकत्र करने के लिए बाक्स देने का निर्देश डीएम को दिया। उन्होंने भरगामा, सिकटी, कुर्साकांटा प्रखंड में मनरेगा की स्थिति पर क्षोभ व्यक्त किया। बैठक में डीएम एम. सरवणन एनईपी निदेशक विजय कुमार, मनरेगा के कार्यपालक अभियंता सुरेश प्र. सिंह, लेखा पदाधिकारी मुकेश कु., परियोजना अर्थशास्त्री मनोज कुमार, एडीपीआरओ योगेन्द्र कुमार लाल, पवन कुमार आदि मौजूद थे। इसके बाद आयुक्त ने परिवहन विभाग की बैठक में भी वहां की लचर व्यवस्था पर खेद जताते हुए उसमें तुरंत सुधार लाने का कड़ा निर्देश दिया। वहीं निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था देख कर वे विफर उठे तथा आउटसोर्सिग को कई निर्देश दिये। इससे पूर्व आयुक्त को पुलिस जवानों द्वारा गार्ड आफ आनर दिया गया।

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