Monday, March 7, 2011

सत्संग गंगा के समान : स्वामी व्यासानंद


सिकटी, (अररिया) : राष्ट्रीय संतमत सत्संग का दो दिवसीय जिला स्तरीय वार्षिक अधिवेशन प्रखंड क्षेत्र के बोकंतरी पंचायत के सेना मैदान में रविवार की संध्या संपन्न हो गया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए स्वामी व्यासानंद जी महाराज ने कहा कि सत्संग गंगा के समान है जो मनुष्य के सारे पापों को बहाकर ले जाता है। जबकि ध्यान आग के समान है जो मनुष्य के सारे कुकर्मो को जलाकर राख कर देता है। संत सदगुरू के ध्यान से ही मुक्ति मिल सकती है। स्वामी जी ने कहा कि बड़ी मुश्किल से ही मनुष्य का शरीर मिलता है, बावजूद यदि समय निकालकर भजन नहीं किया गया तो फिर आत्मा चौरासी लाख योनि में भटकने को विवश हो जायेगा। इसलिए मनुष्य को ईश्वर का भजन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भोजन से शरीर की सुरक्षा होती है, स्नान से स्वास्थ्य की सुरक्षा होती तथा दान से धन की सुरक्षा और सत्संग से आत्मा की सुरक्षा होती है। विधायक आनंदी प्रसाद यादव ने भी स्वामी जी को धन्यवाद ज्ञापन किया। आयोजन को सफल बनाने में पंसस सुरेन्द्र विश्वास, सरपंच प्रतिनिधि श्री प्रसाद यादव, गीरानंद चौधरी, उदय चंद साह, रामकृष्ण विश्वास, बालेश्वर विश्वास, शंभू प्रसाद विश्वास, खुर्शीद आलम, जयप्रकाश विश्वास, जितेन्द्र आदि ग्रामीणों का पूरा सहयोग रहा।

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