Monday, October 24, 2011

अररिया की परमान नदी में मिली कैट फिश


अररिया  : अररिया जिले की प्रमुख नदी परमान में कैट फिश का पता चला है। इसे यहां के मछुआरे बघार के नाम से जानते हैं और स्थानीय बाजार में इसे सामान्य तौर पर बेचा खरीदा जाता है।
यहां के मछुआरों की मानें तो यहां की नदियों में दो मन (अस्सी किलोग्राम) तक की बघार मछली पायी गयी है। इसका रंग मटमैला भूरा होता है तथा डारसल फिन के बगल में सुस्पष्ट काले पैच होते हैं। वहीं, पूंछ का ऊपर वाला सिरा लंबा होता है तथा शरीर पर स्केल नहीं होते। इस मछली के डारसल फिन के निचले हिस्से में तीखे कांटे (बारबेल) होते हैं, जिनका उपयोग यह शिकार को घायल करने के लिए करती है। बड़े आकार की बघार कई मौकों पर नरभक्षी भी हो जाती है।
इन्साइक्लोपीडिया आफ नेचुरल हिस्ट्री के अनुसार इस मछली का बायोलाजिकल नेम बगारियस है तथा इसे उत्तर भारत में गूंच
के नाम से जाना जाता है। इसका अधिकतम वजन 250 किग्रा तक पाया गया है। ज्ञात हो कि यूरोप व अमेरिका की नदियों में बड़े आकार की कैट फिश को रिवर मांस्टर की संज्ञा प्राप्त है।
जिले की परमान, बकरा, कनकई आदि नदियों में कई अन्य प्रकार की दुर्लभ मछलियां भी पायी जाती हैं। इनमें से कुछ एक्वेरियम फिशेज हैं। इस प्रजाति की मछलियों में टाइगर फिश प्रमुख है। इसे लोकल स्तर पर बाघी के नाम से जाना जाता है। इसके शरीर का रंग चटख पीला होता है व उस पर बाघ जैसी काली स्ट्राइप्स होती हैं।

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