Monday, October 24, 2011

उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे है प्रखंड के सैकड़ों छात्र-छात्राएं


जोकीहाट (अररिया) : अररिया जिले में एकमात्र प्रखंड जोकीहाट ऐसा है जहां एक भी प्राइवेट या सरकारी कालेज नही है। कालेज के अभाव में क्षेत्र के सैकड़ों छात्र-छात्रा मैट्रिक से आगे तक की पढ़ाई नही कर पाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पैसे वाले लोग तो अपने बच्चों को अररिया, पटना, दिल्ली भेजकर पढ़ा लेते हैं लेकिन आर्थिक तंगी से गुजर हरे अधिकांश किसानों एवं मजदूरों के बच्चे उच्च शिक्षा की तमन्ना दिल में दफना देते हैं। इस सिलसिले में पूछने पर कई अभिभावक व छात्र ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किये हैं।
क्या कहते हैं लोग-
1. कौसर जिया पूर्व मुखिया सिसौना ने बताया कि जोकीहाट प्रखंड गरीब-गुरबों का इलाका है। यहां की अधिकांश आबादी कृषकों की है। छोटे व मझोले किसान अपने बच्चों को बाहर भेजकर पढ़ा नही सकते क्योंकि वहां खर्च काफी आता है।
2. जोकीहाट बाजार निवासी संजय भगत ने बतया कि बच्चों की पढ़ाई के कारण कई व्यवसायी बाजार छोड़कर अररिया में रहने लगे हैं।
3. चंदन कुमार शर्म सिसौना निवासी जो मैट्रिक पास कर प्रखंड कार्यालय के निकट पान की दुकान चला रहे हैं उन्होंने बताया सर हम गरीब लोग हैं। पढ़ने की लालसा आगे भी थी लेकिन कालेज के अभाव में पढ़ाई छोड़ दिये।
4. चकई गांव के निवासी चन्द्र किशोर गुप्ता बताते हैं कि खासकर ग्रामीण इलाकों की छात्राओं के कालेज के अभाव में पढ़ाई से वंचित रहना पड़ता है।
हालांकि 1984-85 में एक प्राइवेट कालेज किसान कालेज की स्थापना हुई थी लेकिन लगभग छह वर्षो से उक्त एकमात्र कालेज से छात्र-छात्राओं क पठन-पाठन अवरुद्ध है। इस संबंध में पूछने पर किसान कालेज के सचिव बेचन झा ने बताया कि तकनीकी कारणों से पठन-पाठन अवरुद्ध था। कालेज प्रबंधन जल्द ही पठन-पाठन चालू कराने को प्रयासरत है। गौरतलब है कि अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद एक भी उच्च शिक्षा का संस्थान नही होने से क्षेत्र के लोगों के लिए बच्चों पढ़ाना एक बड़ी मुसीबत लगता है। ऐसे में इलाके के अधिकांश छात्र-छात्राओं का शैक्षिक भविष्य दाव पर है।

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